एक तरफ केंद्र सरकार 28 मई को नई दिल्ली में नए संसद भवन के भव्य उद्घाटन की तैयारी कर रही है, तो दूसरी तरफ महिला पहलवान इसके विरोध की तैयारियों में जुटी हैं। महिला पहलवानों का साथ देने के लिए हरियाणा के कई अलग-अलग संगठन जैसे किसान संघों से लेकर खाप पंचायतों तक रविवार को नये संसद भवन के सामने महापंचायत आयोजित करेंगे।
इससे पहले हरियाणा में जींद-नरवाना राष्ट्रीय राजमार्ग पर खटकड़ टोल प्लाजा पर गुरुवार को किसान पंचायत बुलाई गई। जिसमें, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी मौजूद थे। मलिक ने बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट समेत किसान संघों के नेताओं और कई पहलवानों के साथ मंच साझा किया। ओलंपिक पदक विजेता पुनिया और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता फोगाट दोनों नये संसद भवन के सामने होने वाली महापंचायत के लिए हरियाणा और पड़ोसी राज्यों से समर्थन मांग रहे हैं।
कार्यक्रम में विनेश फोगाट ने बृजभूषण के खिलाफ अब तक कार्रवाई न किए जाने की आलोचना करते हुए कहा कि, “जब हमने अपने देश के लिए पदक जीते तो हमें महसूस कराया गया कि इस देश में बेटियों को बहुत सम्मान मिलता है। लेकिन आज वही बेटियां इंसाफ के लिए सड़कों पर बैठने को मजबूर हैं और किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। यह हमारे तिरंगे के सम्मान की लड़ाई है। 28 मई को संसद भवन के बाहर महापंचायत होगी।”
फोगाट ने आगे कहा कि “हम इस देश के सभी युवाओं और महिलाओं से अपील करते हैं कि वे नई दिल्ली पहुंचें और इस महापंचायत में भाग लें। हम बृजभूषण जैसे ऐसे सभी लोगों को बाहर कर देंगे, जो न केवल कुश्ती में, बल्कि कई खेल संघों में भी प्रमुख पदों पर काबिज हैं।”
एक तरफ तो 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सपने को साकार करते हुए सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक, नए संसद भवन का उद्घाटन करने के लिए तैयार हैं, तो वहीं हरियाणा में सियासी पारा गर्म हो गया है।
पूरे राज्य में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहे असंतोष को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अप्रैल से ही पूरे राज्य में “जनसंवाद” कार्यक्रम आयोजित करना पड़ा है। वह प्रत्येक जिले में तीन दिन बिता रहे हैं और खास तौर से ग्रामीण मतदाताओं से बातचीत कर रहे हैं। खट्टर ने अब तक भिवानी, पलवल, कुरुक्षेत्र और सिरसा के चार जिलों में जाकर लोगों से बातचीत की है और 55 से अधिक गांवों का दौरा किया।
सिरसा में उनके कार्यक्रमों को लगातार तीन दिनों तक रोकने की कोशिश की गई। जिसमें एक महिला सरपंच ने खट्टर के पैरों पर अपना दुपट्टा रख दिया था। जिसके लिए खट्टर ने कुछ राजनीतिक दलों को दोषी ठहराया और प्रशासन को इन्हें रोकने का निर्देश दिया। खट्टर ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की जो किसी दूसरे राजनीतिक दल के कार्यक्रम में बाधा डालने की कोशिश करते हैं।
महापंचायत के सवाल पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि, ”आंदोलन करने वाले पहलवानों की समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा। दोनों पक्ष पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए राजी हो गए हैं। दिल्ली पुलिस पहले से ही मामले की जांच कर रही है।“ उन्होंने कांग्रेस पर आग में घी डालने और लोगों को भड़काने का आरोप लगाया।
पहलवानों के विरोध से हरियाणा की खट्टर सरकार दबाव में है। पहलवानों को चौतरफा समर्थन मिल रहा है। उन्हें विपक्ष, किसान संगठनों औऱ खापों का समर्थन प्राप्त है। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के कुछ लोगों ने भी पहलवानों को अपना समर्थन दिया है। बीजेपी के कुछ नेताओं ने भी पहलवानों को अपना समर्थन दिया है जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, उनके बेटे और हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह और रानिया से निर्दलीय विधायक हरियाणा के ऊर्जा मंत्री रंजीत सिंह शामिल हैं।
उपमुख्यमंत्री और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर के आधार पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
( कुमुद प्रसाद जनचौक की सब एडिटर हैं।)
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