भारत जोड़ो न्याय यात्रा: पीएम मोदी की विफलताओं को उजागर करते हुए नगालैंड पहुंचा कारवां

नई दिल्ली। रविवार को मणिपुर से शुरू हुई कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है नरेंद्र मोदी की 10 वर्षों की विफलताओं को जनता के सामने रख रही है। मोदी सरकार की विफलताएं स्वयं सबके सामने उजागर हो रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर नहीं गए। लेकिन राहुल गांधी मैतेई और कुकी दोनों समुदायों के क्षेत्र से गुजरे।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का आज 16 जनवरी को तीसरा दिन है। तीसरे दिन राहुल गांधी ने कोहिमा (नगालैंड) के विश्वेमा गांव से यात्रा की शुरुआत करते हुए लोगों से कहा कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप छोटे राज्य हैं, आपको देश के बाकी लोगों जैसे बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए।

राहुल ने सोमवार सुबह इम्फाल वेस्ट के सेकमई से यात्रा शुरू की थी। यात्रा सोमवार रात नगालैंड पहुंची। राहुल पार्टी सहयोगियों के साथ मणिपुर की सीमा से लगे कोहिमा जिले के खुजामा गांव में रात्रि विश्राम किया।

खुजामा में लोगों ने यात्रा का स्वागत किया। राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ख्रीदी थेनुओ ने कहा कि राहुल यहां नगा आदिवासी संगठनों, नगा होहो, नागरिक समाज समूहों और चर्च के प्रतिनिधियों के साथ उनकी समस्याओं पर चर्चा करेंगे। राहुल नगालैंड में पांच जिलों-कोहिमा, त्सेमिन्यु, वोखा, जुन्हेबोटो और मोकोकचुंग से गुजरेंगे और रैलियां करेंगे।

सोमवार को राहुल ने सुबह सेकमाई से अपनी वोल्वो बस में रवाना हुए। राहुल पारंपरिक मणिपुरी जैकेट के साथ अपनी ट्रेडमार्क सफेद टी-शर्ट और पतलून पहने थे। भीड़ से बात करने और उनकी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए राहुल यात्रा मार्ग पर कई बार बस से उतरे। उन्होंने लोगों के साथ सेल्फी ली और पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन भी देखा।

वे मैतेई और कुकी दोनों समुदायों के इलाकों से गुजरे। गांधी ने कांगपोकपी जिले की भी यात्रा की जहां पिछले साल मई में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया था। राहुल की बस के यात्रा मार्ग पर कई लोग कतार में खड़े थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे और उन्होंने गांधी के समर्थन में नारेबाजी की।

राहुल ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मणिपुर में जल्द से जल्द शांति लौटेगी।” बाद में बस से पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में राहुल ने कहा कि यह मणिपुर में एक त्रासदी है। लेकिन भारत सरकार चिंतित नहीं है और प्रधानमंत्री ने राज्य का दौरा तक नहीं किया है।

कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि समाज के विभिन्न वर्गों पर हुआ अधिकांश अन्याय प्रधानमंत्री की सचेत पसंद और त्रुटिपूर्ण नीतियों के कारण हुआ है।

कांग्रेस ने अब रद्द किए गए तीन कृषि कानूनों को किसानों पर एक सुनियोजित हमला बताया था, जिसका उद्देश्य कृषि व्यवसाय को पूंजीपतियों को सौंपना था, राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी को असंगठित क्षेत्र पर घातक प्रहार करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।

पार्टी ने मोदी के अन्य फैसलों की भी आलोचना की है, जैसे आधे-अधूरे जीएसटी, अनियोजित कोविड लॉकडाउन और पेट्रोलियम उत्पादों की अत्यधिक कीमतें, साथ ही छोटे उद्यमों के प्रति उनकी उदासीनता, जिसने रोजगार सृजन को अवरुद्ध कर दिया है।

कांग्रेस का यह भी मानना है कि अन्याय की अवधारणा-न्याय यात्रा का फोकस-मणिपुर के प्रति मोदी के दृष्टिकोण को परिभाषित करती है।

