किसानों ने किया आंदोलन के नये कार्यक्रम का ऐलान, चुनावी राज्यों से होगी शुरुआत

नई दिल्ली। चुनाव से पहले किसान नेताओं ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने के लिए कमर कस ली है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसे देखते हुए किसान नेताओं ने चुनावी राज्यों में मार्च करने का फैसला किया है। यह फैसला दिल्ली में मजदूर दिवस से ठीक एक दिन पहले 30 अप्रैल को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय बैठक में लिया गया। इस बैठक में 200 से अधिक किसान नेताओं ने भाग लिया। बैठक में किसान नेताओं ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।

26-31 मई को देशव्यापी आंदोलन

प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में फैसले की जानकारी देते हुए किसान नेताओं ने बताया कि 26 से 31 मई, 2023 तक भारत के बीच सभी राज्यों में विरोध-प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। इसमें संसद के सभी सदस्यों और प्रमुख राजनीतिक नेताओं के गृह निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ा विरोध मार्च आयोजित किया जाएगा और उन्हें किसानों की सभी मांगों को तुरंत हल करने की चेतावनी देते हुए ज्ञापन सौंपा जाएगा।

नेताओं का कहना था कि अगर उस पर कार्यवाही नहीं शुरू हुई तो उन नेताओं को आगे कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा। बैठक में किसानों ने तय किया कि एमएसपी कानून की मांग के प्रमुख मुद्दों पर कर्ज से मुक्ति, किसान पेंशन, व्यापक फसल बीमा योजना, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ्तारी, किसानों पर झूठे मुकदमे वापस लेने और शहीद किसान परिवारों को मुआवजा देने की मांग की जाएगी।  

राज्य और जिला स्तर के सम्मेलन

मई, जून और जुलाई के महीनों में देश के हर राज्य में किसानों और खेतिहर मजदूरों को प्रेरित और संगठित करने के लिए राज्य और जिला स्तर के सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।

1-15 अगस्त तक विरोध-प्रदर्शन

किसानों ने अपने दायरे को व्यापक बनाने के लिए मजदूरों के साथ एकता को मजबूत करने की रणनीति तैयार की है। इसके तहत 1 से 15 अगस्त के बीच, केंद्र सरकार की तरफ से किसानों और मजदूरों के हितों को कॉरपोरेट्स को बेचने पर रोक लगाने के लिए श्रमिक संघों और संगठनों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।

चुनावी राज्यों में किसान यात्रा

सितंबर से मध्य नवंबर के बीच, बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी यात्राएं आयोजित की जाएंगी, जिनका नेतृत्व एसकेएम के राष्ट्रीय नेता करेंगे। यात्रा विशेष रूप से उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित करेगी जहां विधानसभा चुनाव होंगे, जैसे कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना आदि।

3 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी शहीदी दिवस

लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की हत्याओं के दिन 3 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी शहीदी दिवस के तौर पर मनाया जाएगा।

26 नवंबर से राष्ट्रव्यापी विजय दिवस

किसानों के ऐतिहासिक दिल्ली चलो मार्च के 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचने के मौके को राष्ट्रव्यापी विजय दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। और यह कार्यक्रम सभी राज्यों की राजधानियों में कम से कम 3 दिनों तक चलेगा। जिसमें किसान दिन-रात धरना देंगे।

बैठक में निम्नलिखित प्रस्तावों को भी पारित किया गया:

बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग

एसकेएम ने भारत की महिला पहलवानों के विरोध का पूरी दृढ़ता के साथ खुला समर्थन किया है। आपको बता दें कि ये महिला पहलवान भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठी हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि एसकेएम खिलाड़ियों के साथ एकजुटता व्यक्त करता है और वह भाजपा सांसद की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करता है।

सत्यपाल मलिक का समर्थन

इसके साथ ही इस प्रस्ताव के जरिये एसकेएम ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ भाजपा सरकार द्वारा सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के प्रयोग की निंदा किया है। गौरतलब है कि मलिक पुलवामा में देश के सैनिकों की शहादत, उच्चतम स्तर पर भाजपा नेतृत्व के भ्रष्टाचार के बारे में भाजपा सरकार की कारस्तानियों को उजागर कर रहे हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि एसकेएम मलिक की बहादुरी की सराहना करता है। एसकेएम का कहना है कि वह मलिक का मुंह बंद करने के भाजपा सरकार के प्रयासों पुरजोर विरोध करता है।

यूनियनों के साथ एकजुटता

इसके साथ ही प्रस्ताव में मजदूरों के साथ एकजुटता जाहिर की गयी है। इस कड़ी में एसकेएम ने भारत के डाक कर्मचारियों के सबसे पुराने संघ नेशनल फेडरेशन ऑफ़ पोस्टल एम्प्लॉइज़ और ऑल इंडिया पोस्टल एम्प्लॉइज यूनियन की केंद्र सरकार द्वारा मान्यता रद्द करने की निंदा किया है। सरकार का आरोप है कि इन संगठनों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया था और किसान संगठनों को कुछ धनराशि दान की थी। प्रस्ताव में यूनियनों के साथ एकजुटता की बात की गयी है इसके साथ ही एसकेएम का कहना था कि वह किसान विरोधी, मजदूर विरोधी भाजपा सरकार के खिलाफ मजदूर-किसान एकता को बढ़ाने के लिए तत्पर है।

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