असम के मुख्यमंत्री की मुस्लिम विरोधी भाषा अब पीएम मोदी के लिए पड़ रही भारी

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भाजपा के स्टार सीएम माने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा यदि किसी भाजपाई मुख्यमंत्री को स्वतंत्र रूप से कामकाज करने के लिए जाना जाता है तो वह नाम हिमंत बिस्वा सरमा का ही है। लेकिन हिमंत बिस्वा सरमा का नाम अब देश में ही नहीं अमेरिका में भी सुर्खियां बटोर रहा है। अमेरिका के मशहूर समाचार पत्र ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने अपने एशिया के कालम में 23 जून की रिपोर्ट की हेडिंग में लिखा है, “भारतीय राजनेता के ट्वीट में बाराक ओबामा और भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाया गया है।”

भारतीय पत्रकार रोहिणी सिंह जो ट्विटर पर काफी चर्चित हैं, ने असम के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए 23 जून 2023 को एक ट्वीट किया था, कि “क्या अभी तक भावनाओं को आहत करने के लिए गुवाहाटी में ओबामा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है? क्या असम की पुलिस ओबामा को गिरफ्तार करने के लिए किसी फ्लाइट से उन्हें उतारने के लिए निकल चुकी है?”

जाहिर सी बात है असम पुलिस पिछले कुछ महीने से ऐसे कई कारनामे कर चुकी है, जिसके कारण देश भर में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और असम पुलिस की जमकर भर्त्सना हुई है। संभवतः मुख्यमंत्री अपने इन्हीं कारनामों के चलते दिल्ली दरबार में विशिष्ट स्थान अर्जित कर चुके हैं और इन्हें अपने लिए ख़िताब की तरह ले रहे थे।

रोहिणी सिंह ने अपने ट्वीट में असम के मुख्यमंत्री को टैग भी नहीं किया था। लेकिन तेज-तर्रार मुख्यमंत्री ने पलक झपकते ही रोहिणी सिंह की पोस्ट को शेयर करते हुए ट्वीट किया, “भारत में पहले से ही कई हुसैन ओबामा हैं। हम वाशिंगटन जाने पर विचार करने से पहले उनकी सार-संभाल पर चिंता करने को प्राथमिकता देंगे। असम पुलिस अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार कार्य करेगी।”  

वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शुक्रवार को एक भारतीय राजनीतिज्ञ हिमंत बिस्वा सरमा ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ हमला बोलते हुए कहा है कि भारतीय पुलिस पहले भारत में मौजूद कई हुसैन ओबामा का ख्याल रखने पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी। यह टिप्पणी ओबामा के एक साक्षात्कार के बाद आया है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक दौरे के दौरान भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक आबादी के साथ हो रहे बर्ताव पर दबाव बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही थी।

वाशिंगटन पोस्ट आगे लिखता है, “भारत में उत्तरी-पूर्व राज्य असम के मुख्यमंत्री के तौर पर सरमा के राज्य में मुसलामानों की बड़ी जनसंख्या आबाद है। सरमा मोदी की भारतीय जनता पार्टी में एक उभरते सितारे हैं, जिनकी हिन्दू राष्ट्रवादी मंच के तौर पर भूमिका, मुस्लिम अल्पसंख्यक अधिकारों की अवहेलना और घटती प्रेस की आजादी के लिए आलोचना की जाती रही है।

मानवाधिकार के मुद्दों की ऐसी पृष्ठभूमि के साथ मोदी, जिन्हें कभी धार्मिक हिंसा को बढ़ावा देने के आरोपों के चलते अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी लगी हुई थी, वर्तमान में अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के बीच में थे, जहां उन्होंने कांग्रेस को दो-दो बार संबोधित करने वाले पहले भारतीय नेता के रूप में इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है।

वाशिंगटन पोस्ट ने आगे कहा है, “मोदी के संयुक्त कांग्रेस के संबोधन के पहले ओबामा ने सीएनएन के साथ गुरुवार के अपने इंटरव्यू में भारत के मुस्लिम अल्पसंख्यकों की रक्षा पर जोर दिया। ओबामा ने कहा कि यदि वे राष्ट्रपति बाइडेन की जगह पर होते तो वे भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से कहते कि “अगर आप भारत में अल्पसंख्यक समुदाय की रक्षा नहीं करते हैं तो इस बात की प्रबल संभावना है कि आने वाले दौर में भारत में विभाजन की प्रकिया शुरू हो सकती है।”

ओबामा के हिसाब से अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए उचित होगा कि वे उन सिद्धांतों पर खड़े रहें, और उन प्रवृतियों को, चाहे बंद कमरों या सार्वजनिक रूप से चुनौती दें। 

वाशिंगटन पोस्ट ने फरवरी माह की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया है कि असम पुलिस ने सरमा के निर्देश पर प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा को मोदी का मजाक उड़ाने पर दिल्ली पुलिस से गिरफ्तार कराया था। मोदी या उनकी सरकार का विरोध करने वालों को राष्ट्रीय स्तर पर निशाना बनाकर हिरासत में लेने की ऐसी घटनाएं बड़े पैमाने पर हुई हैं। मार्च में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी को 2019 के आम चुनावों में मोदी को बदनाम करने के आरोप में दो साल की सजा सुना दी गई।

