पत्रकारों पर छापेमारी के खिलाफ प्रयागराज में नागरिक समाज ने किया विरोध प्रदर्शन

प्रयागराज। न्यजक्लिक के पत्रकारों पर मोदी सरकारी की छापेमारी और गिरफ्तारी के खिलाफ प्रयागराज के नागरिक समाज ने सिविल लाइंस के पत्थर गिरजाघर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में 7 अक्टूबर से महात्मा गांधी को याद करते हुए संविधान बचाने के संकल्प के साथ दिल्ली से शुरू हुई यात्रा में शामिल नेता भी शामिल हुए। यह यात्रा बनारस जाने के क्रम में इलाहाबाद पहुंची थी।

इस मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मैग्सेसे अवार्ड विजेता तथा चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय ने कहा कि आप तय करें कि किस तरह का हिंदुस्तान हमें बनाना है। हम एक नया हिंदुस्तान बनाएं, जिसमें नए समाज परिवर्तन का स्वप्न हो या हम आत्म समर्पण कर दें।

उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि संघ-बीजेपी ने सर्व सेवा संघ को जरूर हथिया लिया है लेकिन वह गांधी के विचार को नहीं मार सकते। वह आज भी जीवित है और आगे भी रहेगा।

जेएनयू के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर आनंद कुमार ने नागरिक समाज को आह्वान किया कि आप लोग अगले साल मई में एक विजय सम्मेलन करवाएं, जो नरेंद्र मोदी के हार के परिपेक्ष्य में होगा। उन्होंने छात्र-नौजवानों के सवाल को वर्तमान आर्थिक उदारीकरण की नीति से जोड़ते हुए कहा कि वही असली दुश्मन है और हमें इसे पहचाना होगा।

विरोध प्रदर्शन

प्रोफेसर आनंद कुमार ने कहा कि भाजपा के सबसे बड़ा संगठन होने का दावा करने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल की दलाली करने वाले बहुत लोग होते हैं और दलालों की भीड़ को संगठन की भीड़ कहा जा रहा है। अगर ऐसा है तो रावण, दुर्योधन और कंस के दरबार में भी तत्कालीन समय में सबसे अधिक भीड़ लगती थी। इस मौके पर उन्होंने वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।

नागरिक समाज के संयोजक विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि जिस तरह रॉलेक्ट एक्ट के तहत अंग्रेजों के जमाने में बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के किसी को भी गिरफ्तार करने का आदेश था, उसी प्रकार कि प्रक्रिया इस अघोषित आपातकाल में नरेंद्र मोदी की हुकूमत जनवादी लोगों के साथ अपना रही है।

उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि उस समय हमारा वैचारिक दुश्मन अंग्रेज था और इस वक्त हमारे अपने लोग हैं। जो पत्रकार गोदी मीडिया से इतर स्वतंत्र रूप से पक्षपात रहित पत्रकारिता कर रहे थे, उनका गलत तरीके से छापेमारी कर उत्पीड़न किया जा रहा है।

विरोध प्रर्दशन के दौरान हुई सभा की शुरुआत करते हुए अविनाश मिश्रा ने कहा कि हम लोकतंत्र के खतरनाक दौर में पहुंच गए हैं, जहां पर घोषित आपातकाल से कई गुना अघोषित आपातकाल का सामना किया जा रहा है।

पुलिस के साथ खड़े वक्ता

सिद्धेश्वर मिश्रा ने कहा जिस चीन से वंदे भारत ट्रेन चलाने का सहयोग लिया जा रहा है, उसी देश के बहाने पत्रकारों पर हमले किए जा रहे हैं।

सभा को संबोधित करते हुए नसीम अंसारी ने इस सरकार को हटाने का संकल्प लेते हुए कहा कि हम गांधी और मार्क्स दोनों के रास्ते पर चलने वाले हैं और मार्क्सवादी सिद्धांत के द्वारा भी भारतीय समाज ने काफी प्रगति की है।

अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के राजकुमार पथिक ने कहा कि बीजेपी और संघ परिवार जल, जंगल और जमीन को कॉर्पोरेट के हाथों बेचने का काम कर रहे हैं। जनवादी नेताओं को 10 साल से जेल में रखा जा रहा है, लेकिन सुनवाई शुरू नहीं हुई है।

दिल्ली से चली यात्रा की सहयात्री गुड्डी ने कहा कि सर्व सेवा संघ को जिस प्रकार हथियाने तथा ढहाने का काम किया गया है, वह दर्शाता है कि अब व्यक्ति, संगठन और संस्थाओं से आगे हमारे अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। हमें एकजुट होकर इसके खिलाफ आगे आना होगा।

सभा को संबोधित करती वक्ता गुड्डी

सर्व सेवा संघ के चंदन पाल ने कहा कि तार्किक लोगों की जगह धर्मांध लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।

जबर सिंह वर्मा ने कहा कि आज जिस प्रकार का समाज बना है, उसके लिए हम सभी लोग अपने आप को जिम्मेदार मानें और एक नीति बनाकर समाज परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ें। इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा।

आइसा नेता मनीष कुमार ने कहा कि एक तरफ विकराल महंगाई बढ़ती जा रही है और दूसरी तरफ यह कॉर्पोरेट परस्त हुकूमत जन विरोधी नीतियों को थोप कर जनता की परेशानी में और इजाफा कर रही है।

पीयूसीएल उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष सीमा आजाद ने कहा कि सरकार तकनीक के माध्यम से आंदोलनकारियों को घेरने का प्रयास कर रही है। एक तरफ क्योतो और शिकागो के नाम पर सर्व सेवा संघ को ढहाया जा रहा है तो दूसरी तरफ स्मार्ट सिटी के नाम पर गरीब और मध्य वर्ग पर बुलडोजर चढ़ाने का काम हो रहा है।

सभा को संबोधित करते वक्ता

विरोध प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए आनंद मालवीय ने कहा कि जो पत्रकार सरकार के खिलाफ लिखते हैं, सरकार उन्हीं पत्रकारों से डरती है। यह एक डरी हुई सरकार है, इसलिए जनता को साहस के साथ इसका सामना करना होगा।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉक्टर कमल उसरी ने कहा कि दिल्ली के रामलीला मैदान में 1 अक्टूबर को एनपीएस के मुद्दे पर आजाद भारत में अब तक की सबसे बड़ी रैली हुई। इस पेंशन शंखनाद महारैली के बारे में तथाकथित मेनस्ट्रीम मीडिया ने कोई खबर नहीं चलाई।

उन्होंने कहा कि मेनस्ट्रीम मीडिया के इतर जनवादी मीडिया विशेष रूप से- न्यूज़क्लिक, नेशनल दस्तक़, जनज्वार, बीबीसी, जनचौक, वर्कर्स यूनिटी, न्यूज़ 24 सहित कई अन्य स्वतन्त्र यूट्यूब चैनल्स ने खबर चलाई है, इसलिए निष्पक्ष और ईमानदार पत्रकारों पर हो रही छापेमारी के हम खिलाफ हैं।

सभा को संबोधित करते वक्ता

इस विरोध सभा में पीयूसीएल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और नागरिक समाज के संरक्षक रवि किरण जैन भी अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद उपस्थित हुए। पूर्व विधायक तथा चर्चित जनवादी नेता अनुग्रह नारायण सिंह भी इस विरोध सभा में शामिल हुए।

विरोध प्रदर्शन में सुरेंद्र राही, आनंद मालवीय, डॉ पद्मा सिंह, विश्व विजय, चित्रजीत मित्रा, विनोद विक्रम सिंह, विभूति विक्रम सिंह, सत्येंद्र सिंह, राम बहोरी पाल, मयंक श्रीवास्तव, आयुष, चरण यादव, सोनी आजाद, सुनील मौर्या, विकास स्वरूप, मीना राय, चंदन पाल, भगवान अवगढ़े, रविंद्र कुमार, राजेश वर्मा, अनुपम आशीष, वेद प्रकाश, अमोल, रौशन कुमार, राम नरेश सिंह, श्याम नारायण, दिनेश कुमार यादव, अच्छेलाल यादव, गोपाल शरण, क्लाइमस, भास्कर, संजय निषाद, कृपाशंकर, धर्मपाल, अमरचंद, मकबूल शाह, आलोक पाण्डेय, सोनू, नन्हे निषाद तथा मनीष सिन्हा सहित सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ता और नेता भी उपस्थित थे।

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