यूपी स्पेशल: मुख्यमंत्री योगी जी ने मुझे तुम जैसे दलित नेताओं को खत्म करने और मिटा देने के लिये ही भेजा है-एसएचओ बृजेश तिवारी

‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी ने मुझे तुम जैसे दलित नेताओं को खत्म करने, मिटा देने के लिये ही भेजा है’ – हरगांव थाने के थानाध्यक्ष बृजेश तिवारी द्वारा पहले इस तरह की भाषा में धमकी देना, जाति सूचक गालियां देना और बाद में कॉलर पकड़कर दलित समुदाय के माले नेता व जिला पंचायत सदस्य अर्जुन लाल को जेल में डाल देना ये सारे घटनाक्रम उस क्रोनोलॉजी को उजागर करते हैं कि कैसे उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणवाद, पुलिस व्यवस्था और दक्षिणपंथी सत्ता का गठजोड़ दलित नेतृत्व का दमन कर रहा है। 

अर्जुन लाल की बेटी अर्चना ने पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार व विस्तार से जनचौक को बताया। सीतापुर जिले के रिक्खीपुरवा ग्राम पंचायत पिपरागुरी की ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान विमला दलित जाति से आती हैं। ग्राम प्रधान विमला ने मुख्यमंत्री योगी के गौशाला अभियान के तहत अपने ग्राम पंचायत में गौशाला निर्माण कराने का निर्णय लिया। इसके लिये ज़मीन की ज़रूरत थी तो उन्होंने ग्राम सभा (जीएस) की अवैध क़ब़्जे वाली ज़मीन की शिनाख़्त की। 

और जीएस ज़मीन जिस पर ठाकुर जाति के लोगों का अवैध क़ब्ज़ा था उसे मुक्त करवाकर गौशाला निर्माण का काम शुरू किया। जिसका गांव के दबंग जाति के लोगों द्वारा विरोध किया गया लेकिन फिर भी ग्राम प्रधान विमला ने किसी तरह गौशाला बनवा ही दिया। और गांव के किसानों की फ़सलों को चरकर नुकसान पहुंचा रहे छुट्टा सांड़ों, गायों को पकड़-पकड़कर नवनिर्मित गौशाला में डाल दिया और एक व्यक्ति को पहरे पर लगा दिया। एक दिन 13 अगस्त की रात जब गौशाला का प्रहरी खाना खाने अपने घर गया ठीक उसी समय बक्सोहिया गांव के ठाकुर बिरादरी के लोगों ने मौका देखकर गौशाला का गेट खोल दिया और सारी गायों-सांड़ों को गौशाला से भगा दिया।

अधिकारी को ज्ञापन देते माले नेता।

गौशाला से निकलने के बाद जानवरों ने उन्हीं की फसल चरे क्योंकि वहां अग़ल-बग़ल उन्हीं लोगों के खेत थे। फिर जानवर थोड़े ही यह जानता है कि किसके खेत चरने हैं किसके नहीं। इस मसले को लेकर ठाकुर समुदाय के लोगों ने विवाद खड़ा कर दिया। और सुबह जब ग्राम प्रधान विमला गौशाला आईं तो बक्सोहिया गांव के ठाकुरों ने उन्हें दौड़ा लिया और उनके साथ मार-पीट करने लगे। जिला पंचायत सदस्य अर्जुन लाल की बेटी अर्चना बताती हैं कि हमलावर कोई बात सुनने को तैयार ही नहीं थे।

क्योंकि वो मारने के ही इरादे से लाठी डंडों से लैश होकर आये थे। तो उन लोगों ने कोई बात की ही नहीं, न ही किसी की कोई बात, सुलह सफाई सुनी उन लोगों ने।  फिर ग्राम प्रधान विमला देवी और अन्य लोग किसी तरह जान बचाकर घर भागे। और अगली सुबह यानि 14 अगस्त को गांव के लोग इकट्ठे होकर जब थाने एफआईआर कराने गये तो पता लगा कि वहां पहले ही बक्सोहिया गांव के ठाकुरों द्वारा ग्राम प्रधान विमला देवी व अन्य लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज़ हो चुका है।

