रांची। जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने 10वां समन जारी किया गया था, जिसमें ईडी ने 29 से 31 जनवरी के बीच हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए समय देने को कहा था, लेकिन मुख्यमंत्री की ओर को कोई जवाब नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 27 जनवरी की रात को ही दिल्ली निकल गए थे।
अब हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर 29 जनवरी (आज) को ईडी की टीम उनसे पूछताछ के लिए पहुंची, लेकिन वे आवास पर नहीं थे। ऐसे में ईडी की टीम वहां उपस्थित कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है।
हालांकि अब ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय को मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से आधिकारिक पत्र भेजा गया है। प्रेषित किए गए पत्र और ईमेल में ईडी को 31 जनवरी को पूछताछ के लिए समय देने की जानकारी दी गई है।
इसकी सूचना मिलते ही झारखंड का प्रशासनिक महकमा अलर्ट मोड में दिख रहा है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ाई दी गई है। मुख्य सचिव ने आपात बैठक बुलाकर राज्य में सुरक्षा व्यवस्था पर नजर बनाए रखने का निर्देश दिया है।
बताते चलें कि 10वां समन भेजकर पहले की तरह ही ईडी ने फिर लिखा था कि अगर वह बयान दर्ज कराने नहीं आएंगे, तो ईडी खुद उनके पास पहुंचेगी। इससे पहले 22 जनवरी को ईडी ने नौवां समन भेजकर सीएम को पूछताछ के लिए 27 से 31 जनवरी का समय दिया था।
25 जनवरी को सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी के 9वें समन के जवाब में भेजी गई चिट्ठी में अपनी व्यस्तता का हवाला दिया था और कहा था कि वह इस समन का जवाब बाद में देंगे। इसके बाद ईडी ने 27 जनवरी को मुख्यमंत्री को 10वां समन भेजकर कहा था कि अगर आप नहीं आए तो हम खुद आ जाएंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अब तक भेजे गए समन
पहला समन : 8 अगस्त को भेजा गया, 14 अगस्त को हाजिर होने का था निर्देश
दूसरा समन : 19 अगस्त को भेजा गया, 24 अगस्त को हाजिर होने का था निर्देश
तीसरा समन : 1 सितंबर को भेजा गया, 9 सितंबर को हाजिर होने का था निर्देश
चौथा समन : 17 सितंबर को भेजा गया, 23 सितंबर को हाजिर होने का था निर्देश
पांचवा समन : 26 सितंबर को भेजा गया, 4 अक्टूबर को हाजिर होने का था निर्देश
छठा समन : 11 दिसंबर को भेजा गया, 12 दिसंबर को हाजिर होने का था निर्देश
सातवां समन : 29 दिसंबर को भेजा गया, पूछताछ के लिए समय और जगह खुद तय करने को कहा
आठवां समन : 13 जनवरी को भेजा गया, 16-20 जनवरी तक बयान दर्ज कराने का समय दिया गया
पूछताछ : 20 जनवरी को सीएम से पहली बार पूछताछ हुई
नौवां समन : 25 जनवरी को भेजा गया, पूछताछ के लिए 27 से 31 जनवरी का समय दिया गया
दसवां समन : 27 जनवरी को भेजा गया है, बयान दर्ज कराने के लिए 29-31 जनवरी तक का समय निर्धारित करने को कहा गया। इसके लिए 28 जनवरी तक का समय दिया गया।
हेमंत सोरेन ने निर्धारित समय तक जवाब नहीं दिया और वे 27 जनवरी की रात को ही दिल्ली निकल गए। 29 जनवरी (आज) की सुबह ईडी की टीम हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर पहुंच गयी।
हेमंत सोरेन ने जमीन खरीद-बिक्री मामले में ईडी द्वारा जारी समन के आलोक के पूछताछ के लिए हाजिर होने के बदले कानूनी रास्ता अपनाया था। उन्होंने दूसरे समन पर 24 अगस्त को ईडी ऑफिस में पेश होने की जगह 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर की थी।
इसमें उन्होंने पीएमएलए 2002 की धारा 50 और धारा 63 को असंवैधानिक बताया था और केंद्रीय एजेंसी द्वारा उन्हें राजनीतिक कारणों से परेशान करने का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री ने अदालत से गुहार लगाई थी कि वे इसमें हस्तक्षेप करते हुए समन को स्थगित करे या पीड़क कार्रवाई नहीं करने का आदेश दे।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस और न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी की अदालत में 15 सितंबर को इस मामले में सुनवाई होनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री के वकील की तबीयत खराब होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी थी।
मुख्यमंत्री ने आवेदन दायर कर सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई टालने का अनुरोध किया था। उनके इस आग्रह को अदालत ने स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख 18 सितंबर तय की गयी थी। 18 सितंबर को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन को इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाने को कहा। इसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में 22 सितंबर को याचिका दायर की थी। इसके साथ ही पत्र लिखकर ईडी को याचिका दायर करने की जानकारी दी और हाईकोर्ट का निर्देश आने तक इंतजार करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री की ओर से दायर याचिका में पीएमएलए की धारा 50 और 63 को असंवैधानिक करार देने और उन्हें जारी किए गए सारे समन को निरस्त करने का अनुरोध किया गया है। ईडी ने जमीन खरीद बिक्री मामले में मुख्यमंत्री को चौथा समन भेज कर पूछताछ के लिए 23 सितंबर को रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया था।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि उन्होंने ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट के सामने बात रखने की आजादी है। इसलिए उन्होंने अपनी मांग से संबंधित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है।
याचिका में ईडी द्वारा जारी किए गए समन को दुर्भाग्यपूर्ण और राजनीति से प्रेरित बताया गया है। इसके साथ ही चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के उद्देश्य से की गयी कार्रवाई बताया गया है। याचिका में पीएमएलए की धारा 50 और 63 को असंवैधानिक बताते हुए उसे निरस्त करने का अनुरोध किया गया है।
इसके साथ ही उन्हें जारी किए गए सभी समन को निरस्त करने और न्यायालय के अगले आदेश तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया था।
जमीन घोटाला मामले में ईडी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से एक बार पूछताछ कर चुकी है। ईडी के 8वें समन के बाद सीएम इस मामले में पहली बार पूछताछ के लिए राजी हुए थे। हालांकि, सीएम खुद ईडी ऑफिस में हाजिर नहीं हुए थे।
सीएम ने बयान दर्ज कराने के लिए ईडी के अधिकारियों को सीएम आवास बुलाया था। ईडी की टीम ने हेमंत सोरेन की शर्तें मान ली और 20 जनवरी को पूछताछ के लिए सीएम आवास पहुंच गए। 20 जनवरी को ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन से करीब 7-8 घंटे तक पूछताछ की थी।
(विशद कुमार की रिपोर्ट।)
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