देश के सैनिक स्कूल संघ और भाजपा नेताओं के हवाले!

पिछले दो वर्षों में 40 में से 27 सैनिक स्कूल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हिंदुत्ववादी संगठनों अथवा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से जुड़े शैक्षणिक संगठनों को संचालन के लिए स्वीकृत किए गए हैं।  

यह चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन रिपोर्टर्स कलेक्टिव (आरसी) के सूचना अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के विश्लेषण से सामने आया है।

2022 से पहले सैनिक स्कूल केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर चलाती थीं। इन्हीं सैनिक स्कूलों से निकले छात्र राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और राष्ट्रीय नौसेना अकादमी में जाते हैं। इन स्कूलों का संचालन रक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्था सैनिक स्कूल समिति करती है। वर्ष 2021 में केंद्र ने निजी संस्थानों को समिति के साथ मिलकर स्कूलों की अपनी शाखाएं खोलकर और अपने आंशिक वित्त योगदान से चलाने की अनुमति दे दी। घोषित उद्देश्य नई शिक्षा नीति के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए देश भर में 100 नए सैनिक स्कूल खोलने का था।

आरसी की रिपोर्ट के अनुसार मई 2022 से लेकर दिसंबर 23 के बीच 40 निजी संस्थानों ने सैनिक स्कूल समिति से करार किए। इनमें से 11 भाजपा नेताओं के संस्थानों, 8 आरएसएस और 6 अन्य हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े लोगों के संस्थानों के हैं। उदाहरण के लिए दो स्कूल ऋतंभरा के संविद गुरुकुलम गर्ल्स सैनिक स्कूल (वृंदावन) और राज लक्ष्मी संविद गुरुकुलम (सोलन) हैं। आरएसएस की शैक्षणिक शाखा विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान को सात स्कूल दिए गए हैं।

नासिक के भोंसला सैन्य स्कूल, जो 1937 में आरएसएस के बीएस मुंजे ने स्थापित किया था, और अब सेंट्रल हिन्दू मिलिटरी स्कूल सोसाइटी चलाती है, को भी सैनिक स्कूल के रूप में संचालित करने की अनुमति दी गई है। आरोप है कि 2006 नांदेड बमकांड और 2008 के मालेगांव बमकांड के आरोपियों को यहां प्रशिक्षण मिला था।

कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस पर एतराज जताया है और यह नीति तुरंत वापस लेने को कहा है।  

इस बीच आरसी की एक दूसरी रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने उक्त रिपोर्ट पर प्रतिसाद देते हुए कहा है कि स्कूलों के संचालन के लिए पार्टनर चुनने की प्रक्रिया में संस्थानों के राजनीतिक या विचारधारा को नहीं देखा जाता है। आश्चर्यजनक है कि प्रेस नोट आधिकारिक रूप से जारी करने के बजाय रक्षा मंत्रालय कवर करने वाले चुनिंदा पत्रकारों को भेजा गया है।  

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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