पुलिस ने उल्टा उन्हीं लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया। कुछ लोगों को मार-पीट कर भगा दिया और कुछ लोगों को वहीं थाने में बैठा लिया। अर्चना आगे के घटनाक्रम में बताती हैं कि उनके पिता, जिला पंचायत सदस्य और ग्राम रिक्खीपुरवा निवासी अर्जुन लाल ने सुना तो अविलंब हरगांव थाने इन लोगों की जमानत लेने पहुंचे। वो अभी गाड़ी से उतरे भी नहीं थे कि थानेदार बृजेश त्रिपाठी ने दौड़कर उनका कॉलर पकड़ कर गाड़ी से खींच लिया और मारते-पीटते घसीटकर थाने के अंदर ले गया और थाने में बलवा के फर्जी आरोप में उन्हें लॉकअप में बंद कर दिया। 

एफआईआर का बदला लेने के लिये थानेदार ने की कार्रवाई 

अर्जुन लाल अपने क्षेत्र के जनप्रिय नेता हैं। लिहाजा क्षेत्र के तमाम लोग पेंशन, आवास (कालोनी), शौचालय, राशन, आदि की मांग लेकर उनके पास आते हैं। अतः अर्जुन लाल ने सभी ज़रूरतमंदों से 20 जुलाई, 2022 को हरगांव ब्लॉक पर धरना देने आने की अपील की। 

20 जुलाई को जिला पंचायत सदस्य अर्जुन लाल आवास, पेंशन, शौचालय आदि के मुद्दे को लेकर ब्लॉक हरगांव पर धरना दे रहे थे। इस धरने में अपनी-अपनी मांगों को लेकर साढ़े तीन चार सौ लोग शामिल हुए। शाम चार, साढ़े चार बजे धरना खत्म करके जिला पंचायत सदस्य अर्जुन लाल चले गये, बस कुछ कार्यकर्ता बचे थे जो कि सर-सामान समेट रहे थे। इतने में थानेदार बृजेश त्रिपाठी आए और कार्यकर्ताओं से पूछा किसका धरना था, क्यों धरना दे रहे थे। 

धरने के बाद सौंपा गया अधिकारी को ज्ञापन

वहां मौजूद लोगों ने बताया कि हमारी ये समस्या थी उसी को लेकर धरना दिये थे, तो थानेदार उनको मां-बहन की गंदी-गंदी गालियां देने लगा। और पूछा नेता कौन है उसका मोबाइल नंबर दो, और कार्यकर्ताओं से नंबर लेकर थानेदार ने वहीं खड़े-खड़े जिला पंचायत सदस्य व माले नेता अर्जुन लाल के मोबाइल फोन पर कॉल लगाया और उन्हें सबके सामने ही जाति सूचक व लैंगिक गालियां देने लगा। 

इसके बाद जिला पंचायत सदस्य अर्जुन लाल ने थानेदार के ख़िलाफ़ एससी /एसटी एक्ट समेत, डराने धमकाने, जान से मारने जैसी तमाम संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज़ करवाया लेकिन थानेदार के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

थानेदार बृजेश त्रिपाठी द्वारा भाकपा माले सीतापुर सचिव व जिला पंचायत सदस्य बृजेश लाल को जाति सूचक गाली, अभद्र गाली व जान से मारने, परिवार को तबाह करने की धमकी देने के बाद बृजेश त्रिपाठी ने क्षेत्र की जनता के साथ धरना देकर थानेदार को बर्खास्त करने की मांग की। जातिवादी, मनुवादी थानेदार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर हुए धरने के दौरान अर्जुन लाल ने एक वीडियो बयान जारी किया था।

उक्त वीडियो बयान में उन्होंने कहा है कि पुलिस प्रशासन जनता और जनता के नेता के साथ कैसा व्यवहार करती है ये हरगांव थानाध्यक्ष के बयान से जाहिर होता है। अर्जुन लाल ने बताया कि उन्होंने मारपीट के संदर्भ में हरगांव थाना के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। और मांग किया कि मारपीट की घटना में दोनों पक्षों पर कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि मार-पीट में कम ज्यादा ही सही लेकिन दोषी दोनों तरफ़ से होते हैं। मेरी इस बात से थानेदार चिढ़ गए और धरने के बाद थानेदार मौके पर आए और कार्यकर्ताओं को अभद्र गलियां दी। उन्होंने जातिसूचक गालियां दिया। 

