इजराइली चेतावनी के बाद हजारों ने उत्तरी गाजा छोड़ा, लेकिन सामूहिक पलायन नहीं; पुतिन उतरे मैदान में

नई दिल्ली। हजारों लोगों ने गाजा के उत्तरी इलाके को छोड़ दिया है लेकिन उस स्तर पर सामूहिक पलायन नहीं हुआ है जिसकी आशंका जताई जा रही थी। दरअसल इजराइल ने गाजा के उत्तरी क्षेत्र में रहने वाले तकरीबन 11 लाख फिलिस्तीनियों को इलाका छोड़ कर चले जाने का निर्देश जारी किया था।

इस बीच एक नये घटनाक्रम में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इजराइल को गाजा पट्टी की नाकेबंदी करने से बाज आने की इजराइल को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यह उसी तरह से है जैसे नाजी जर्मनी ने लेनिनग्राद के साथ किया था। उन्होंने कहा कि हमले की इसको जगह बनाना इतनी ज्यादा मौतों को अंजाम देगा जो किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।

पुतिन ने कहा कि इजराइल हमास के भयंकर क्रूर हमले का शिकार हुआ है लेकिन वह खुद उसका जवाब उन्हीं क्रूर तरीकों से दे रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी निगाह में यह अस्वीकार्य है। 20 लाख से ज्यादा लोग वहां रहते हैं। उनमें से सब हमास का समर्थन नहीं करते हैं। लेकिन बच्चों और महिलाओं समेत सभी को सफर करना पड़ेगा। निश्चित तौर पर इससे सहमत हो पाना किसी के लिए भी कठिन है।

इस बीच कतर के पीएम ने कहा है कि दोहा युद्ध को रोकने के प्रयास पर काम कर रहा है। कतर के पीएम और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा कि दोहा अपने सहयोगियों के साथ युद्धबंदी की कोशिश में लगा है। खून-खराबा और इलाके में हिंसा बंद हो। उन्होंने दोहा में अमेरिकी विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कतर की राजनयिक दायरे में प्राथमिकता किसी भी तरीके से युद्ध को विराम दिलवाना, नागरिकों की रक्षा करना, बंधकों को छुड़वाना, और इलाके में युद्ध का विस्तार न हो उसके लिए कठिन प्रयास करना है।

इस बीच फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि अब तक 1799 लोगों की मौत हो गयी है और 6388 लोग घायल हैं। जबकि इजराइल में मरने वालों की संख्या 1300 है और वहां 3400 लोग घायल हैं। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि लड़ाई शुरू होने के बाद वेस्ट बैंक इलाके में भी 11 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।

अरब लीग के मुखिया अहमद अबौल घीट ने इजराइल द्वारा फिलिस्तीनियों को उत्तरी गाजा खाली करने के आदेश को जबरन ट्रांसफर करार दिया है और उसे अपराध बताया है। लेबनान स्थित संगठन हेजबुल्लाह के डिप्टी प्रमुख ने कहा है कि उनके अपने प्लान के मुताबिक वो इजराइल के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार हैं। फिलीस्तीन के पक्ष में दुनिया के कई देशों में प्रदर्शन हुए हैं। जिसमें इजाइल द्वारा गाजा में बमबारी की निंदा की गयी है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल क्राइसिस एविडेंस लैब ने इजराइली सेना द्वारा गाजा में हमले के दौरान सफेद फास्फोरस पदार्थ के इस्तेमाल की पुष्टि कर दी है।जबकि इजारइल ने इन आरोपों को खारिज किया है। उसका कहना है कि यह बिल्कुल झूठ है।

 तुर्की ने इजराइल के खाली कराने के आदेश की निंदा की है। और उसे कत्तई अस्वीकार्य करार दिया है। और उसे तत्काल वापस लेने की मांग की है।