पिछले मई माह में मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू हुई थी, लेकिन मोदी ने अब तक राज्य का दौरा नहीं किया, हालांकि वह न्यूयॉर्क, दुबई और पापुआ न्यू गिनी से लेकर लक्षद्वीप और विभिन्न राज्यों में दुनिया और भारत में घूमे।

न्याय यात्रा के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि “राजनीति को केवल चुनाव तक सीमित न रखें; न्याय सीटों और वोटों की संख्या के बारे में नहीं है।”

उन्होंने कहा कि “मोदी पहले से ही विजयी हैं। उनके पास 303 (लोकसभा) सीटें हैं, उनके पास 8,500 करोड़ रुपये का विमान, 15 करोड़ रुपये की कार, 10 लाख रुपये का सूट, एसपीजी सुरक्षा है… लेकिन वह मणिपुर नहीं आए। महात्मा गांधी ने चुनाव नहीं लड़ा लेकिन उन्होंने न्याय के लिए लड़ाई लड़ी।”

कन्हैया ने आगे कहा कि “किसी को न्याय के लिए लड़ना होगा। बीजेपी समर्थकों को भी न्याय की जरूरत है। हर किसी को महंगाई और बेरोजगारी के अन्याय से, अन्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय से राहत की जरूरत है।”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “चुनाव के कारण आज 10 साल बाद प्रधानमंत्री को आदिवासी कल्याण की याद आई। हम तीन सवाल पूछना चाहते हैं। 2013 के बाद से अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराध 48.15 प्रतिशत क्यों बढ़ गए हैं?”

“भाजपा सरकारें वन अधिकार अधिनियम को लागू करने में क्यों विफल रही हैं? जनजातीय (मामलों) मंत्रालय की विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए विकास योजना के तहत खर्च कम क्यों हो गया है?”

राहुल गांधी के साथ यात्रा के लिए कांग्रेस ने जारी किया ‘टिकट’

कांग्रेस ने न्याय यात्रा के दूसरे दिन एक टिकट जारी किया है। इस टिकट में टी-शर्ट और पतलून पहने राहुल गांधी चलते हुए मुद्रा में हैं और टिकट पर उनके हस्ताक्षर भी हैं। इसे लेकर कोई भी राहुल गांधी से बात कर सकता है और उनके साथ यात्रा कर सकता है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को एक्स पर किए एक पोस्ट में कहा, “यह ‘मोहब्बत की दुकान’ बस का टिकट है जिसमें राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में यात्रा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों के अन्याय के खिलाफ न्याय की इस यात्रा में जो लोग राहुल गांधी से मिलना और बात करना चाहते हैं, उन्हें ऐसे टिकट दिए गए हैं और बस में बुलाया गया है।”

राहुल गांधी एक वोल्वो बस में यात्रा कर रहे हैं जिसमें वाहन के ऊपर से भीड़ को संबोधित करने के लिए एक हाइड्रोलिक लिफ्ट है। बस पर ‘मोहब्बत की दुकान’ छपा हुआ है और कांग्रेस नेता इस वाहन को ‘मोहब्बत की दुकान ऑन व्हील्स’ कह रहे हैं।

राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पहली बार ‘मोहब्बत की दुकान’ शब्द का इस्तेमाल किया था, उन्होंने कहा था कि वह ‘नफरत के बाजार’ में ‘मोहब्बत की दुकान’ खोल रहे हैं।

गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याय यात्रा सोमवार शाम को नागालैंड पहुंची, जब वह अपने पार्टी सहयोगियों के साथ मणिपुर की सीमा से लगे कोहिमा जिले के खुजामा गांव पहुंचे।

यह मार्च 15 राज्यों के 100 लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, 6,713 किमी की यात्रा करेगा, ज्यादातर बसों में लेकिन पैदल भी, और 20 या 21 मार्च को मुंबई में समाप्त होगा।

