किसानों ने मोदी, शाह, खट्टर का पुतला फूंक मनाया काला दिवस

नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर देश भर के किसानों ने आज काला दिवस मनाया। शुक्रवार को भी पंजाब और हरियाणा में भारी संख्या में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। पंजाब के किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हैं। अब हिसार के किसान भी ‘दिल्ली चलो’ मार्च में शामिल होना चाहते है। जिसके चलते शुक्रवार को (23 फरवरी ) को हिसार के खेड़ी चौपाटा में प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई। जिसमें एक पुलिस के भी घायल होने की सूचना है। पुलिस ने कई किसानों को हिरासत में ले लिया है।

खेड़ी चौपाटा, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आज भी हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान प्रदर्सनकारी उग्र हो गए। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्तत और मनाही के बावजूद खेड़ी चौपाटा पर एकत्र हजारों प्रदर्शनकारी किसान शंभू बॉर्डर जाने पर अड़े रहे और उग्र हो गए।

दोषियों पर दर्ज होगा एफआईआर तब होगा शुभकरण का अंतिम संस्कार

‘दिल्ली चलो’ आंदोलन में भाग लेने वाले किसान नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच झड़प के दौरान मारे गए शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार तब तक नहीं होगा जब तक पंजाब सरकार इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करती।

यह बयान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा एक करोड़ रुपये के मुआवजे और शुभकरण की बहन के लिए सरकारी नौकरी की घोषणा के कुछ घंटों बाद आया।

बठिंडा के मूल निवासी 21 वर्षीय शुभकरण सिंह की बुधवार को हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच झड़प के बीच पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी सीमा बिंदु पर मृत्यु हो गई। यह घटना तब हुई जब किसान बैरिकेड्स की ओर बढ़े, जिसकी कई परतें हरियाणा के अधिकारियों ने किसानों को उनके मार्च को आगे बढ़ने से रोकने के लिए लगाई थीं, और पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई।

पटियाला स्थित राजिंदरा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के अनुसार, शुभकरण के सिर पर चोट लगी थी। किसानों द्वारा अपनी मांगें मानने के लिए दबाव डालने के कारण पोस्टमार्टम में देरी हुई।

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने पटियाला में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा था कि शुभकरण की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अब अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं।

उन्होंने पंजाब सरकार के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा, “हमने (शुभकरण) परिवार से कहा है कि इसमें दो दिन या 10 दिन लग सकते हैं। हमारे लिए पैसा महत्वपूर्ण नहीं है। हम मांग कर रहे हैं कि एफआईआर दर्ज की जाए और फिर दाह संस्कार किया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि शुभकरण के परिवार पर दाह संस्कार के लिए सहमत होने के लिए “दबाव” डाला जा रहा है।

किसान मजदूर मोर्चा के साथ ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने दावा किया कि बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज नहीं कर सकी है।

डल्लेवाल ने कहा, “अगर आप मामला दर्ज नहीं कर सकते, तो आप खुद को ‘पंजाब दे राखे’ (पंजाब का रक्षक) कैसे कह सकते हैं।” उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी ने उनसे कहा कि अगर उन्होंने मामला दर्ज किया, तो हरियाणा के सुरक्षाकर्मी भी ऐसा करेंगे।

डल्लेवाल ने कहा, “हमारे आंदोलन के दौरान एक युवक की मौत हो गई। हमारी प्राथमिकता उसके लिए न्याय सुनिश्चित करना है। हम इस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह पंजाब सरकार पर निर्भर है कि वह हमें कितनी जल्दी न्याय देगी।”

राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च के आह्वान पर अगली कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर पंधेर ने कहा, “हम एक बैठक करेंगे और अपना रुख स्पष्ट करेंगे।”

शुभकरण की बहन के लिए मुआवजे और नौकरी की घोषणा

पंजाब के सीएम मान ने शुक्रवार को शुभकरण की बहन के लिए मुआवजे और नौकरी की घोषणा की। उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा “खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी। दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

किसान नेता शुभकरण सिंह को ”शहीद” का दर्जा देने की भी मांग कर रहे थे। सीएम मान ने बुधवार को कहा कि वह युवा किसान की मौत से दुखी हैं और उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा था, “पोस्टमार्टम के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। उनकी मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।”

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज किसानों ने शुक्रवार को ‘काला दिवस’ मनाया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्य के गृह मंत्री अनिल विज के पुतले जलाएं।

किसान 26 फरवरी को राजमार्गों पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में अखिल भारतीय किसान मजदूर महापंचायत आयोजित करेंगे। एसकेएम दिल्ली चलो आंदोलन का हिस्सा नहीं है, लेकिन उसने इसे समर्थन दिया है।

आइपीएफ ने मनाया काला दिवस

किसानों की फसलों का सी-2 प्लस 50 फीसद फार्मूला के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों पर हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे बर्बर दमन और एक किसान की हत्या के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा व ट्रेड यूनियंस के राष्ट्रीय आवाहन पर ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में काला दिवस मनाया। आईपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने किसानों की मांगों को वाजिब बताते हुए केंद्र सरकार से इन सवालों को हल करने और किसानों के बर्बर दमन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।

लखनऊ समेत अन्य जिलों में हुए कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार कॉर्पोरेट घरानों की एजेंट के बतौर काम कर रही है। यही वजह है कि तीन काले कृषि कानूनों के विरोध में हुए ऐतिहासिक आंदोलन में केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी कानून बनाने का जो वायदा किया गया था उसे पूरा करने के बजाय किसानों के बर्बर दमन पर आमादा है। पंजाब, हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस द्वारा किसान शुभकरण सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई और पैलेट गन व रबर बुलेट, आंसू गैस से लगातार हमले किए जा रहे हैं। किसानों पर ढाया जा रहा यह दमन लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है।

कार्यक्रम का लखीमपुर में आईपीएफ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ बी. आर. गौतम, लखनऊ में वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर, आगरा में राष्ट्रीय संगठन महासचिव इंजीनियर दुर्गा प्रसाद, सीतापुर में मजदूर किसान मंच के महामंत्री डॉ बृज बिहारी, उपाध्यक्ष सुनीला रावत, गया प्रसाद, प्रयागराज में युवा मंच संयोजक राजेश सचान व अध्यक्ष अनिल सिंह, चंदौली में अखिलेश दुबे व अजय राय, सोनभद्र में राजेंद्र प्रसाद गोंड, कृपा शंकर पनिका, मंगरु प्रसाद श्याम, मनोहर गोंड आदि ने नेतृत्व किया।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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