Friday, April 19, 2024

योगी सरकार की जेपी कन्वेंशन सेंटर को बेचने की तैयारी

लोकनायक जय प्रकाश नारायण की यादों को लखनऊ से समेटने की कवायद की जा रही है। योगी सरकार जेपी कन्वेंशन सेंटर को बेेचने की तैयारी कर रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया है। इसकी वर्तमान कीमत 1642.83 करोड़ रुपये तय की गई है।

योगी सरकार ने महानायकों की स्मृति के लिए खुद कुछ नहीं किया है, लेकिन उनके निशान मिटाने को तैयार बैठी है। यूपी सरकार जेपी कन्वेंशन सेंटर को बेचने की तैयारी कर रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश शासन को इसका प्रस्ताव भेज दिया है। इसकी वर्तमान कीमत 1642.83 करोड़ रुपये तय की गई है। इसके निर्माण पर प्रदेश सरकार ने अब तक 881.36 करोड़ खर्च किए हैं। अभी काम पूरा करने के लिए 130.60 करोड़ रुपये की और जरूरत है।

उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व में भी इस प्रोजेक्ट पर आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने अफसरों के सामने सवाल उठाया था कि इससे जनता का क्या फायदा? योगी सरकार ने पूर्व निर्धारित बजट में ही इस सेंटर के बचे काम को पूरा करने के लिए भी कह दिया था। लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी ने उस बजट में काम कर पाने में असमर्थता जताई थी। अब एलडीए ने सरकार को इसे बेचने का प्रस्ताव भेजा है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था।

कन्वेंशन सेंटर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की याद में बनाया गया था। जेपी के नाम से मशहूर जय प्रकाश नारायण का 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में अहम रोल था। वह 1974 के संपूर्ण क्रांति आंदोलन के भी महानायक थे। अब उनकी स्मृति को मिटाने की तैयारी की जा रही है।

जेपी सेंटर का निर्माण 75 हजार से ज्यादा वर्गमीटर में किया गया है। सेंटर के गेस्ट हाउस में 103 लग्जरी कमरे, 7 सूट, हेल्थ सेंटर, रेस्टोरेंट, 7 फुट बाहर लटकता स्विमिंग पूल और हेलीपैड है। कन्वेंशन ब्लॉक में एक साथ दो हजार लोग बैठ सकते हैं। एक हजार लोगों के बैठने की क्षमता का ऑडिटोरियम है। इनके अलावा भी कई बड़े सेमिनार हाल हैं। सेंटर में एक ओलिंपिक साइज का स्विमिंग पूल, लॉन टेनिस कोर्ट, स्क्वाश कोर्ट भी शामिल हैं। सेंटर में बने म्यूजियम ब्लॉक में जय प्रकाश नारायण से जुड़ी चीजें रखी गई हैं। यही नहीं एक हजार वाहनों की मल्टी लेवल पार्किंग है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण के इस प्रस्ताव का विरोध भी शुरू हो गया है। यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जो लोग जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेन्टर को भी बेचने का प्रस्ताव बना सकते हैं, वह मौका मिला तो हिमालय की भी प्लाटिंग करके बेच सकते हैं।

रामगोविंद ने कहा कि जेपी कन्वेंशन सेंटर राष्ट्र की अमूल्य धरोहर है। इसकी रक्षा के लिए इस राष्ट्र के सभी दलों के लोगों को आगे आना चाहिए। जेपी संपूर्ण क्रांति आंदोलन के प्रणेता रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में जेपी की स्मृति में जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया था। योगी सरकार ने इसमें खुद तो कुछ किया नहीं, अब इसे बेचने की साजिश भी रच रही है जो किसी कीमत पर क्षम्य नहीं है।

  • एलके सिंह

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।

Related Articles

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।