पीएम मोदी का गुजरात मॉडल फर्जी, खड़गे ने गिनाए फर्जीवाड़े के दस उदाहरण

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात मॉडल को फर्जी बताया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए कहा है कि गुजरात मॉडल फर्जी है और प्रधानमंत्री आत्मनिरीक्षण करें कि ये फर्जीवाड़ा राज्य का सबसे प्रमुख पहलू क्यों बन गया है।

पीएम मोदी आज वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अहमदाबाद पहुंचे। पीएम के वहां पहुंचते ही खड़गे ने एक्स पर गुजरात में धोखाधड़ी के 10 उदाहरण गिनवाए और कहा कि पीएम इस बार पर विचार करें कि जिस राज्य में उन्होंने शासन-संस्कृति का विकास किया था वहां पिछले दो दशक में फर्जीवाड़ा महामारी की तरह क्यों फैल गया है।

खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया और कहा कि “न्यूनतम शासन, अधिकतम दिखावा! प्रधानमंत्री जी गुजरात दौरे पर हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वह कुछ समय निकालेंगे और भाजपा के नकली गुजरात मॉडल को देखेंगे। यहां गुजरात में पनपी जालसाजी के कम से कम 10 उदाहरण दिए गए हैं। क्या भाजपा सरकार ने आंखें मूंद लीं?”

उन्होंने एक्स पर दस उदाहरण देते हुए लिखा है कि:

1. पीएमओ का फर्जी अधिकारी– ब्लफमास्टर किरण भाई पटेल जो जेड-प्लस सुरक्षा के तहत गुजरात से जम्मू-कश्मीर जाता है, और पीएमओ के नाम पर सेना को धोखा देता है! चौंकाने वाली बात यह है कि उन्हें एलओसी पर पीओके के पास अमन सेतु जैसे बेहद संवेदनशील इलाकों में भी सरकार ने सुरक्षा प्रदान की थी। ये फर्जीवाड़ा 5 महीने से चल रहा था।

2. फर्जी सीएमओ अधिकारी– विराज पटेल, जालसाज जिसने खुद को गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय का अधिकारी और बहुप्रचारित गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) का अध्यक्ष होने का दावा किया था, मई 2023 में उसकी गिरफ्तारी के बाद भी वह पुलिस के चंगुल से भाग गया और आखिरकार उसे हाल ही में असम-मिजोरम सीमा पर पकड़ा गया। यह अंत नहीं है, इस सीरियल ठग ने भारत के गृहमंत्री अमित शाह का भतीजा होने का भी दावा किया।

3. फर्जी टोल प्लाजा– मोरबी जिले में एक फर्जी टोल प्लाजा ने कथित तौर पर गाड़ियों से 75 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की। ये टोल प्लाजा एक साल से अधिक समय से चल रहा था। जूनागढ़ जिले में आखिरकार एक और फर्जी टोल प्लाजा का भंडाफोड़ हो गया है जिसने यात्रियों से लाखों की वसूली की है।

4. फर्जी सिंचाई विभाग कार्यालय– बीजेपी शासित गुजरात के दाहोद जिले में पिछले 5 साल से सिंचाई विभाग से जुड़े 6 फर्जी सरकारी दफ्तर चल रहे थे जिनसे 18.59 करोड़ रुपये के 270 सरकारी काम हासिल हुए।

5. फर्जी सरकारी कार्यालय– गुजरात के छोटा उदेपुर जिले में एक ठग ने आदिवासी जिले के बोडेली तालुका में एक फर्जी सरकारी कार्यालय स्थापित किया और खुद को सरकारी अधिकारी बताया। उसने जाली हस्ताक्षर, सरकारी मुहरें और आधिकारिक दस्तावेज तैयार किए और 4 करोड़ रुपये से अधिक का सरकारी अनुदान प्राप्त किया।

6. नकली कफ सिरप– अफसोस की बात है कि गुजरात के खेड़ा जिले में नकली कफ सिरप पीने से पांच लोगों की जान चली गई। सिरप का निर्माण अहमदाबाद में किया जा रहा था और बिचौलियों के जरिये गांवों में पहुंचाया जा रहा था। गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक उसी जिले में भाजपा की नडियाद तालुका इकाई का कोषाध्यक्ष था।

7. फर्जी वीज़ा घोटाला– सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत के बिना कम से कम 17 आव्रजन परामर्श कंपनियां गांधीनगर, अहमदाबाद और वडोदरा में बड़े पैमाने पर नकली वीजा और पासपोर्ट रैकेट चला रही थीं।

8. फर्जी फुटबॉल सट्टेबाजी ऐप घोटाला– गुजरात में एक चीनी नागरिक और उसके सहयोगियों ने एक नकली फुटबॉल सट्टेबाजी ऐप बनाया जिससे उसने 1,200 लोगों से करोड़ों की धोखाधड़ी की।

9. फर्जी वैज्ञानिक जिसने चंद्रयान-3 का झूठा श्रेय लिया– भाजपा राज में फर्जीवाड़े की महामारी इतनी फैल गई है कि गुजरात का मितुल त्रिवेदी नाम का जालसाज राष्ट्रीय उपलब्धि चंद्रयान-3 का श्रेय लेने के लिए आगे आ गया है। उसने फर्जी पहचान बनाने के लिए इसरो का फर्जी नियुक्ति पत्र बनाया था।

10. गुजरात में पाए गए 2000 के 98% नकली नोट-हालांकि 2016 में नोटबंदी के बाद शुरू किए गए 2000 के नोटों को दूसरी नोटबंदी के बाद बंद कर दिया गया था, लेकिन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी 2022 की रिपोर्ट में कहा है कि भाजपा शासित गुजरात देश में 2,000 के नकली नोट जब्त करने के मामले में सबसे आगे है।

गुजरात में 2,000 मूल्यवर्ग के सबसे अधिक 11.28 लाख नकली नोटों की जब्ती हुई जो कि उसी मूल्यवर्ग के 11.48 लाख नोटों की कुल राष्ट्रीय जब्ती का 98% है।

अंत में खड़गे ने कहा कि “गुजरात बेहतर का हकदार है!”

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments