युवा किसान शुभकरण की मौत की न्यायिक जांच के आदेश

नई दिल्ली। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने शुभकरण की मौत की न्यायिक जांच का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि प्रत्यक्ष कारणों से यह जांच हरियाणा या फिर पंजाब को नहीं दी जा सकती है। इस सिलसिले में कार्यकारी चीफ जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया और जस्टिस लापिता बनर्जी की बेंच ने तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित की है जिसमें एक रिटायर्ड हाईकोर्ट जज और दो एडीजीपी रैंक के हरियाणा और पंजाब के अफसर शामिल हैं। आज शाम तक उनके नामों की भी घोषणा हो जाएगी। 

इस बीच 21 वर्षीय युवा किसान शुभकरण के मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गयी है। इसमें कहा गया है कि शुभकरण के सिर में मेटैलिक पैलेट पायी गयी हैं। रिपोर्ट को पांच डाक्टरों की टीम ने तैयार किया है।

ट्रिब्यून के पास रिपोर्ट है। उसके मुताबिक मौत का कारण सिर में लगी घाव है जो किसी आग्नेय अस्त्र का नतीजा थी। और इसके साथ ही कहा गया है पीड़ित की कुछ ही मिनटों में मौत हो गयी।

शहीद घोषित किए गए किसान की 21 फरवरी को हरियाणा-पंजाब की सीमा पर स्थित खनौरी में मौत हो गयी थी। ऐसा कहा जा रहा है कि शुभकरण पर गोली हरियाणा पुलिस ने चलायी थी। गौरतलब है कि इस दौरान किसानों को हरियाणा में घुसने से रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने रबर बुलेट, आंसू गैस के गोले और स्मोक बम का इस्तेमाल किया था। किसान पंजाब से दिल्ली जा रहे थे।

रिपोर्ट आधिकारिक रिकार्ड का हिस्सा हो गयी है और उसे जीरो-एफआईआर के साथ नत्थी कर दिया गया है। एफआईआर पटियाला पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई है।

सूत्रों के मुताबिक पुलिस की ओर से सरकारी राजेंद्र अस्पताल के डाक्टरों को रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में देने के लिए कहा गया है और इसके साथ ही उस पर किसी से भी बातचीत करने से मना किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ित की खोपड़ी में दो घाव के निशान पाए गए। इनमें से एक मौत की वजह बनी। पहली चोट के बारे में रिपोर्ट कहती है कि मेटैलिक पैलेट की कई राउंड पीड़ित की खोपड़ी से पायी गयी। और इन सब को एक जार में सुरक्षित रख लिया गया है और जरूरत के मुताबिक बैलेस्टिक राय के लिए जांच अधिकारी को सौंप दिया गया है। बाल और घाव के इर्द-गिर्द की त्वचा और छिले बाल को सीलबंद जार में रख दिया गया है। और उन्हें भी जांच अधिकारी को सौंप दिया गया है। 

दूसरे घाव में बायीं भौंह के ऊपर चार सेंटीमीटर की थोड़ी सूजन थी। 

रिपोर्ट में आखिर में कहा गया है कि हमारे विचार से मौत का कारण सिर में लगी चोट है और वह आग्नेय अस्त्र का नतीजा है। सामान्य तौर पर वह किसी की मौत के लिए पर्याप्त है। और हथियार की प्रकृति आग्नेयास्त्र है। और पीड़ित की कुछ ही मिनटों में मौत हो गयी। 

एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर ने बताया कि जीएसआर और विशेषज्ञों की बैलिस्टिक राय के बाद ही मौत में किस हथियार का इस्तेमाल हुआ था, का पता चल सकेगा। 

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