फिलिस्तीन-इजराइल युद्ध: एक दिन में सबसे ज्यादा 704 लोगों की मौत, यूएन चीफ ने तत्काल युद्धविराम की अपील की

नई दिल्ली। फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि पिछले 24 घंटे में गाजा पट्टी समेत फिलिस्तीन के कई इलाकों में 704 लोगों की मौत हो गयी है। यूएन रिलीफ एजेंसी ने कहा है कि पिछले 7 अक्तूबर से जारी इस लड़ाई में एक दिन में अब तक की यह सबसे ज्यादा मौतें हैं। एसोसिएट प्रेस ने कहा है कि परिवार के परिवार इमारतों के मलबे के नीचे दब गए हैं। यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइली हवाई हमले में ध्वंस और ईंधन खत्म होने के चलते तकरीबन 35 अस्पताल बंद हो गए हैं। यूएन महासचिव के तत्काल युद्ध विराम की अपील पर इजराइल ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर डाली। यूएन महासचिव ने लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों का खुला उल्लंघन होने का आरोप लगाया था। 

इसके पहले कल संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने एक बड़ी और खुली बहस रखी थी। जिसमें तकरीबन 90 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र के मुखिया एंटोनियो गिटर्स ने कहा कि कोई भी पक्ष अंतरराष्ट्रीय कानूनों से ऊपर नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने युद्ध और ज्यादा फैले उससे पहले गाजा पट्टी पर जारी ताबड़तोड़ बमबारी को रोकने की अपील की है। यह बैठक ब्राजील की अध्यक्षता में हुई। और इसमें अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन, इजराइल के विदेश मामलों के मंत्री एली कोहेन, फिलिस्तीन के विदेश मामलों के मंत्री रियाद अल मालिकी, ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा इसके अलावा फ्रांस के यूरोप और विदेश मामलों के मंत्री कैथरीन कोलोना ने हिस्सा लिया। 

गिटर्स ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के खुले उल्लंघन से वह बहुत चिंतित हैं। जिसको हम गाजा में देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें यहां बहुत साफ हो जाना चाहिए कि कोई भी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों से ऊपर नहीं है। यूएन चीफ के इस बयान पर इजराइल इतना भड़क गया कि उसने यूएन चीफ के इस्तीफे की मांग कर डाली। उसके प्रतिनिधि ने ऐलान कर दिया कि वह अब यूएन चीफ से कभी नहीं मिलेगा।

तत्काल युद्ध विराम की अपील करते हुए गिटर्स ने कहा कि यहां तक कि युद्ध के भी नियम होते हैं। और इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह मांग करनी चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के तहत सभी पक्षों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। 

हालांकि उन्होंने हमास के हमले की निंदा की और साथ ही कहा कि इस बात को भी चिन्हित किया जाना महत्वपूर्ण है कि हमास ने किसी निर्वात में ये काम नहीं किया है।

फिलिस्तीनी लोगों को पिछले 56 साल से निशाना बनाया जा रहा है और उन्हें अपने कब्जे में लेकर परेशान किया जा रहा है। वो देख रहे हैं कि उनकी जमीन लगातार सेटलर के जरिये कब्जे में ली जा रही है। उनकी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। उनके लोग दर-बदर कर दिए गए और उनके घरों को ध्वस्त कर दिया गया। उनके राजनीतिक समाधान पाने की आशा लगातार खत्म होती जा रही है। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि फिलिस्तीनियों की शिकायतें हमास के हमले को न्यायोचित नहीं ठहरा सकती हैं। साथ ही उस भीषण हमले के बाद फिलिस्तीनियों की सामूहिक सजा को भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है। 

इस बीच इजराइल ने यूएन के किसी भी अधिकारी को वीजा देने से इंकार कर दिया है। ऐसा बताया जा रहा है कि यूएन चीफ के बयान के बाद इजराइल ने फैसला किया है। बाकायदा उसके सेना के रेडियो ने इस बात की घोषणा की है। जिसमें कहा गया है कि ऐसा यूएन चीफ की टिप्पणी के चलते किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि हमने पहले ही मानवाधिकार मामलों के लिए अंडर सेक्रेटरी जनरल मार्टिन ग्रिफिथ को वीजा देने से इंकार कर दिया है।

इस मौके पर ब्लिंकेन ने कहा कि सुरक्षा परिषद के दूसरे सदस्य एक अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रस्ताव पर विचार करें जिसमें मानवाधिकार पॉज देने की बात कही गयी है जिसमें सहायता तो जारी रहेगी लेकिन युद्धबंदी नहीं होगा। हालांकि रूस ने इसके खिलाफ दो नये प्रस्ताव दिए हैं। इस पर इस सप्ताह के अंत में मतदान हो सकता है।

इस बीच इजराइल ने जेनिन रिफ्यूजी कैंप को भी ड्रोन से निशाना बनाया है। इस हमले में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी है।

एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक हेजबुल्ला चीफ की हमास और इस्लामिक जेहाद के नेताओं के साथ मुलाकात हुई है। हसन नसरल्लाह की हमास के डिप्टी लीडर सालेह अल अरौरी और इस्लामिक जिहाद के चीफ जैद अल नखाला से मुलाकात हुई है। जिसमें इन नेताओं ने इस बात पर विचार किया है कि उनके गठबंधन को प्रतिरोध में असली जीत हासिल करने के लिए क्या करना चाहिए। इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम शक्तियों के बीच संतुलन की भी समीक्षा की। इस बैठक में ईरान, सीरिया, फिलिस्तीन हथियारबंद समूहों, लेबनान के हिजबुल्ला और दूसरे समूहों के बीच गठबंधन की धुरी के प्रतिरोध पर चर्चा की गयी। 

इजराइल का हमला सीरिया पर भी जारी है। उसने साउथ वेस्ट इलाके में स्थित उसके सैन्य ठिकाने पर हमला किया है। मीडिया की रिपोर्टों में बताया गया है कि इसमें 8 सैनिकों की मौत हो गयी है। जबकि सात लोग घायल हैं।

इस बीच फिलिस्तीन में अस्पतालों की व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गयी है। बताया जा रहा है कि 7 अक्तूबर के बाद तकरीबन 18000 मरीजों को मेडिकल सेंटर लाया गया है। तकरीबन 10 अस्पतालों ने काम करना बंद कर दिया है। बाकी सारे अस्पतालों की स्थिति बहुत बुरी हो गयी है। उनमें बुनियादी जरूरतों जैसे दवाओं और दूसरी चीजों की सप्लाई का संकट खड़ा हो गया है। ईंधन न होने के चलते बिजली की समस्या खड़ी हो गयी है।

(ज्यादातर इनपुट अल जजीरा और इंडियन एक्सप्रेस से लिए गए हैं।) 

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