नीतीश कुमार बन सकते हैं इंडिया गठबंधन के संयोजक, जल्द होगी वर्चुअल बैठक में चर्चा

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहीं इंडिया गठबंधन से अलग होकर एनडीए में ना शामिल हो जाएं, गठबंधन के नेताओं को शायद इस बात का डर सता रहा है। सूत्रों के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि इंडिया गठबंधन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना संयोजक बना सकता है ताकि नीतीश गठबंधन से जुड़े रहें। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल के नेता एक दो दिनों के भीतर एक वर्चुअल बैठक करेंगे जिसमें इस मुद्दे पर नीतीश कुमार के साथ चर्चा की जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, जयराम रमेश, के.सी. वेणुगोपाल और अन्य दलों के कुछ नेता भाग लेंगे जो डिजिटल संचार ऐप के जरिये नीतीश कुमार से जुड़ेंगे।

कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन में बनाए रखने के लिए गठबंधन के नेताओं ने ये कदम उठाया है। खास तौर पर 29 दिसंबर को दिल्ली में हुई जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद ये जरूरी हो गया है। क्योंकि बैठक में नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन को लेकर निराशा जताई थी। उन्होंने गठबंधन पर उनके किसी भी सुझाव पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया था।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने इस योजना पर पहले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, शिव सेना नेता उद्धव ठाकरे, एनसीपी नेता शरद पवार और दक्षिण राज्यों के क्षेत्रीय दलों से सहमति ले ली है।

वहीं इस मामले में बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी का कहना है कि उनके पास इस बात की कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि “अगर ऐसा कोई प्रस्ताव आता है तो जेडीयू के वरिष्ठ नेता एक साथ बैठकर बातचीत करेंगे लेकिन अंतिम फैसला नीतीश का ही होगा। उनके फैसले को हम सभी स्वीकार करेंगे।”

इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे में देरी का आरोप लगाते हुए चौधरी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि सीट बंटवारा जितनी जल्दी किया जाएगा उतना अच्छा होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि “नीतीश कुमार एक ऐसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित किसी को भी चुनौती दे सकते हैं। ऐसा राजनेता दुर्लभ है जिसके काम को पूरे देश में मान्यता मिले।”

वहीं जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन को लेकर असंतोष जताया था। उन्होंने कहा कि “उन्होंने हताशा जताई थी कि जाति-आधारित सर्वेक्षण सहित उनके काम को इंडिया गठबंधन में न तो स्वीकार किया जा रहा है और न ही चर्चा की जा रही है। सीट बंटवारे को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के उनके बार-बार अनुरोध के बाद भी देरी हो रही है बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा देने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया और एक पार्टी गठबंधन की भावना के खिलाफ गठबंधन पर हावी होने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने हमसे पूछा था कि ऐसी परिस्थितियों में क्या किया जाना चाहिए।”

जेडीयू की बैठक में नीतीश के भाषण से ऐसा लगने लगा कि वो फिर से एनडीए का रुख कर सकते हैं। और यही वजह है कि कांग्रेस नीतीश को गठबंधन का संयोजक बनाकर उन्हें एनडीए में जाने से रोकना चाहती है।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या नीतीश कुमार इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे। क्योंकि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 19 दिसंबर को दिल्ली में गठबंधन की पिछली बैठक में खड़गे को गठबंधन का संयोजक और प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव दिया था। बैठक में किसी ने भी नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया था।

हालांकि, गठबंधन के संयोजक पद की पेशकश की अटकलों के बीच आरजेडी नीतीश के पक्ष में उतर आया है। आरजेडी के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि “मेरी पार्टी और मेरा मानना है कि नीतीश कुमार को इंडिया का संयोजक बनाया जाना चाहिए। इस पद के लिए उनसे अधिक उपयुक्त कोई और नेता नहीं है।”

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author