सरकार ने एनसीईएल के माध्यम से 11 देशों को गैर-बासमती सफेद चावल की बिक्री शुरू की

नई दिल्ली। निर्यात प्रतिबंध के बीच, सरकार ने 11 देशों में 12 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गैर-बासमती सफेद चावल की बिक्री करने का फैसला किया है। हाल ही में सहकारी समितियों के साथ प्रवर्तकों के रूप में स्थापित की गई कंपनी नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) के जरिये सरकार ऐसा करने जा रही है।

घरेलू कीमतों में उछाल के बाद 20 जुलाई को विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। तब से तीन अलग-अलग आदेशों में, इसने एनसीईएल के जरिये संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, मॉरीशस, सिंगापुर, नेपाल, कैमरून, कोटे डी आइवर, गिनी गणराज्य, मलेशिया, फिलीपींस और सेशेल्स को 12.52 एलएमटी के निर्यात को मंजूरी दे दी गई, जिसके लिए 20 जुलाई को एक अधिसूचना लागू की गई थी।

अधिसूचना के पैराग्राफ 2 (iv) में कहा गया है कि, “भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए दी गई अनुमति और उनकी सरकार के अनुरोध के आधार पर निर्यात की अनुमति दी जाएगी।”

बहु-राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत सहकारी क्षेत्र के निर्यात के लिए एक छत्र निकाय एनसीईएल की स्थापना इस वर्ष 25 जनवरी को की गई थी। इसकी अधिकृत शेयर पूंजी 2,000 करोड़ रुपये है, जिसमें 500 करोड़ रुपये प्रारंभिक चुकता शेयर पूंजी है।

इसका मुख्य प्रवर्तक गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) है। भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको), कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको), भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (NAFED), और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) अन्य प्रवर्तक हैं।

डीजीएफटी के आदेश से पता चलता है कि भूटान, मॉरीशस और सिंगापुर को चावल की किस्म के निर्यात की अनुमति 30 अगस्त को दी गई थी, जबकि यूएई के लिए अधिसूचना 25 सितंबर को जारी की गई थी। 18 अक्टूबर को, डीजीएफटी के एक अन्य आदेश के मुताबिक चावल की किस्म को सात देशों नेपाल, कैमरून, कोटे डी आइवर, गिनी गणराज्य, मलेशिया, फिलीपींस और सेशेल्स में निर्यात करने की अनुमति दी गई।

सूत्रों के मुताबिक एनसीईएल ने मॉरीशस को 14,000 मीट्रिक टन की पहली खेप भेज दी है, जबकि अन्य ऑर्डर भेजे जाने की तैयारी में हैं। सहकारिता मंत्रालय ने एनसीईएल की स्थापना को “मोदी सरकार के ‘सहकार से समृद्धि’ (सहयोग के माध्यम से समृद्धि) के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” बताया है।

इसमें कहा गया है कि, “यह (एनईसीएल) अपने राजस्व को मौजूदा 2,160 करोड़ रुपये से 2025 तक दोगुना करने के लक्ष्य के साथ बड़ी संख्या में सहकारी समितियों को पंजीकृत करके कृषि और संबद्ध गतिविधियों के साथ-साथ हथकरघा और हस्तशिल्प वस्तुओं को भी कवर करता है।”

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार 23 अक्टूबर को एनसीईएल का लोगो, वेबसाइट और ब्रोशर लॉन्च किया और एनसीईएल के पांच सदस्यों को सदस्यता प्रमाण पत्र बांटे। उन्होंने पूसा परिसर में आयोजित संगोष्ठी में कहा कि एनसीएल को अब तक 7000 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है।

भारत के चावल निर्यात को मोटे तौर पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है – बासमती और गैर-बासमती। गैर-बासमती श्रेणी में 6 उपश्रेणियां शामिल हैं जैसे बीज गुणवत्ता की भूसी में चावल, भूसी में अन्य चावल, भूसी (भूरा) चावल, उबले हुए चावल, गैर-बासमती सफेद चावल और टूटे हुए चावल।

इस साल अप्रैल से अगस्त तक, जिसमें निर्यात प्रतिबंध का समय भी शामिल है, भारत ने 19.74 लाख मीट्रिक टन गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया है जो पिछले साल की समान अवधि के 21.86 एलएमटी से 9.6 प्रतिशत कम है।

वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-जून) में, भारत ने 177.86 एलएमटी गैर-बासमती चावल का निर्यात किया, जिसमें से 63.98 एलएमटी गैर-बासमती सफेद चावल था। इसमें बेनिन को भेजा गया 5.82 एलएमटी गैर-बासमती सफेद चावल शामिल है, इसके बाद मेडागास्कर को 5.55 एलएमटी और केन्या को 5.46 एलएमटी चावल भेजा गया।

भारत से गैर-बासमती सफेद चावल के शीर्ष 10 खरीदारों में कोटे डी आइवर, मोज़ाम्बिक, वियतनाम, अंगोला, टोगो और नेपाल शामिल थे।

(‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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