भारत जोड़ो यात्रा की वर्षगांठ: भारत को ‘India’ से कौन लड़ा रहा है?

नई दिल्ली। आज भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ है। आज ही के दिन 7 सितंबर, 2022 से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी। इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि राहुल गांधी की ये यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है। ये यात्रा अभी चल रही है। उन्होंने कहा कि ये यात्रा कभी लद्दाख में दिखाई पड़ती है तो कभी मणिपुर में, कभी आजादपुर मंडी में, कभी मोटर मैकेनिक्स के साथ इस यात्रा के नए-नए पहलू दिखाई देते हैं।

स्याही से नहीं पसीने से लिखा भारत जोड़ो यात्रा का इतिहास

पवन खेड़ा ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का इतिहास स्याही से नहीं बल्कि पसीने से लिखा गया है। उन्होंने कहा कि सुनने में आया है कि विदेशों की यूनिवर्सिटी में भारत जोड़ो यात्रा पर पीएचडी की जा रही है । लोग जानना चाहते हैं कि ये यात्रा किस तरह से निकाली गई और इसके क्या मायने थे।

यात्रा विफल करने के लिए षड़यंत्र किए गए

पवन खेड़ा ने कहा कि इस यात्रा को विफल करने के लिए बहुत षड़यंत्र किए गए लेकिन ये यात्रा सफल हुई। उन्होंने ये भी कहा कि मीडिया इस यात्रा को न दिखा सके इसके लिए सारे षड़यंत्र किए गए लेकिन मीडिया ने भी दिखाया। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग इस यात्रा को न विफल कर पाए और न कर पाएंगे। खेड़ा ने कहा कि “ये यात्रा एक तीर्थ यात्रा थी और ये तीर्थ यात्रा है। तीर्थ यात्रा कभी समाप्त नहीं होती। हम वचन देते हैं कि यात्रा, यात्रा के आदर्श, यात्रा की प्रेरणा, यात्रा के उद्देश्य निरंतरता में जारी रहेंगे।“

भारत को ‘India’ से कौन भिड़वा रहा है?

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और सवाल उठाया कि “एक जुड़े हुए भारत से किसको तकलीफ है? कौन है वो ताकतें जिनको एक जुड़ा हुआ भारत पसंद नहीं है जो अब भारत को इंडिया से भिड़वा रहे हैं। सोना हो या गोल्ड हो, हिंदी में बोलो या अंग्रेजी में कीमत थोड़े बदल जाएगी।“  उन्होंने कहा कि इन षडयंत्रकारियों को हमें बेनकाब करने की जरुरत नहीं है। प्रत्येक भारतवासी इस चेहरे को पहचान चुका है।    

उदयनिधि स्टालिन के बयान से असहमति

डीएमके नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी पर पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस इस तरह की टिप्पणियों के साथ नहीं है। कांग्रेस पार्टी हर धर्म को, हर सोच को साथ लेकर चलने का इतिहास रखती है और समझती है कि यह देश एक सतरंगी देश है। किसी को कम दिखाना, किसी को ज्यादा दिखाना न संविधान इसकी अनुमति देता है न भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ऐसी कोई परंपरा है। इसलिए कांग्रेस इस तरह की टिप्पणियों से बिल्कुल भी सहमत नहीं है।

आंध्र प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने निकाली यात्रा

आंध्र प्रदेश कांग्रेस ने विजयवाड़ा के मुख्य मार्गों से यात्रा निकाली गई। भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ के अवसर पर हजारों लोगों ने मार्च में भाग लिया। मार्च का नेतृत्व पीसीसी अध्यक्ष रुद्रराजूगिडुगु और सीडब्ल्यू सदस्य के. राजू ने किया।

भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की गरिमा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता

तेलंगाना में कांग्रेस नेताओं ने भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए एक विशाल रैली की। इस रैली में भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की गरिमा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्धता जताई गई।

बिहार कांग्रेस ने यात्रा निकाल कर दिया मोहब्बत का पैगाम

‘भारत जोड़ो यात्रा’ की पहली वर्षगांठ पर बिहार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में यात्रा निकालकर मोहब्बत का पैगाम दिया।

भारत जोड़ो यात्रा भारतीय राजनीति में एक बेहद परिवर्तनकारी घटना

कांग्रेस संचार प्रमुख जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया कि “आज राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर तक ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा के शुभारंभ की पहली वर्षगांठ है। श्रीपेरंबदूर में अपने पिता को श्रद्धांजलि देने के बाद, वह कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल, तिरुवल्लुवर स्टैचू, कामराज मेमोरियल और गांधी मंडपम गए थे। उसके बाद वह गांधी मंडपम से चले और कन्याकुमारी में हिंद महासागर के किनारे एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। अगली सुबह के शुरुआती घंटों में यात्रा शुरू हुई।”

उन्होंने कहा कि “भारत जोड़ो यात्रा भारतीय राजनीति में एक बेहद परिवर्तनकारी घटना थी। यह यात्रा बढ़ती आर्थिक असमानताओं, बढ़ते सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक तानाशाही जैसे विषयों पर केंद्रित थी। राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान अपने मन की बात नहीं की बल्कि इस अवसर का इस्तेमाल जनता की चिंता को सुनने के लिए किया। यह यात्रा अलग-अलग रूपों में आज भी जारी है। यह देश भर में छात्रों, ट्रक ड्राइवर्स, किसानों और कृषि श्रमिकों, मैकेनिकों, सब्जी व्यापारियों, MSME के साथ राहुल गांधी की मुलाक़ातों एवं मणिपुर में उनकी उपस्थिति के साथ-साथ लद्दाख की उनकी सप्ताह भर की विस्तारित यात्रा से स्पष्ट है।”

(कुमुद प्रसाद की रिपोर्ट।)

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