युवक की मौत के बाद किसान आंदोलन दो दिन के लिए स्थगित

नई दिल्ली। किसानों ने अपने आंदोलन को दो दिनों का विराम दे दिया है। ऐसा खनौरी-जींद बॉर्डर पर हुई एक युवक की मौत के चलते किया गया है। मुख्यधारा के पेपर मौत के पीछे सिर में चोट को प्रमुख वजह बता रहे हैं लेकिन किसानों का कहना है कि युवक की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। सामने आयी तस्वीरों में युवक के सिर के पीछे गोली के निशान को बिल्कुल साफ तरीके से देखा जा सकता है। इस युवक की उम्र 21-22 साल बतायी जा रही है। भटिंडा के रहने वाले इस युवक का नाम शुभकरन सिंह है। इसके अलावा 25 लोगों के घायल होने की खबर है। इसमें आंसू गैस के गोलों के साथ ही पुलिस रबर की गोलियों का भी इस्तेमाल किया है। घायलों में दस को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। जबकि तीन घायल किसानों को राजिंद्रा अस्पताल में रेफर कर दिया गया है।

इसके साथ ही आज शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर दोनों जगहों पर पुलिस ने जमकर आंसू गैस के गोले छोड़े जिसमें सैकड़ों किसानों के घायल होने की खबर है। खुद किसानों के नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को राजेंद्रा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। बताया जा रहा है कि एक आंसू गैस का गोला उनके बिल्कुल पास गिरा और उन्हें घायल कर दिया। बाद में उसके धुएं से वह बेहोश हो गए। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा।

किसानों का कहना है कि दो दिनों तक आंदोलन स्थगित रहेगा और शुक्रवार की शाम को आगे की रणनीति का ऐलान होगा। इस बीच किसान नेताओं की केंद्र के अधिकारियों के साथ टेलिफोन पर वार्ता भी हुई। जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री या फिर गृहमंत्री के बयान से कम पर कोई बात नहीं बनेगी। इस बीच भटिंडा और डबवाली पर भी किसानों का जमावड़ा शुरू हो गया है। इस तरह से अब एक तीसरा मोर्चा खुलता दिख रहा है।

शंभू बार्डर से जुड़े पटियाला रेंज के डीआईजी एसएस भुल्लर ने बताया है कि बुधवार को हरियाणा पुलिस ने 14 से ज्यादा आंसू गैस के गोले छोड़े। हालांकि यह संख्या और ज्यादा हो सकती है। क्योंकि पूरा इलाका धुंए से भर गया था और लगातार आंसू गैस के गोलों के छोड़ने की आवाज आ रही थी। इन गोलों से ढेर सारे किसान घायल हो गए हैं। इनमें कई बुजुर्ग किसान हैं। हालांकि आंसू गैस के प्रभाव से बचने के लिए कई किसान अपने चेहरों पर मास्क लगा रखे थे। लेकिन उनका बहुत ज्यादा असर नहीं हो रहा था। गोलों के दगने पर किसान दौड़कर उनको गीले कपड़े से ढंकने की कोशिश करते देखे गए। लेकिन गोलों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उनकी यह रणनीति कारगर होती नहीं दिखी। अंत में उन्हें कहीं छुप कर या फिर दूर भागकर इनसे अपना बचाव करना पड़ा। इस पूरी प्रक्रिया में महिलाओं और बुजुर्ग आंदोलनकारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

खनौरी में युवक की मौत के बाद किसानों में खासा रोष है। इसके खिलाफ अपना विरोध जाहिर करने के लिए हरियाणा बीकेयू (चढ़ूनी) के चीफ गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कल दो घंटे तक हरियाणा के सभी जिलों में कम से कम दो सड़कों को जाम करने का फैसला लिया है।

शुभकरन जिसकी मौत हो गयी।

हालांकि दूसरी तरफ प्रशासन ने भी कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की बात कही है। उसका कहना है किसानों ने कई पुलिसकर्मियों को घेर लिया था और उनकी पिटाई की। इसके अलावा मिर्च के पाउडर के इस्तेमाल की भी बात कही गयी है।

युवक की मौत के बारे में पत्रन अस्पताल के सीनियर मेडिकल अफसर का कहना था कि प्रथमदृष्ट्या ऐसा लगता है कि युवक की मौत सिर में गोली लगने के चलते हुई है। राजिंद्रा अस्पताल में उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा उसके बाद ही किसी आखिरी नतीजे पहुंचा जा सकेगा।

