वाराणसी, यूपी। वाराणसी में नगर निगम और प्रवर्तन दस्ते के अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई के दौरान एक महिला की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि नगर निगम का प्रवर्तन दल गुरुवार दोपहर में सारनाथ म्यूजियम के आसपास का अतिक्रमण हटाने पहुंचा। थाई मंदिर के समीप ही सिंहपुर निवासी शकुंतला देवी (70) का नारियल, पानी व मूंगफली का ठेला था।
प्रवर्तन दल शकुंतला देवी के ठेले को ट्रक पर लादने लगा, महिला के गुहार लगाने पर भी उनकी एक न सुनी और प्रवर्तन दस्ते के कर्मी ने महिला को धक्का दे दिया जिससे ठेले पर रखा सारा समान सड़क पर बिखर गया। इस दौरान वृद्धा की सदमे में मौत हो गई। स्थानीय लोगों का विरोध होता देखा अतिक्रमण हटाने वाले टीम मौके से खिसक गई।
घटना को लेकर स्थानीय ठेला पटरी व्यवसायियों में रोष व्याप्त है। उन्होंने चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, साथ ही जिलाधिकारी और नगर आयुक्त को बुलाने की मांग पर अड़ गए, मौके पर भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात है। इधर, मामले को लेकर कांग्रेस, सपा, जअपा, किसान मोर्चे और भाकपा ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है।

हाल ही में मोदी ने दिया था 50 हजार लोन का चेक
जानकारी के मुताबक अतिक्रमण हटाने और हादसे के बाद सूचना पर शकुंतला देवी के पुत्र व सारनाथ पटरी ठेला व्यवसायी संघ के सचिव रामचंद्र प्रजापति मौके पर पहुंचे। आननफानन मां को लेकर अस्पताल गए। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सचिव प्रजापति ने “जनचौक” को बताया कि “मेरी मां बीमारी नहीं थी। नगर निगम वीडीए के प्रवर्तन दस्ते के मनमाने करवाई से मेरी मां की मौत हो गई। वह पूरे बनारस की मां थी। 24772 वेंडरों की मां थी। प्रधानमंत्री ने वाराणसी आगमन के दौरान पीएम स्वनिधि योजना के तहत 50 हजार का ऋण दिया था।

उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार ठेला व्यवसाय को प्रोत्साहन देने का काम कर रही है वहीं नगर निगम और पुलिस अतिक्रमण के नाम पर उनका शोषण कर रही है।
बेटा बोला- मां ने रखा था नवरात्र का व्रत
शकुंतला देवी के बेटे रामचंद्र प्रजापति ने बताया कि उनकी मां ने नवरात्र का व्रत रखा था। गुरुवार को पूजा-पाठ करके ठेला लगाने आई थीं। नगर निगम द्वारा ठेला हटाने का सदमा बर्दास्त नहीं कर सकी और उनकी मौत हो गई। आक्रोशित ठेला व्यवसायियों ने चक्का जाम कर दिया। मौके पर पुलिस मौजूद है।

गरीबों को उजाड़ रही सरकार- अजय राय
सारनाथ में घटी घटना को लेकर कांग्रेस नेता अजय राय ने भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के सारनाथ में बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक चले अतिक्रमण अभियान में अपनी जीविका उजड़ने के कारण शकुंतला देवी के निधन की सूचना हृदयविदारक है। सत्ता के घमंड में चूर भाजपा सरकार से पीड़ित परिवार के लिये उचित मुवावजे की मांग करता हूं। बाबा विश्वनाथ से मृतक की आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं।
इससे पहले भी जी-20 को लेकर शहर के दशाश्मेध घाट से सटे ऐतिहासिक चितरंजन पार्क के किनारे रखी गुमटियों को रौंदते हुए वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) और नगर निगम के बुलडोजर ने बेरहमी से रौंद दिया था। इस मनमाने कार्रवाई में तकरीबन 80 रिफ्यूजी परिवारों के दुकानें नष्ट कर दी गई थी। ये गुमटियां पाकिस्तान से आए सिंधी समुदाय के उन रिफ्यूजी परिवारों की थीं, जिन्हें भारत सरकार ने आजीविका चलाने के लिए अलॉट किया था।
मनमाने तरीके से उजड़ा जा रहा
इस घटना से क्षुब्ध होकर दूसरे फेरी, पटरी और ठेला व्यवसायियों ने विरोध में पुरातात्विक संग्रहालय के पास की दुकानें बंद कर दीं। वहीं, काफी लोग धरने पर बैठ गए हैं और न्याय की गुहार लगा रहे हैं। वेंडर मौके पर जिलाधिकारी और नगर आयुक्त को बुलाने की मांग कर रहे हैं। फेरी, पटरी और ठेला व्यवसायी समिति ने प्रशासन से 3 मांगें रखी हैं।
उनका कहना है कि दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई हो। G-20 के नाम पर चल रहे ठेला पटरी व्यवसायियों को वेंडिंग जोन से उजाड़ने की इस असंवैधानिक अभियान को रोका जाए। इसके अलावा पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है। शकुंतला देवी को तीन लड़के और दो लड़कियां हैं। सभी की शादी हो चुकी है।
(वाराणसी से पवन कुमार मौर्य की रिपोर्ट)