सोनिया, राहुल और मनमोहन।

कांग्रेस ने फिर की सरकार की घेरेबंदी, सोनिया ने पूछा- क्या है लॉकडाउन के बाद का रोडमैप

कांग्रेस लॉकडाउन के दौर में उत्पन्न संकटों पर एक के बाद एक चुभते सवाल पूछकर मोदी सरकार की दुखती रग पर हाथ धर दे रही है, जिसके माकूल जवाब सरकार और सत्तारूढ़ दल भाजपा को नहीं सूझ रहे हैं। 

अभी तक कोरोना का रोडमैप सरकार नहीं बता सकी है। सोनिया ने अब सवाल किया है कि केंद्र सरकार किस आधार पर तय कर रही है कि लॉकडाउन कितने दिन रहना चाहिए? सोनिया ने पूछा कि 17 मई को लॉकडाउन का तीसरा फेज खत्म होने के बाद क्या होगा? उन्होंने बुधवार को कहा कि यह तय करने का सरकार का मापदंड क्या है कि लॉकडाउन कितने लंबे समय तक जारी रहेगा? सोनिया गांधी आज कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों से मुख़ातिब थीं। 

राहुल गांधी ने भी पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए जाने पर मोदी सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि इस समय, कीमतें कम करने के बजाय, पेट्रोल और डीजल पर 10-13 फीसद प्रति लीटर कर बढ़ाने का सरकार का निर्णय अनुचित है और इसे वापस लिया जाना चाहिए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, पेट्रोल डीजल पर भाजपा सरकार बार-बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर अपने सूटकेस में भर लेती है। आख़िर सरकार पैसा इकट्ठा किसके लिए कर रही है?

कोरोना वायरस के कारण देश में पिछले 24 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है। इसका असर अब गरीब, किसान और छोटे कारोबार पर दिखाई देने लगा है। देश में लगे लॉकडाउन के तीसरे चरण के बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ आज बैठक कीं। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेता मौजूद रहे। बैठक के जरिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और लॉकडाउन के बाद के मोदी सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए।

सोनिया गांधी ने कहा कि 17 मई के बाद क्या और कैसे? लॉकडाउन कितना लंबा चलने वाला है। इसका फैसला करने के लिए भारत सरकार क्या मापदंड इस्तेमाल कर रही है?पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि हम भी जानना चाहते हैं कि सरकार के पास आगे का क्या प्लान है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की रणनीति पता होनी चाहिए।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कोविड के साथ लड़ाई में बुजुर्गों, डायबिटिक और हार्ट मरीजों को बचाना अहम है। कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि राज्यों को वित्तीय नुकसान हो रहा है, लेकिन भारत सरकार द्वारा कोई पैसा आवंटित नहीं किया जा रहा है। कई अखबारों ने राज्यों के पास वित्तीय कमी का मुद्दा उठाया है।

बैठक में राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और पुदुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से राहत पैकेज की मांग की। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और पुदुचेरी के सीएम नारायणसामी ने राहत पैकेज की मांग की है। गहलोत ने कहा कि जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता, तब तक राज्य और देश कैसे चलेंगे? हमने 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व खो दिया है। राज्यों ने पैकेज के लिए बार-बार पीएम से अनुरोध किया है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार हमारी सुनवाई नहीं की है।

पीएम केयर्स फंड का सरकारी ऑडिट कराई जाने की मांग कर चुकी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि लॉकडाउन के दौरान किसानों और उद्योगों की कोई मदद नहीं की जा रही है, जिसके कारण छोटे उद्योगों के बंद होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट का फायदा जनता को मिलना चाहिए।

लेकिन भाजपा सरकार बार-बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर जनता को मिलने वाला सारा फायदा अपने सूटकेस में भर लेती है। गिरावट का फायदा जनता को मिल नहीं रहा है और जो पैसा इकट्ठा हो रहा है उससे भी मजदूरों की, मध्यम वर्ग की, किसानों की और उद्योगों की मदद हो नहीं रही है। आख़िर सरकार पैसा इकट्ठा किसके लिए कर रही है?’

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

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