इसी तरह से बीकेयू (सिद्धपुर) के महासचिव काका सिंह कोटरा ने कहा है कि उनका एक कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गया है। जिसका नाम जसबीर सिंह गुग्गू है और वह बालोक गांव का रहने वाला है। खनौरी मोर्चे पर बताया जा रहा है कि तकरीबन 15 हजार लोग मौजूद थे। पूरा इलाका प्रदर्शनकारियों से भर गया था।

युवक की मौत की सूचना मिलते ही किसान अस्पताल की तरफ उसे देखने के लिए भागने लगे। और पूरे इलाके में अफरातफरी मच गयी।

बैरिकेड्स की तरफ आगे बढ़ने से पहले किसान नेताओं ने सरकार से उन्हें हटा देने की अपील की थी जिससे वो शांति पूर्ण तरीके से दिल्ली जा सकें। नेताओं ने कहा था कि अगर किसी तरह की घटना होती है तो यह गलत मोड़ ले सकती है। क्योंकि किसान दिल्ली पहुंचने के लिए अड़े हैं। हम केवल शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेंगे। लेकिन अगर वो हम पर गोली चलाते हैं तो जो कुछ भी होगा उसकी जिम्मेदारी उन पर होगी जिन्होंने बैरिकेड्स लगाए हैं।

इस बीच ट्रेड यूनियनों ने 23 फरवरी को देशभर में काला दिवस मनाने की घोषणा की है। ऐसा उन्होंने युवा किसान की मौत के विरोध में किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कल यानि गुरुवार को अपनी एक बैठक बुलाई है। बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने बताया कि यह आंदोलन जारी रहेगा। समाधान केवल बातचीत से ही निकलेगा…..एसकेएम कल बैठेगा और आगे के रास्ते पर विचार करेगा।

युवक की मौत के बाद शंभू बॉर्डर पर तनाव फैल गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि खबर आते ही दल्लेवाल और पंधेर ने लोगों से हरियाणा में घुसने की अपील कर दी। जिससे पुलिस और किसानों में संघर्ष और तीखा हो गया।

इस बीच पंजाब पुलिस ने हरियाणा पुलिस से किसानों पर ज्यादा बल नहीं इस्तेमाल करने की अपील की।

दल्लेवाल ने कहा कि अगर युवक के मौत की खबर सही है तो उसके बाद केंद्र सरकार से बातचीत का अब कोई मतलब नहीं है। जब हम को यह सूचना मिली उस समय हम कुछ अफसरों से बात कर रहे थे। 

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा है कि वह पंजाब हरियाणा बार्डर पर एक युवक की मौत से दुखी हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मान ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा। ऐसे अधिकारी जो उसकी मौत के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी एक्स पर पोस्ट के जरिये युवक की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा है कि पंजाब के युवक शुभकरन की मौत दुखद है।

मान ने कहा कि हरियाणा किसानों को क्यों रोक रहा है। वे हरियाणा सीमा तक शांतिपूर्ण तरीके से पहुंचे। अगर हरियाणा सरकार उन्हें नहीं रोकती तो वे राजधानी दिल्ली पहुंच जाते। जहां वे शांतिपूर्वक धरना दे रहे होते। केंद्र उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से धरना देने के लिए स्थान मुहैया करा देता।

पंजाब कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा है जिसमें उसने युवक किसान की मौत के लिए जिम्मेदार हरियाणा के गृहमंत्री के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है। पंजाब कांग्रेस चीफ अमरिंदर सिंह राजा ने कहा कि हरियाणा के गृहमंत्री और अंबाला के एसपी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जरूरत है।

इसके साथ ही पिछली बार की तरह इस बार भी किसानों पर नजर रखने के लिए हरियाणा पुलिस ने ड्रोन का इस्तेमाल किया।

इसके पहले बड़ी संख्या में जेसीबी, पोक्लेन्स मशीनें शंभू बार्डर पर देखी गयीं। हरियाणा पुलिस ने उनके मालिकों को वहां से हटाने की अपील की थी। पंजाब के डीजीपी ने भी पंजाब की सड़कों पर उनके चलने पर रोक लगा दी थी। ऐसा पंजाब सरकार की ओर से जारी एक निर्देश में कहा गया था।

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