पटना के खुसरुपुर की अमानवीय घटना पर भाकपा माले ने की प्रतिवाद सभा

पटना। पटना जिले के खुसरूपुर प्रखंड के मोसिमपुर में एक दलित महिला की पिटाई और उसके मुंह पर पेशाब करने की बेहद क्रूर व अमानवीय घटना के खिलाफ आज 26 सितंबर 2023 को पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के समीप भाकपा-माले व ऐपवा की ओर से संयुक्त प्रतिवाद आयोजित किया गया। अरवल के कुर्था में भी मार्च निकाला गया।

प्रतिवाद सभा को पालीगंज विधायक संदीप सौरभ, फुलवारी विधायक गोपाल रविदास, सरोज चौबे, रामबली प्रसाद, राखी मेहता, अनुराधा देवी आदि ने संबोधित किया।

इस प्रतिवाद सभा में सभी वक्ताओं ने इस घटना पर रोष जताते हुए मांग की और कहा कि यह एक वीभत्स व अमानवीय घटना है। भाजपा-आरएसएस ने जो माहौल बनाया है, उसके कारण दलितों-महिलाओं पर हिंसा बढ़ रही है। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सूदखोरी के जकड़न में है बिहार का ग्रामीण समाज  औऱ सरकार को इस पर पूरी तरह से लगाम लगाना होगा। बिहार सरकार द्वारा संज्ञान लेना सराहनीय तो है लेकिन अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी हो, अन्यथा प्रशासन द्वारा कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जाय।

भाकपा माले की पहलकदमी पर पीड़ित महिला को सरकार से मुआवजा मिला है। वहीं पीड़ित परिवारों की सुरक्षा के किए गए तात्कालिक उपाय करने की मांग भी की गई है।  

सभा को संबोधित करते हुए संदीप सौरभ ने कहा कि खुसरूपुर में जो घटना हुई, वह मनुस्मृति वालों की घटिया मानसिकता का निकृष्ट उदाहरण है। कुछ लोग कह रहे हैं कि यह तो बिहार का मामला है, इसमें भाजपा कहां से आती है। लेकिन असल सवाल यह है कि दलितों-महिलाओं को अपमानित करने और उन्हें सबक सिखाने की यह क्रूर मानसिकता आखिर ताकत कहां से पा रही है? मणिपुर में एक महिला को जैसे नंगा करके घुमाया गया और केंद्र सरकार उसका संरक्षण करती रही, इस कारण ऐसी मानसिकता बढ़ रह़ी है।

उन्होंने आगे कहा कि लोग देख रहे हैं कि देश में एक ऐसी सरकार चल रही है जो महिलाओं के बलात्कार व हत्या पर चुप रहती है। कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश में एक आदिवासी पर भाजपा के एक नेता ने पेशाब किया और फिर उसका वीडियो बनाकर प्रचारित किया। कार्रवाई के नाम पर भाजपा के उस नेता के घर का छज्जा भर तोड़ा गया। संसद के अंदर भाजपा का नेता गालियों की भाषा में बात करता है। ऐसी स्थिति में अपराधियों-हमलावरों का मनोबल क्यों नहीं बढ़ेगा?

सौरभ ने आगे कहा कि हमारी पहलकदमी पर खुसरपुर में रविदास टोले में पुलिस बल बैठा दिया गया है। पीड़ित महिला को एक लाख रु. का सहयोग मिला है। मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है। लेकिन ये सब पहलकदमियां सराहनीय होते हुए भी अपर्याप्त हैं। हमारी मांग हैं कि सभी अपराधियों और सूदखोरों को गिरफ्तार किया जाए और रविदास समुदाय के सभी 8 परिवारों का पुनर्वास कराया जाए।

गोपाल रविदास ने कहा कि किसी समुदाय को यदि ज्यादा अपमानित करना है, तो उनकी महिलाओं की इज्जत उतार दो, निर्वस्त्र कर दो। खुसरूपुर में यही हुआ। महिला के पति को नहीं पीटा गया, बल्कि महिला के चेहरे पर पेशाब किया गया। यह मानसिकता देश के प्रधानमंत्री का बनाया हुआ है। वे तो मानते ही हैं कि जो दलित परिवार हैं उनका गटर में प्रवेश करना, भगवान का आध्यात्मिक आदेश है। यही मनुस्मृति कहता है। मनुस्मृति ही कहता है कि मन न लगे तो किसी भी महिला या दलित को पीट दीजिए। हमें इस मानसिकता पर चोट करनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी हो। यदि अपराधी फरार हैं तो उनके घरों की कुर्की जब्ती की जाए। एक भी अपराधी बचना नहीं चाहिए।

एक अन्य वक्ता ने कहा कि बिहार में सूदखोरी एक काफी गंभीर समस्या है। इसके कुचक्र में दलित-गरीब उलझे हैं। हमने बिहार सरकार से बारंबार कहा है कि सूदखोरी का अंत होना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। कुछ दिन पहले समस्तीपुर में एक ही परिवार के कई लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। खुसरूपुर में सूदखोरों के आतंक से रविदास जाति के 8 घरों का टोला आतंक के साए में हैं। 5 लोग बाजाप्ता अपने घर में ताला लगा चुके हैं। हाल ही में 2 और लोग गांव छोड़कर भागने पर मजबूर हुए। सिर्फ यही परिवार बचा हुआ था, इन्हें भी तबाह व बर्बाद कर दिया गया।

इस घटना के खिलाफ अरवल के कुर्था में भी मार्च निकाला गया। जिसका नेतृत्व स्कीम फेडरेशन की नेता शशि यादव, लीला वर्मा और अन्य महिला नेताओं ने किया।

इस प्रतिवाद सभा का संचालन ऐपवा की बिहार राज्य सचिव अनिता सिन्हा ने किया। मौके पर जितेन्द्र कुमार, मुर्तजा अली, अनय मेहता, शंभूनाथ मेहता, संजय यादव, राजेश कुशवाहा, सत्येन्द्र शर्मा, विनय कुमार, गौतम घोष, प्रमोद यादव, संतोष आर्या, हेमंत कुमार, नीलम देवी, रीता गुप्ता, आबदा खातून, ममता, किरण आदि शामिल थे।

(भाकपा माले की प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments