सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए झारखंड के 15 मजदूर 1 दिसंबर को पहुंच सकते हैं अपने घर

रांची। 12 नवंबर यानी दीपावली की रात से उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा व डंडलगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में झारखंड के 15 मजदूर फंसे थे, जिन्हें 16 दिनों बाद 28 नवंबर को सभी 41 मजदूरों के साथ सुरक्षित निकाल लिया गया है। सभी मजदूरों को सुरंग से निकालने के बाद एंबुलेंस से रात को ही सीधे उत्तरकाशी के एक अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी स्वास्थ्य जांच हुई। रातभर सभी मजदूर अस्पताल में रहे तथा 29 नवंबर को सभी मजदूरों को हेलीकॉप्टर से ऋषिकेश एम्स ले जाया गया। जहां सभी मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है।

इस बीच खबर है कि सुरंग से निकाले गए झारखंड के सभी 15 मजदूरों को संभवतः 1 दिसंबर को झारखंड लाया जाएगा। अभी वे स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे।

मिली खबर के मुताबिक सभी मजदूरों को उत्तराखंड सरकार ने एक-एक लाख का चेक दिया है, वहीं कंपनी ने सभी कर्मियों दो-दो लाख का चेक सौंपा है।

बता दें कि 408 घंटे के बाद सुरंग से सुरक्षित निकलने की खबर सुनने के बाद मजदूरों के परिजनों और उनके गांव के लोगों ने खुशी में मिठाइयां बांटी और दिवाली मनायी। अब स्थिति यह है कि क्षेत्र के लोगों में मजदूरों के आने और उनकी एक झलक देखने की बेताबी देखी जा रही है।

झारखंड के 15 मजदूरों में रांची के तीन, खूंटी के तीन, गिरिडीह के दो, पश्चिमी सिंहभूम के एक और पूर्वी सिंहभूम के छह मजदूर शामिल हैं।

जिनमें रांची जिला अंतर्गत ओरमांझी प्रखंड के खीराबेड़ा गांव के मजदूर अनिल बेदिया, राजेंद्र बेदिया एवं सुकराम बेदिया, गिरिडीह जिला अंतर्गत बिरनी के सुबोध वर्मा व विश्वजीत वर्मा, खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के गुमडू गांव निवासी विजय होरो, डुमारी गांव निवासी चमरा उरांव एवं मदुगामा गांव निवासी गनपाईत होरो, पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर प्रखंड के चेलाबेड़ा गांव का महादेव नायक एवं पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड के मानिकपुर गांव के रवींद्र नायक, रंजीत लोहार, गुणाधर नायक, बांकीशोल गांव का समीर नायक, कुंडालुका गांव का भुक्तु मुर्मू और डुमरिया गांव का टिंकु सरदार शामिल हैं।

(विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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