रायटर्स ने बताया है कि शुक्रवार की दोपहर तक किसी बड़े पलायन का कोई निशान नहीं था। गाजा मामलों के विश्लेषक तलाल ओकल ने कहा है कि इजराइल द्वारा फिलीस्तीनियों को दिया गया आदेश गाजा को नाकबा की ओर धकेलने जैसा है। ओकल ने कहा कि “जैसा कि उन्होंने 1948 में किया था जब उन्होंने विस्फोटकों के पूरे गट्ठर को उनके सिर पर गिरा दिया था और फिर लोग ऐतिहासिक फिलिस्तीन से पलायन करने के लिए मजबूर हो गए थे। आज इजराइल पूरी दुनिया के सामने एक बार फिर उसी को दोहरा रहा है बिल्कुल कैमरे के सामने। “

यहां तक कि अगर खाली करने का मसला हो भी तो अस्पतालों में भर्ती मरीजों को नहीं खाली कराया जा सकता है। यह कहना है डब्ल्यूएचओ का। उसने बताया कि यह बिल्कुल मौत की सजा होगी।

फिलिस्तीनी पीएम मोहम्मद शतायेह ने इजराइल पर आरोप लगाया है कि वह भारी तादाद में हवाई हमले और हाईराइज इमरातों को समतल करने के बाद नरसंहार कर रहा है। शतायेह ने रामाल्लाह में कहा कि गाजा में हमारे लोग नरसंहार के दौर से गुजर रहे हैं। गाजा खतरनाक इलाके में तब्दील हो चुका है।

अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में लेबनान से जुड़े इजराइल की सीमा पर तनाव बढ़ता जा रहा है। और पिछले 24-48 घंटे के बीच कई बार झूठे सायरन बजाए गए। ऐसा लगता है कि जैसे हमला हो गया है।

मीडिया प्लेटफार्म के मुताबिक लड़ाके इजराइली इलाकों में घुस गए हैं। और वहां दोनों के बीच लड़ाई भी चल रही है। लेकिन हम यह नहीं जानते हैं कि क्या उनमें से किसी की मौत हुई है। लेकिन जो चीज हम लोग जानते हैं वह यह कि परिस्थिति बहुत तनावपूर्ण है।

तेल अवीव के आस-पास के इलाकों में राकेट साइरन की आवाजें सुनाई दी हैं।

गाजा शहर के दक्षिणी इलाके से अल जजीरा के रिपोर्टर सफवात अल कहलौट जो इस समय दायरे अल बालाह में हैं, ने बताया कि पहले गाजा शहर से यहां तक पहुंचने के लिए 15 मिनट लगते थे लेकिन आज दो घंटे लग गए। अपने रास्ते में हमने सच्ची त्रासदी देखी। हमने हजारों लोगों को अपने बच्चों को ढोते हुए देखा। उनमें से कुछ चटाई ले जा रहे थे। या फिर छोटा बैग था उनके पास। जिसमें वह जो भी कुछ ले जा सकते थे वह ले जा रहे थे। खासकर रोजाना के जरूरी सामान मसलन अपने बच्चों के लिए कपड़े और जरूरी दस्तावेज। इनमें से ज्यादातर पैदल ही जा रहे थे। बावजूद इसके ज्यादातर लोग अभी भी गाजा शहर और उसके उत्तरी इलाके को खाली नहीं किए हैं। उनमें से कुछ ने कहा कि हम कहां जा सकते हैं? क्या दक्षिण में उनके लिए कोई सही में शरणार्थी सुविधा है?

