तेलंगाना विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का टीडीपी ने किया फैसला, कार्यालय पर हुआ विरोध-प्रदर्शन

नई दिल्ली। तेलुगु देशम पार्टी ने आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। पार्टी के इस फैसले के बाद टीडीपी की राज्य इकाई के भीतर हलचल मच गई है। और नाराज कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। यह पहली बार होगा कि जब टीडीपी 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। टीडीपी 2018 के राज्य विधानसभा चुनावों में केवल दो सीटें जीतने में कामयाब रही थी।

कथित कौशल विकास घोटाले में टीडीपी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू अभी भी जेल में हैं, इसलिए पार्टी ने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया।

टीडीपी तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष कसानी ज्ञानेश्वर को इस फैसले के बारे में पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने खुद बताया। ज्ञानेश्वर शनिवार को चंद्रबाबू नायडू से मिलने राजमुंद्री सेंट्रल जेल गए थे। नायडू ने उनसे तेलंगाना में पार्टी नेताओं को उन परिस्थितियों के बारे में बताने को कहा, जिनके कारण पार्टी को चुनाव से दूर रहना पड़ा।

हालांकि, ज्ञानेश्वर द्वारा कार्यकर्ताओं को पार्टी के फैसले से अवगत कराने के बाद रविवार को हैदराबाद में एनटीआर ट्रस्ट भवन में टीटीडीपी कार्यालय में एक बड़ा नाटक देखा गया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कुछ नेताओं ने टीटीडीपी कार्यालय में पार्टी के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया।

टीडीपी को चुनाव से क्यों हटना पड़ा

कथित कौशल विकास घोटाले में उनकी गिरफ्तारी के बाद नायडू का परिवार और टीडीपी वर्तमान में विभिन्न अदालतों में कानूनी लड़ाई में व्यस्त हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री को अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने 9 सितंबर को करोड़ों रुपये के कौशल विकास घोटाले में गिरफ्तार किया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं और सीआईडी दो अन्य मामलों में उनकी कथित संलिप्तता की भी जांच कर रही है।

टीडीपी का कदम अप्रत्याशित

टीडीपी ने 2018 में तेलंगाना में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, कांग्रेस और सीपीआई के साथ चुनाव पूर्व समझौता किया था। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को 3.51 फीसदी वोट मिले थे।

इससे पहले टीडीपी विधायक और अभिनेता एन. बालकृष्ण ने हाल ही में हैदराबाद में टीडीपी नेताओं के साथ बैठक की थी और उन्हें चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा था। बालकृष्ण, जो नायडू के बहनोई हैं, ने कहा था कि टीडीपी तेलंगाना में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी।

कसानी ज्ञानेश्वर ने पहले भी कहा था कि टीडीपी तेलंगाना में सीमित संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चंद्रबाबू नायडू ने भी पिछले साल दिसंबर में खम्मम में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने भरोसा जताया था कि पार्टी तेलंगाना में फिर से अपना गौरव हासिल करेगी।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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