ब्राउन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर कंटेम्पररी साउथ एशिया के निदेशक, आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार, “सरमा का ट्वीट दिखाता है कि भाजपा के मुख्यधारा में रहने वाला राजनीतिज्ञ, जो किसी जिम्मेदार संवैधानिक पद पर विराजमान है, की मुस्लिमों के बारे में क्या सोच है। सरमा के द्वारा ओबामा के बीच के नाम को अपने ट्वीट में इस्तेमाल करने का मकसद असल में ओबामा के बयान को तोड़-मरोड़कर इसे किसी मुसलमान द्वारा दिया गया बयान दिखाना है। जबकि तथ्य यह है कि पूर्व राष्ट्रपति इस्लाम धर्म का पालन नहीं करते हैं।”

यह ट्वीट उस समय आया जब मोदी अपने 9 वर्षों के प्रधानमंत्रित्व काल में पहली बार प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे। जिस एकमात्र सवाल को पूछा गया, उसके जवाब में मोदी ने कहा कि भारत में जाति, रंग, उम्र या किसी भी प्रकार के भौगोलिक आधार पर भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है।  

भारत में कल से ही असम के मुख्यमंत्री के इस ट्वीट पर हंगामा मचा हुआ है। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल लिखते हैं, “पिछली बार राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने दुनिया में भारत की बदनामी कराई थी। इस बार मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा फ़ज़ीहत कराने वाले हैं। बीजेपी कैडर वाली पार्टी नहीं है। वहां नेताओं को पता ही नहीं है कि नेतृत्व उनसे चाहता क्या है और सरकार में रहते हुए क्या नहीं बोलना है। सांप्रदायिकता सरकार में आने के लिए की जाती है, सरकार में रहकर ये सब बकवास कौन करता है?”

पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह अपने ट्वीट में कहते हैं, “मुख्यमंत्री जी, ट्रोल्स की सलाह पर अंट-शंट ट्वीट करना बंद करिए, इससे ना आप अच्छे दिख रहे हैं और ना ही आपकी पार्टी। और अंतरराष्ट्रीय मंच पर ओबामा जैसे सम्मानित व्यक्ति पर ऐसी ओछी टिप्पणी करने पर जो राष्ट्र की छवि खराब होती है वो अलग है। कृपया यह ट्वीट तत्काल प्रभाव से हटा लें।”

एक अन्य यूजर शोएब डेनियल के अनुसार, “Incredible: One of the BJP’s most powerful chief ministers borrows an American far-right trope of dog whistling using Obama’s Muslim middle name। Context (ironically enough): Obama had warned BJP against increasing bigotry in India।”

एनडीटीवी की पूर्व एंकर निधि राजदान अपने ट्वीट में लिखती हैं, “As the Prime Minister continues his state visit to the US, a BJP Chief Minister makes a jibe at Muslims, only hours after the PM stressed there was no discrimination against minorities in India। Wonder how this will go down”

द वायर के प्रधान संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के अनुसार, “There’s absolutely no space for discrimination” said the Vishavguru in DC। He was lying, of course, which is why his Assam CM can reply to @rohini_sgh’s tweet by saying“we should prioritise taking care of [Muslim Indians] before [going after the ‘Muslim’ Obama]. Shocking!”

पत्रकार रोहिणी सिंह, जिनके ट्वीट पर जवाब देने पर आज हिमंत बिस्वा सरमा के लिए जवाब देते नहीं बन रहा है, ने एक और ट्वीट कर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा और भारतीय विदेश मामलों के प्रवक्ता अरिंदम बागची को टैग करते हुए तीखा सवाल पूछा है, “पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा की प्रोफाइल को एक मुस्लिम के तौर पर दिखाकर भाजपा मुख्यमंत्री ने उन्हें एक अपराधी के समतुल्य खड़ा कर दिया है। क्या भारतीय विदेश मंत्रालय की इस बारे में यही आधिकारिक समझ है?”

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से असम बाढ़ की समस्या से जूझ रहा है। दो दिन पहले तक 1.5 लाख लोग बाढ़ से जूझ रहे थे, जो संख्या अब बढ़कर 5 लाख पार कर चुकी है। असम के 22 जिले इस समय बाढ़ से जूझ रहे हैं। भारतीय मीडिया सहित बीबीसी असम में बाढ़ की समस्या की लाइव तस्वीरें और वीडियो दिखा रहे हैं। एक व्यक्ति की अभी तक मौत हो चुकी है। लेकिन असम के मुख्यमंत्री का ध्यान अभी तक इस समस्या पर नहीं गया है। कम से कम उनके ट्वीट से तो अभी तक यही जाहिर होता है। 

(रविंद्र पटवाल जनचौक की संपादकीय टीम के सदस्य हैं।)

5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
1 Comment
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Amit Kumar
Amit Kumar
Guest
10 months ago

Tum chor, gaddar congressi log ek bomb book padh kar aaye ho, jise osama bin laden ne bhi padha tha, tum logo ki soch, khoon mai hi dusre comunity ko preshan karna likha hai. Do your JOB Gaddaron, Deshdrohiyon, Namak haramon, jis desh ka khoage use hi barbad karoge. Italian kutta pappu abhi bharat ko badnam karke aaya hai, tumhara baap hi hoga ye pappu, kyonki tumhari bhi thought iss mandbuddhi italian pappu se mail khati hai.