केजरीवाल ने दिल्ली को बनाया बेजोगारों की राजधानी: चौधरी अनिल कुमार

प्रधानमंत्री के बेरोज़गार इंडिया योजना में अरविंद केजरीवाल भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। ये मौजूं है चौधरी अनिल कुमार की आज के प्रेस कान्फ्रेंस का। दिल्ली में बेतहाशा बढ़ी बेरोज़गारी के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को बेरोज़गारी की राजधानी बना दिया है।

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में, बेरोजगारी के आंकड़े जारी करने वाली सरकारी एजेंसी सेंटर फॉर मॉनमीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के ताजा आंकड़ों के हवाले से बताया कि देश में जहाँ बेरोज़गारी दर 11.4% है, वहीं दिल्ली में बेरोज़गारी दर 45.6% प्रतिशत है। इन आंकड़ों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दिल्ली में बेरोज़गारों की दशा क्या है। आज दिल्ली बेरोजगारी के मामले में देश की नंबर 1 बन चुकी है। जितने बेरोजगार दिल्ली में हैं उतने शायद ही देश के किसी दूसरे प्रदेश में हों।

उन्होंने रोज़गार दफ़्तरों के खाली पदों और बंद दफ्तरों की बात उठाते हुये कहा कि रोजगार देने वाले रोजगार दफ़्तरों के 85 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं और 50 प्रतिशत जिला रोजगार दफ़्तर बंद हो चुके हैं। ये केजरीवाल सरकार की 6 सालों की उपलब्धि है। मुख्यमंत्री के तौर उन्होंने ये उपलब्धि प्राप्त की है।

अनिल कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे कहा कि दिल्ली उन गिने चुने राज्यों में से एक है, जहां मॉडल कैरियर बनाने वाला एक भी सेंटर नहीं है। दरअसल अरविंद केजरीवाल ने युवाओं के कैरियर को लेकर कभी सोचा ही नहीं। दिल्ली दसवीं पास करने के बाद रोजगार के लिये कहीं नाम दर्ज़ करवाते थे। मैंने विवेक विहार ऑथोरिटी रोजगार कार्यालय में दर्ज़ करवाया था लेकिन आज युवा रोजगार के लिये कहां दर्ज़ करवाने जायें।

उन्होंने आगे मुख्यमंत्री केजरीवाल की रोजगार पैदा करने की नाकामी को निशाने पर लेते हुये कहा कि आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने युवाओं के रोजगार पर किस तरह ध्यान दिया है। साल 2015 में उनका चुनावी वादा था कि चुनाव जीतकर आयेंगे तो 8 लाख युवाओं को रोजगार देंगे। 8 लाख नये रोजगार देना तो छोड़ दीजिये जो लोग कांट्रैक्ट पर लगे थे, जिन्हें इन लोगों ने सपने दिखाये थे उन नर्सों, डॉक्टरों और शिक्षकों को पक्का तक नहीं कर पायी केजरीवाल सरकार।

इन्हें जब तक सत्ता नहीं मिली थी तब तक इनका दावा था कि दिल्ली के ऐसा बनायेंगे, वैसा बनायेंगे। लेकिन आज इन्होंने दिल्ली को बेरोज़गारी की राजधानी बना दिया। अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद साल 2015 से लेकर आज तक मात्र 440 लोगों को रोजगार मिला है। ये उनका रिकॉर्ड है रोजगार देने का। वो लगातार युवाओं को गुमराह करते रहे। लेकिन रोज़गार जेनरेट नहीं किया।

दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि कोविड-19 की वजह से जहां लोगों ने अपनी जान गँवाया है वहीं दूसरी ओर कोविड के चलते देश के साथ-साथ राजधानी दिल्ली में भी बड़ी तादात में लोगों ने रोजगार नौकरी खोया है। हर साल लाखों युवा अपनी पढ़ाई पूरी करके सरकार से उम्मीद करते हैं उन्हें अपनी आजीविका के लिये सरकार रोजगार देगी लेकिन रोजगार तो छोड़े हम लोग इनके आने से पहले उसको भी मेंटेन नहीं कर पाया। सफाईकर्मी, डेंगू प्रकोप और स्वास्थ्य से जुड़े तमाम गंभीर मुद्दे हैं आज दिल्ली में। लेकिन रोज़गार का मुद्दा ज्यादा बदतर स्थिति में पहुंच गया है। पिछले 10 साल में सबसे ज़्यादा खराब स्थिति है दिल्ली में रोजगार की है।

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