वो इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि हर आदमी दक्षिण से लेकर उत्तर की खबरें सुन रहा है। और वो जानते हैं कि कोई भी सुरक्षित स्थान नहीं है पूरे गाजा पट्टी में।

पाकिस्तान के कई इलाकों में फिलिस्तीन के पक्ष में रैली हुई है। इस्लामाबाद में कई छोटे-छोटे प्रदर्शन हुए हैं। इनमें से ज्यादातर का नेतृत्व धार्मिक संगठनों ने किया है।

शुक्रवार को नमाज के बाद इकट्ठा हुए लोगों ने अपने नारे बदल दिए उन्होंने फिलिस्तीन की स्वतंत्रता की जगह अब इजराइल की बर्बादी के नारे लगाने शुरू कर दिए हैं।

फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सीरिया में भी प्रदर्शन हुआ है। यह सीरिया के उत्तरी-पश्चिमी इलाके में स्थित इडलिब में आयोजित हुआ है। इस मौके पर एक फिलिस्तीनी सीरियाई नागरिक ने कहा कि इजराइली मिलिट्री मशीन का सामना करने वाले फिलिस्तीनियों के लिए हम इतना ही कर सकते हैं। हम यह संदेश देना चाहते हैं कि सीरियाई औऱ फिलीस्तीनी लोग जो सीरिया के उत्तरी इलाके में रहते हैं, के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं।

इस बीच इस मसले पर चीन का बयान आया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि इजराइल और हमास विवाद का कारण फिलिस्तीनियों के साथ हुआ ऐतिहासिक अन्याय है।

उन्होंने रिपोर्टरों को बताया कि इस समस्या की जड़ फिलिस्तीनियों के लिए एक अलग स्टेट की स्थापना का एहसास बहुत देर से हो पाना है। और सच्चाई यह है कि फिलिस्तीनी लोगों द्वारा भोगे गये इस अन्याय को आज भी दुरुस्त नहीं किया गया। 

यूरोपियन यूनियन के बड़े पदाधिकारी इजराइल पहुंच गए हैं। इसमें यूरोपियन कमीशन के प्रेसिडेंट उरसुला वोन डर लिएन और यूरोपियन पार्लियामेंट प्रेसिडेंट राबर्टा मेतसोला शामिल हैं।

इस बीच तमाम देशों की यूएन के साथ फिलिस्तीनियों को सेफ पैसेज देने के मसले पर बात हो रही है। इसमें जर्मनी से लेकर मिस्र तक दूसरे देश शामिल हैं।

इजराइल के रक्षा मंत्री ने कहा है कि हमले का विचार ईऱानी विचार है। उन्होंने कहा कि ईरान, हेजबुल्लाह और हमास की एक धुरी है यह पाप की धुरी है। हर चीज ईरान से निर्देशित है। ईरान द्वारा हरी झंडी दी गयी है। यहां तक कि ईरान से पैसा भी सप्लाई किया गया है। और इस विचार को भी आकार ईरान में ही दिया गया है।

हेजबुल्ला ने कहा कि जब भी कार्रवाई की जरूरत पड़ेगी हम उतर पड़ेंगे। जबकि विदेशी ताकतें हमें किनार रहने के लिए कह रही हैं। बेरुत में एक रैली संबोधित करते हुए संगठन के डिप्टी चीफ शेख नईम कासिम ने कहा कि अरब और यूएन जैसी मुख्य ताकतों ने सीधे और परोक्ष रूप से हेजबुल्ला को बताया कि इजराइल और हमास के बीच मौजूदा लड़ाई में हमें हिस्सा नहीं लेना चाहिए।

जार्डन में फिलिस्तीन के पक्ष में होने वाले प्रदर्शन को वहां की पुलिस ने तितर-बितर कर दिया। जार्डन को इस बात का डर है कि हिंसा के बढ़ने के बाद उसके भी जद में आ जाने का खतरा है क्योंकि फिलिस्तीनियों की एक बड़ी आबादी उसके यहां रहती है।

दक्षिणी लेबनान में इजराइली हमले में एक पत्रकार की मौत हो गयी है। इसके साथ ही तीन पत्रकार घायल हो गए हैं। घायलों में अल जजीरा के रिपोर्टर और उनके कैमरापर्सन शामिल हैं। घटना आलमा अश शाब के पास हुई है। जो लेबनान और इजराइल की सीमा पर स्थित है।

(ज्यादातर इनपुट अल जजीरा से लिए गए हैं।)

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