केंद्र से बकाया पैसा मांगते हैं, तो ईडी लगा देता है; अब सीधी लड़ाई होगी, आर या पार: हेमंत सोरेन

रांची। झारखंड के मुख्यंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि “हम केंद्र सरकार से झारखंड का हक (बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये) मांग रहे हैं तो केंद्र सरकार ईडी व अन्य केंद्रीय एजेंसियों के जरिए मुझे फंसाने व राज्य सरकार को गिराने की साजिश कर रही है”। हेमंत सोरेन ने कहा कि ‘आदिवासी मुख्यमंत्री हूं, किसी से डरनेवाला नहीं हूं’।

मुख्यंमंत्री हेमंत सोरेन ये बातें, 14 अक्टूबर को पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा प्रखंड में मंत्री जोबा मांझी के दिवंगत पति देवेंद्र मांझी की 29वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कही।

इस मौके पर हेमंत सोरेन ने कहा इतिहास गवाह है कि भाजपा ने झारखंड में किसी आदिवासी मुख्यमंत्री को पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया है। उन्होंने रघुवर दास का बिना नाम लिए कहा कि केवल एक गैर आदिवासी छत्तीसगढ़िया सीएम ने कार्यकाल पूरा किया।

हेमंत सोरेन ने कहा कि हम जैसे ही तेजी से चलने लगते हैं, तो हमें कहीं से कोर्ट-कचहरी का ऑर्डर या किसी संस्था का नोटिस भिजवा दिया जाता है कि ‘हाजिरी दो’। इसलिए अब तो हमने भी सोच लिया है कि सीधी लड़ाई होगी। देखा जायेगा, इस पार या उस पार।

हेमंत सोरेन ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों को लगता है कि हमको जेल में बंद करके ये अपने मंसूबे में सफल हो जायेंगे, तो मैं यह बता देना चाहता हूं कि अगर गलती से जेल में रहा भी, तो और मजबूती से निकल कर आऊंगा।

सीएम ने कहा कि अजीब हालत हैं, हम गरीब हैं, तो कुछ भी बोल लो, कुछ भी आरोप लगा लो। इन लोगों को तो वॉशिंग मशीन कहा जाता है। गंदा आदमी को इनकी मशीन में डाल दो, तो साफ हो जाता है। कमाल है! 20 साल चलाया सरकार तुम, भ्रष्टाचारी हो गये हम। बुजुर्ग को पेंशन दी, तो भ्रष्टाचारी हो गये हम। विधवा को पेंशन दी, बच्ची को छात्रवृत्ति दी, तो हम भ्रष्टाचारी हो गये।

सीएम ने कहा कि जंगल में रहने वाले आदमी को तुम कौन से जाल में फंसाओगे? सब जाल कुतर डालेंगे। एक भी जाल आपका बचेगा नहीं। रोज ये लोग सरकार गिराते हैं। रोज प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री बन जाता है, लेकिन बेचारे हेमंत सोरेन को ये लोग खाके चबा नहीं पा रहे हैं। जिस दिन ये हेमंत को गला में उतारेगा, उस दिन इनका गला फट जायेगा। हम लोगों की हड्डी इतनी कमजोर नहीं है कि तुम लोग जैसा चाहोगे, वैसा कर लोगे। आज इसलिए पुण्यतिथि नहीं हमारे लिए सीख का दिन है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि अलग राज्य लेने में 40 वर्ष लग गये और सत्ता मिलने में 20 वर्ष लग गये। इस दौरान बहुत कुछ लुट गया है। उन सभी चीजों को वापस लाना है। 20 साल में राज्य का खजाना खाली कर दिया गया। हमने देखा कि बहुत सारा पैसा राज्य सरकार का भारत सरकार पर बनता है। हमने हिसाब निकाला। भारत सरकार के पास गये। अब जब वह लेने का वक्त आया, तो हम पर संस्थाओं का जाल फेंकने लगे। झारखंड का हक (बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये) मांगने पर केंद्र सरकार इडी व अन्य केंद्रीय संस्थाओं की मदद से मुझे फंसाने व राज्य सरकार को गिराने की साजिश कर रही है।

सीएम ने कहा कि हमारी सरकार बनने के एक घंटा के बाद से भाजपा ने सरकार गिराने के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिये थे। इस बीच कोविड-19 और सुखाड़ के कारण झारखंड को झटका लगा। इसके बावजूद हम जनता के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करते रहे। पूर्व की सरकारों ने आदिवासियों के अस्तित्व को मिटाने और लूटपाट का काम किया। भोले-भाले आदिवासी सजग रहें।

हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री हूं। किसी से डरनेवाला नहीं। झारखंड में आदिवासी हक की लड़ाई मजबूती से लड़ी जा रही है। पूर्व की सरकारों ने 20 वर्षों से राज्य का बेड़ा गर्क कर दिया। हम पटरी पर ला रहे हैं। ऐसी व्यवस्था करने जा रहा हूं कि बीडीओ और सीओ घर-घर जाकर जनहित का काम करेंगे।

बताते चलें कि मीडिया में आई खबरों के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में विगत 6 अक्टूबर को नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की दिल्ली में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए थे।

वामपंथ उग्रवाद की समीक्षा को लेकर आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से खनन कंपनियों पर एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये के बकाया का मुद्दा उठाया था और उसे दिलाने की मांग की।

वहीं उन्होंने कहा था कि नक्सल विरोधी अभियान में राज्य व केंद्र के बीच समन्वय बना रहेगा। राज्य में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति जारी रखने की आवश्यकता है ताकि राज्य में नक्सल गतिविधियों की पुनरावृत्ति न हो।

उन्होंने राज्य में सीआरपीएफ की प्रतिनियुक्ति पर आग्रह करते हुए कहा था कि यहां आईजी और सीआरपीएफ की प्रतिनियुक्ति भी कम से कम तीन साल के लिए हो ताकि अभियान की निरंतरता बनी रही।

मुख्यमंत्री ने अपनी सफलता के आंकडे गिनाते हुए कहा था कि केंद्र तथा राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक कुल 762 नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 20 नक्सली पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। इस अवधि में 37 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी किया है। फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए एक लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक की आकर्षक पुरस्कार राशि की घोषणा की गई है। वर्तमान में 91 फरार नक्सलियों पर पुरस्कार घोषित है।

हेमंत ने कहा था कि राज्य सरकार ने भाकपा माओवादियों के पांच संगठनों को भी प्रतिबंधित किया है। जनवरी 2020 से अब तक अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 48 सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है। 129 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन का निर्माण हो चुका है।

उन्होंने अपनी सरकार की सफलता को गिनाते हुए कहा था कि आठ थानों की निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। इससे नक्सली गतिविधियां रुकी हैं। लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।

(झारखंड से विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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