गुजरात के सोमनाथ में मछली पकड़ने वाली दो नावों की टक्कर के बाद सांप्रदायिक हिंसा

कल 23 मई रविवार को गुजरात के गिर सोमनाथ के ऊना तालुका के नवा बंदर गांव में एक घाट पर मछली पकड़ने वाली दो नौकाओं की टक्कर के बाद झड़प हो गई थी। बाद में इस झड़प ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप धारण कर लिया। जिसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के कई गोले दागने पड़े। 

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ नवा बंदर मरीन पुलिस थाने के एक अधिकारी ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि झड़प के बाद, ऊना, गिर गढ़ा और कोडिनार के तीन पास के पुलिस थानों के साथ-साथ स्थानीय अपराध शाखा और विशेष अभियान समूह के कर्मियों की एक बड़ी पुलिस टीम भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रवाना हुई थी।

अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को बताया है कि दो समुदायों के करीब 1500 से 2,000 लोगों ने कथित तौर पर एक दूसरे पर लाठियों, तलवारों, लोहे और प्लास्टिक के पाइपों से प्रहार किया और पत्थर और खाली कांच की बोतलें भी फेंकी।

उन्होंने आगे बताया कि “जब पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया, तो दंगाइयों ने उन पर हमला कर दिया, जिसमें सहायक पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश जाट, दो उप निरीक्षक और तीन कांस्टेबल सहित छह कर्मी घायल हो गए।

गुजरात पुलिस के अधिकारी ने मीडिया को बताया है कि पुलिस ने गुजरात में दो समुदायों के सदस्यों के आपस में झड़प के बाद हत्या के प्रयास और दंगा करने के आरोप में लगभग 2,000 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज़ की है, जिसमें छह पुलिसकर्मी और लगभग एक दर्जन लोग घायल हो गए हैं।

पुलिस अधिकारी ने आगे सूचना दी है कि प्राथमिकी में रविवार को हुई घटना के संबंध में 47 अन्य लोगों को नामजद किया गया है। आरोपितों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 332, 333 (स्वेच्छा से लोक सेवक को गंभीर चोट पहुंचाना), 337, 338 (लापरवाही से चोट पहुंचाना) के तहत रविवार देर रात दोनों समुदायों के 47 नामजद और 1,500 से 2,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज़ की गई। मानव जीवन को खतरे में डालने वाला कार्य), 143 (गैरकानूनी सभा), 147 और 148 (दंगा) के तहत मामला दर्ज़ करके उन सबके गिरफ्तारी के लिये दबिश डाली जा रही है। 

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