विपक्षी नेताओं ने पीएम को लिखा खत, कहा- सेंट्रल विस्टा प्रोग्राम रोककर यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर जोर दे सरकार

(विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कोरोना के सिलसिले में कई सुझाव दिए हैं। उनका कहना है कि समय-समय पर विपक्षी दल और उनके नेता सुझाव देते रहे हैं लेकिन सरकार उन्हें नजरंदाज करती रही है। अब जबकि कोरोना ने भीषण रूप धारण कर लिया है तब सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह दूसरे पक्षों को भी सुने और उनके सुझावों पर ध्यान दे। पेश है विपक्षी नेताओं का पूरा पत्र-संपादक)

12 मई, 2021

प्रधानमंत्री को प्रमुख विपक्षी दलों का संयुक्त पत्र

प्रिय प्रधानमंत्री जी,

हमारे देश में कोरोना महामारी ने अप्रत्याशित मानवीय विभीषिका का विकराल रूप धारण कर लिया है।

हमने पहले भी बार-बार आपका ध्यान पार्टी स्तर पर एवं संयुक्त रूप से उन विभिन्न उपायों की ओर आकृष्ट किया है, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा लागू किया जाना अति आवश्यक है। दुर्भाग्यपूर्ण रूप से आपकी केंद्र सरकार ने उन सभी सुझावों को या तो नजरंदाज कर दिया या फिर मानने से इंकार कर दिया। इस तरह से स्थिति और ज्यादा बिगड़कर भयावह मानवीय त्रासदी की तरफ बढ़ गई।

देश को इस दुखद स्थिति में लाकर खड़ा कर देने वाली केंद्र सरकार के क्रियाकलापों और भूलों के विस्तार में जाए बिना हमारा दृढ़ विचार है कि निम्नलिखित सुझावों को आपकी सरकार द्वारा युद्धस्तर पर लागू किया जाना चाहिए।

1.     सभी घरेलू बाजार या विदेश से, जहां से भी संभव हो, केंद्रीय स्तर पर वैक्सीन उपलब्ध करवाई जाए।

2.     पूरे देश में तत्काल निशुल्क और यूनिवर्सल वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया जाए।

3.     देश में वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए अनिवार्य लाईसेंसिंग लागू किया जाए।

4.     वैक्सीन के लिए बजट में आवंटित 35,000 करोड़ रु. खर्च किए जाएं।

5.     सेंट्रल विस्टा के निर्माण को रोका जाए। इसके स्थान पर आवंटित धनराशि का इस्तेमाल ऑक्सीजन और वैक्सीन खरीदने के लिए किया जाए।

6.     गैरजवाबदेह निजी ट्रस्ट फंड, पीएमकेयर्स में रखी पूरी धनराशि को ज्यादा वैक्सीन, ऑक्सीजन एवं जरूरी मेडिकल उपकरण खरीदने के लिए जारी किया जाए।

7.     सभी बेरोजगारों को कम से कम 6,000 रु. प्रतिमाह की मदद की जाए।

8.     जरूरतमंदों को अनाज का निशुल्क वितरण किया जाए। (केंद्र के गोदामों में इस समय एक करोड़ टन से ज्यादा अनाज सड़ रहा है) 

9.     हमारे लाखों अन्नदाताओं को महामारी का शिकार होने से बचाने के लिए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए ताकि वो देश के लोगों को भोजन देने के लिए अनाज का उत्पादन करते रहें। 

यद्यपि आपके कार्यालय या सरकार द्वारा ऐसा करने की प्रथा नहीं है, फिर भी हम भारत और हमारे नागरिकों के हित में आपसे प्रतिक्रिया की अपेक्षा करते हैं।

हस्ताक्षरकर्ता,

सोनिया गांधी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)

एचडी देवगौड़ा (जेडी-एस)

शरद पवार (एनसीपी)

उद्धव ठाकरे (शिवसेना)

ममता बनर्जी (टीएमसी)

एमके स्टालिन (डीएमके)

हेमंत सोरेन (झामुमो)

फारूक अब्दुल्ला (जेकेपीए)

अखिलेश यादव (सपा)

तेजस्वी यादव (राजद)

डी राजा (भाकपा)

सीताराम येचुरी (माकपा)

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