बादल फटने से सिक्किम में तबाही, 5 की मौत; सेना के 23 जवान बाढ़ में गायब

नई दिल्ली। नॉर्थ सिक्किम में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में तीन व्यक्तियों के मरने और सेना के 23 जवानों के गायब होने की दुखद खबर सामने आई है। इतनी भारी संख्या में सेना के जवानों के गायब होने पर शासन-प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बादल फटने की घटना बुधवार रात 1.30 बजे की है।

सूचना के मुताबिक उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने से आई बाढ़ में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कम से कम 23 सेना के जवानों के लापता होने की खबर है। बचाव अभियान जारी है और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए हैं।

माना जा रहा है कि बाढ़ बुधवार देर रात 1:30 बजे शुरू हुई। चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नीचे की ओर 15-20 फीट की ऊंचाई तक जल स्तर अचानक बढ़ गया। अधिकारियों ने बताया कि इसके कारण सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन प्रभावित हो गए हैं।

गुवाहाटी में डिफेंस पीआरओ ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि “घाटी में कुछ सैन्य प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं और विवरण की पुष्टि करने के प्रयास जारी हैं। 23 कर्मियों के लापता होने की सूचना है और कुछ वाहनों के कीचड़ में डूबे होने की खबर है। तलाशी अभियान जारी है।”

सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि राहत एवं बचाव दल ने सिंगताम से तीन शव बरामद किए हैं। राज्य के शिक्षा विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर सभी स्कूलों को 8 अक्टूबर तक के लिए बंद कर दिया है। सेना के अधिकारियों ने कहा कि लाचेन घाटी में सैन्य प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं। अन्य विवरण की प्रतीक्षा की जा रही है।

सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक रिपोर्ट से हम बाढ़ से हुए नुकसान का अंदाजा लगा सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा प्रभावित जिले मंगन, गंगटोक, पाक्योंग और नामची जिले हैं। मंगन जिले में टूंग ब्रिज ढहने के कारण चुंगथांग का संपर्क टूट गया। फिदांग पुल ढह गया। फिदांग में चार पक्के मकान बह गए। डिक्चू में दो घर बह गए। नदी के किनारे के घर खतरे में हैं और संगखालंग में दो जीआरईएफ मजदूरों के लापता होने और फिदांग से एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना है।

टूंग में जीआरईएफ क्रशर प्लांट और पुराना पुलिस बैरक बह गया है और चार लोगों के लापता होने की सूचना है। संगखालंग में फॉरेस्ट गेस्ट हाउस और सरकारी क्वार्टर की दो इकाइयां बह गईं।

गंगटोक जिले में घायल चार लोगों को सिंगटम अस्पताल ले जाया गया है। SDRF द्वारा 25 लोगों को बचाया गया है, अन्य लोगों का रेस्क्यू जारी है। नामची जिले में एलडी काजी ब्रिज बह गया। इंद्रेनी पुल बह गया। नामफिंग साईं मंदिर में एक राहत शिविर स्थापित किया गया था। अब तक, 500 लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है, और प्रणामी मंदिर में स्थायी राहत स्थापित की गई है।

सिक्किम की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने क्षेत्र में भारी बारिश की भविष्यवाणी के बीच उत्तरी बंगाल के लोगों से सावधानी बरतने का आह्वान किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कि “कालिम्पोंग, दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। राज्य के वरिष्ठ मंत्रियों और वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को बचाव और राहत कार्यों की निगरानी के लिए उत्तर बंगाल भेजा गया है। कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सुनिश्चित करें कि इस गंभीर आपदा में किसी की जान न जाए।”

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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