न्यूज़क्लिक फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड को सात दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया

नई दिल्ली। न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को कोर्ट ने सात दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। इन दोनों पर चीनी प्रोपोगंडा को संचालित करने के लिए विदेश से फंड लेने का आरोप लगाकर आतंकवाद विरोधी यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को 46 से ज्यादा लोगों के ठिकानों पर छापे मारे थे। जिसमें उन सभी से पूछताछ के बाद कई लोगों के लैपटॉप, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सामानों को जब्त कर लिया था। 

उर्मिलेश, अभिसार, अनिंद्यो, परंजयगुहा ठाकुरता समेत कई पत्रकारों को डिटेन किया गया था और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में ले जाकर उनसे पूछताछ की गयी थी। इसी समय पूछताछ के बाद प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जबकि बाकी को घर जाने दिया गया। हालांकि इनमें से कुछ पत्रकारों को पूछताछ के लिए पुलिस ने फिर से बुलाया है।

डिटेंशन से रिहा होने के बाद अभिसार शर्मा ने अपने एक वीडियो में पूरी रेड की कहानी बतायी है। उन्होंने कहा कि सुबह ही पुलिस का दस्ता उनके घर पहुंच गया था। लाठी और हथियार से लैस इस दस्ते ने उनके साथ पूछताछ शुरू की। जिसमें प्रमुख सवालों में एनआरसी-सीएए आंदोलन, किसान आंदोलन और दिल्ली दंगों की कवरेज से संबंधित प्रश्न थे। पुलिस ने पूछा कि क्या उन्होंने इन आंदोलनों को कवर किया था? उन्होंने यह बताया कि वह पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते बहुत ज्यादा नहीं निकलते हैं लिहाजा ग्राउंड पर जाकर इनकी कवरेज नहीं कर पाते हैं। हां घर में रहकर स्टूडियो में खबरों का विश्लेषण ज़रूर करते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि ढेर सारे ऐसे लोगों के यहां भी छापे डाले गए जो न्यूज़ क्लिक से सीधे जुड़े भी नहीं थे। पत्रकारों के अलावा टेक्नीशियन और दूसरे स्टाफ को भी नहीं बख्शा गया।

द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों यानि पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को एक कोर्ट के सामने पेश किया गया जहां से कोर्ट ने उन्हें सात दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया।

इसके पहले पुलिस ने न्यूज़क्लिक के दिल्ली दफ्तर को सीज कर दिया। जिन और लोगों से पूछताछ की गयी उनमें इतिहासकार सोहेल हाशमी, व्यंग्यकार संजय राजौरा, सेंटर फॉर टेक्नालाजी एंड डेवलपमेंट के डी रघुनंदन शामिल हैं। इसके अलावा भाषा सिंह और मुकुल सरल के अलावा कई ऐसे लोग हैं जिनके घरों पर रेड पड़ी और उनके सभी इलेक्ट्रॉनिक सामानों को जब्त कर लिया गया।

गृहमंत्रालय को रिपोर्ट करने वाले दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि यह पहली बार है जब किसी मीडिया प्लेटफार्म को आतंकवाद विरोधी यूएपीए कानून के तरह बुक किया गया है। न्यूज़क्लिक के खिलाफ 2021 में इनकम टैक्स और ईडी ने छापा मारा था। दिलचस्प बात यह है कि उस छापे के बाद कोर्ट ने एजेंसियों से पोर्टल के मालिक के खिलाफ किसी कठोर कार्रवाई में न जाने का निर्देश दिया था। जिसके चलते ईडी पुरकायस्थ को गिरफ्तार नहीं कर सकी। 

इस बीच ईडी ने फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसमें उसका कहना था कि उसे न्यूज़क्लिक के खिलाफ कुछ नये सुबूत मिले हैं जिसके आधार पर उसके मालिक की कस्टडी चाहती है। इस मामले की अभी सुनवाई चल ही रही थी कि इस बीच दिल्ली पुलिस ने अगस्त, 2023 में दर्ज यूएपीए के इस मामले में पूछताछ शुरू कर दी।

यूएपीए के साथ ही आईपीसी की दूसरी धाराओं 153A और 120B को भी इसमें शामिल किया गया है।

आरोप के तौर पर इसमें कहा गया था कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने जांच के बाद यह आरोप लगाया है कि न्यूज़क्लिक उन संगठनों के नेटवर्क में शामिल है जिसको चीनी प्रोपोगंडा को फैलाने के लिए अमेरिका के करोड़पति शख्स नैविले रॉय सिंघम की ओर फंडिंग की जाती है।

पुरकायस्थ ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि “यह कोई नया आरोप नहीं है। इसको पहले भी लगाया गया था। हम इसका उचित प्लेटफार्म पर जवाब देंगे। वह कोर्ट है क्योंकि मामला अभी न्यायालय के अधीन है।”

इस बीच न्यूज़क्लिक का दफ्तर पुलिस ने सील कर दिया है। हालांकि कर्मचारी अपने घरों से काम कर रहे हैं। लेकिन उनके लैपटाप और मोबाइल फोनों के चले जाने से उन्हें अतिरिक्त परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में अभी यह बात नहीं पता चल सका है कि क्या पुलिस ने दफ्तर सील करने के साथ ही न्यूज़क्लिक के बैंक एकाउंट को भी सीज कर दिया है? 

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