और कार्यकर्ताओं से पूछा कि तुम्हारा नेता कौन है और उनसे नंबर लेकर फोन पर मुझे जातिसूचक गालियां दिया। थानाध्यक्ष ने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश ने भेजा है आपकी नेतागीरी को खत्म करने के लिये। जो भी दलित नेता हैं उनको मिटा देने के लिये। ऐसी तमाम धमकियां दिया। और कहा कि अगर आगे से कोई धरना-प्रदर्शन करोगे, सीतापुर जिले में कहीं भी बैठोगे तो जेल भेज दिया जायेगा, आपके परिवार को तबाह कर दिया जायेगा। आपको मिटा दिया जायेगा, जान से मार दिया जायेगा। 

अर्जुन लाल ने भाकपा माले सीतापुर सचिव व जिला पंचायत सदस्य अर्जुन लाल को जाति सूचक गाली, अभद्र गाली व जान से मारने, परिवार को तबाह करने की धमकी देने के बृजेश त्रिपाठी के बयान पर उन्हें बर्खास्त करने की मांग को लेकर क्षेत्र की जनता के साथ धरना दिया था। जिसके बाद से ही थानेदार बृजेश त्रिपाठी माले नेता से बदला लेने के मौके की तलाश में था। 

ग्राम प्रधान विमला देवी समेत गांव के ही दलित जाति के लोगों की ज़मानत के लिये जब जिला पंचायत सदस्य अर्जुन लाल थाने पहुंचे तो थानेदार को मौका मिल गया। और उसने फर्जी केस लगाकर उनको जेल भेज दिया। जबकि घटना के वक्त वो किसी अन्य गांव में थे और घटना के बाद वो थाने अपने गांव वासियों की ज़मानत के लिये पहुंचे थे। 

जनप्रिय नेता की थाने में बर्बर पिटाई की पार्टी ने कड़ी निंदा की

भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने सीतापुर जिले के हरगांव थाने में रविवार को दलितों के उत्पीड़न का मामला लेकर एफआईआर दर्ज़ कराने गए पार्टी की राज्य समिति के सदस्य व जिला प्रभारी अर्जुन लाल को अकारण ही गिरफ्तार कर उनकी बर्बर पिटाई करने की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने उनकी और गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की बिना शर्त अविलंब रिहाई के लिए सीतापुर जिला मुख्यालय पर देर शाम से राज्य समिति सदस्य अनिल भारती के नेतृत्व में धरना शुरू कर दिया है। माले राज्य सचिव सुधाकर यादव ने अवैध गिरफ्तारी व मारपीट में लिप्त एसओ समेत दोषी पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई और सभी की अविलंब रिहाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो राज्यव्यापी आंदोलन होगा।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने घटना के संदर्भ में बताया कि कामरेड अर्जुन लाल पड़ोस के गांव के दलित लोगों के साथ एफआईआर दर्ज कराने हरगांव थाने गए थे। ताजा मामला जानवरों द्वारा खेत चर जाने का आरोप लगाकर सामंती मिजाज वाले ठाकुरों द्वारा दलितों की पिटाई की घटना थी। उन्होंने आगे बताया कि हरगांव के एसओ ने का. अर्जुन लाल को खासतौर से निशाना बनाकर थाने में दुर्व्यवहार व मारपीट की। उनके साथ पार्टी के कुछ अन्य साथी भी गिरफ्तार हैं। ऐपवा नेता का. सरोजिनी कुछ लोगों को लेकर विरोध में उतरीं, तो उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। शाम को का. सरोजिनी व कुछ साथियों को रिहा कर दिया, मगर का. अर्जुन साथियों सहित गिरफ्तार हैं।

कामरेड सुधाकर ने आगे कहा है कि यह घटना तब हुई है, जब अर्जुन लाल व पार्टी के अन्य साथी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए जनता के बीच आयोजन की तैयारी में लगे थे। हरगांव पुलिस की उक्त कार्रवाई से स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर स्थानीय लोगों में आतंक का माहौल कायम हो गया।

इस मामले में स्थानीय प्रशासन से उसका पक्ष जानने के लिए संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो सका। 

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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