कन्हैया कुमार ने बताया भारत जोड़ो न्याय यात्रा का मकसद

‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दूसरे दिन कन्हैया कुमार ने कहा “बहुत सारे लोगों के मन में तीन सवाल आ रहे हैं। पहला- ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ क्योंं कर रहे हैं? दूसरा– ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ मणिपुर से क्यों शुरू किया जा रहा है? तीसरा– ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से हम क्यार हासिल करना चाहते हैं? इन तीनों सवाल का हम अलग-अलग जवाब देंगे, लेकिन इस पूरी यात्रा के संबंध में हम एक बात आप सबसे कहना चाहते हैं। ‘जब देश में बह रही हो अन्याय की आंधी, तो न्याय के लिए लड़ रहे हैं राहुल गांधी’, ये इस यात्रा का मूल भाव है और इसी में सारी बात जो है वो निहित है।”

उन्होंने कहा कि ये यात्रा मणिपुर से इसलिए शुरू की गई है। आठ महीने हो गए हैं और मणिपुर में आप सबको ये अनुभव हुआ होगा। ये कांग्रेस पार्टी का दुष्प्रचार नहीं है, हकीकत है कि इंफाल के ड्राईवर जो हैं वो कांगपोकपी नहीं आ रहे हैं, कांगपोकपी के ड्राईवर जो हैं वो इंफाल नहीं जा रहे हैं। ये कांग्रेस पार्टी नहीं बोल रही है। कांग्रेस पाटी जब पार्लियामेंट में इस सवाल को उठा रही थी कि प्रधानमंत्री जी को मणिपुर पर जवाब देना चाहिए, देश के गृह मंत्री को मणिपुर के हालात पर जवाब देना चाहिए, तो आप देखिए कि किस तरीके से विपक्ष को बदनाम किया गया। उन्होंने कहा कि जब देश के लोग मर रहे हैं, जब मणिपुर के लोग मर रहे हैं, तो हम उनके बीच में जाएंगे।

इसीलिए कल भी उन्होंने कहा कि हम मणिपुर इसलिए आए हैं कि हम मणिपुर के अपने भाई और बहनों के आंसू पोंछना चाहते हैं, हम यहां पर जो हिंसा की स्थिति है, जो बटवारा है, उसको समाप्त करके शांति स्थापित करना चाहते हैं, इसलिए ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की शुरूआत मणिपुर से की गई है।

दूसरी बात– बहुत सारे लोग कह रहे हैं कि न्या‍य की जरूरत आज पड़ी हैं? नहीं, न्याय की जरूरत हमेशा से है, इसीलिए न्याय की बात हमारे संविधान की प्रस्तावना में कही गई है, लेकिन जैसा हमने आपको कहा कि अन्याय की आंधी बह रही है। इसलिए अन्याय की आंधी बह रही है कि संस्थानों पर कब्जा कर लिया गया है। अगर मीडिया में सवाल नहीं उठाए जाएंगे, लोगों के ऊपर होने वाले अन्याय पर, अत्याचार पर, आप सोचिए, मणिपुर में अत्याचार हो रहा है, अन्याय हो रहा है और प्रधानमंत्री जी एक बार मणिपुर का नाम लिए हैं? मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्थडे विश गया है।

मणिपुर का सांसद पीएम मोदी से नहीं मिल पा रहा-जयराम रमेश

जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर के लोगों ने राहुल गांधी को एक मेमोरेंडम पेश किया। सभी ने कहा कि मणिपुर में एक संवेदनशील पारदर्शी, जवाबदेह और सशक्त शासन की जरुरत है। मणिपुर में, यहां का जो महाराजा का परिवार हुआ करता था, उसी का एक सदस्य राज्यसभा का बीजेपी सांसद है। वो प्रधानमंत्री से नहीं मिल पाए हैं। मंत्रिमंडल, केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक मिनिस्टर ऑफ स्टेट हैं विदेश मंत्रालय के, अच्छा आदमी है। वो यहां के सांसद हैं, लोकसभा के सांसद, वो प्रधानमंत्री से मिल नहीं पाए हैं।

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