पुलवामा हमले के समय शूटिंग में व्यस्त थे मोदी, अनंतनाग के वक्त पार्टी मुख्यालय में करा रहे थे अपना स्वागत

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को आतंकवादियों से मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अफसर के शहीद होने की खबर पूरे देश में आग की तरह फैली। देश का हर नागरिक एक फिर अवाक रह गया। और कश्मीर से आने वाली सूचनाओं पर निगाह रखने के साथ ही शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करने लगा। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस जब शहीदों के शवों पर माल्यार्पण कर रही थी और शवों को उनके परिजनों के पास भेजने की तैयारी चल रही थी। ठीक उसी समय इस घटना से अनजान दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय रास-रंग में डूबा था। भाजपा मुख्यालय में उत्सव का माहौल था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रीय मंत्री, संघ-भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता फूल बरसा रहे थे।

उस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी चेहरे पर विजयी भाव लिए गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन कर रहे थे। उस दौरान देश की रक्षा में शहीद हुए सेना और पुलिस के अधिकारियों के परिजनों की चीख को पीएम तक पहुंचने से रोकने के लिए भाजपा नेता पुष्प वर्षा कर रहे थे और ढोल-नगाड़े की धुन पर थिरक रहे थे।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बुधवार दोपहर तक पीएम मोदी के कानों तक तीन जांबाजों के शहीद होने की खबर नहीं पहुंची थी? नहीं ऐसा नहीं है। पीएम मोदी के पास ये खबर जरूर पहुंची होगी। ठीक उसी तरह जैसे 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने की खबर पहुंची थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शोक में डूबने की बजाय उत्तराखंड की वादियों में स्थित जिम कार्बेट नेशनल पार्क में अपनी शूटिंग करा रहे थे।

पुलवामा घटना के समय पीएम मोदी ने स्वयं कहा था कि घटना की सूचना उन्हें 15 मिनट देरी से मिली थी। लेकिन उस आतंकी हमले की खबर 3.15 बजे तक पूरे देश को मिल गई थी। 5.15 बजे तक कांग्रेस पार्टी ने प्रतिक्रिया दे दिया था। लेकिन पीएम मोदी दिन भर पार्क का भ्रमण करने के बाद नौका विहार और 6.45 बजे तक फिल्म की शूटिंग करते रहे, नौका विहार करते रहे।

अनंतनाग की घटना हो या पुलवामा की, नरेंद्र मोदी आतंकी घटनाओं या सीमा पर शहीद हुए जवानों के प्रति जरा भी संवेदनशील नहीं लगते है। ऐसी घटनाओं का वह राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में रहते हैं। तभी तो सेना के कर्नल-मेजर और पुलिस के डीएसपी के शहीद होने के बावजूद वह और उनकी पार्टी जश्न में डूबे रहे। भाजपा मुख्यालय पर आयोजित इस जश्न में जी-20 के ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व सफल आयोजन के लिए भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।

देश के तीन सपूतों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए देश के लिए अपने जान को न्योछावर कर दिया और देश का प्रधानमंत्री दिल्ली में रंगारंग कार्यक्रम में व्यस्त था। और घटना के दूसरे दिन जब सेना के जवान अनंतनाग में आतंकवादियों का सर्च ऑपरेशन चला रहे थे तब पीएम मोदी मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए वोट सर्च करने निकल पड़े। और चुनावी प्रचार में व्यस्त प्रधानमंत्री ने सपूतों की शहादत पर ट्वीट तक नहीं किया।

कांग्रेस ने गुरुवार को पीएम मोदी को असंवेदनशील बताते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि “जब आज पूरा देश गमगीन है, शहीदों के परिवार की चीखें सबका कलेजा चीर रही हैं। तब इस देश के असंवेदनशील प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में प्रचार में मस्त हैं और वोट मांग रहे हैं।”

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को आतंकियों के साथ एक मुठभेड़ में सेना को दो जांबाज अफसर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी शहीद हो गए। दरअसल, सुरक्षाबलों की एक टीम कोकेरनाग में आतंकियों की घेराबंदी करने पहुंची थी। इसी दौरान आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों पर हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है।

शहीद होने वालों की पहचान कर्नल मनप्रीत सिंह; कोकेरनाग में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर, मेजर आशीष धोंचक और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं मुजामिल भट के रूप में की है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम ने इलाके में आतंकवादियों की आवाजाही की सूचना मिलने के बाद मंगलवार शाम अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के गाडूल जंगल में एक अभियान शुरू किया था।

कर्नल मनप्रीत सिंह, सिख लाइट इन्फैंट्री के एक सम्मानित अधिकारी, कोकेरनाग स्थित 19 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट की कमान संभाल रहे थे। उन्हें 2021 में सेना मेडल मिला था। वह पंजाब के मोहाली जिले से थे, और उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी, एक छह साल का बेटा और एक दो साल की बेटी है। सिंह के दिवंगत पिता भी सिख लाइट इन्फैंट्री से थे।

सेवानिवृत्त जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक गुलाम हसन भट के बेटे हुमायूं मुजामिल भट (34) 2018 में जम्मू-कश्मीर पुलिस में शामिल हुए थे, जिस वर्ष उनके पिता सेवानिवृत्त हुए थे। मूल रूप से दक्षिण कश्मीर के त्राल के रहने वाले उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक महीने का बेटा है। मेजर आशीष ढोंचक हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले थे।

अनंतनाग में जारी है सर्च ऑपरेशन

सेना के दो और पुलिस के एक जांबाज अधिकारी के शहीद होने के बाद क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी है। सेना ने क्षेत्र को घेर लिया है, और वहां से गांववासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

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