क्या राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित CM भगवंत मान पर आईपीसी-124 के तहत दर्ज कराएंगे मुकदमा?

पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 के तहत मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी कर चुके हैं? भरोसेमंद सूत्रों और कुछ मीडिया संस्थानों की सूचना को सही मानें तो यह किसी भी वक्त हो सकता है। बताया जाता है कि राज्यपाल ने अपने स्टाफ को इसके लिए जरूरी हिदायतें जारी कर दी हैं। ऐसा होता है तो यह कम से कम पंजाब में तो पहली बार होगा। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस कदर खफा हैं कि उनकी शिकायत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करने जा रहे हैं। राज्यपाल के इस कदम की भनक मुख्यमंत्री और उनके करीबियों को तो है लेकिन फिलहाल वे इस पर खामोशी अख्तियार किए हुए हैं।

चंडीगढ़ सहित कई राज्यों से प्रकाशित कई संस्करणों वाले एक अखबार के साथ इंटरव्यू में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने भगवंत मान को साफ चेतावनी दी है कि अगर सदन के बाहर भी उनको लेकर अभद्र टिप्पणियां की गईं तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। राज्यपाल ने साफ कहा कि वह भगवंत मान के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करवाएंगे। अखबार को दिए इंटरव्यू में बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि भगवंत मान ने सदन के भीतर मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि मान का कहना है कि ‘यह राज्यपाल पत्र लिखने के सिवा कोई काम नहीं करता।’

मुख्यमंत्री को सदन के भीतर कुछ टिप्पणियां करने का अधिकार मिलता है लेकिन सदन के बाहर नहीं। जिस दिन वह ऐसा करेंगे हम उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 124 के तहत मुकदमा दर्ज करवाएंगे। इसकी तैयारी कर ली गई है। अंग्रेजी अखबार के साथ इंटरव्यू में राज्यपाल ने एक तरह से साफ इशारा किया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 124 के तहत मुकदमा दर्ज होगा ही होगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पास बहुत ताकत होती है, इसलिए मुख्यमंत्री अपनी जुबान संभाल लें और सदन में दीवानी पर संयम रखें।

गौरतलब है कि भगवंत मान सरकार के गठन के साथ ही राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से उनकी ठन गई थी। राज्यपाल जब प्रशासनिक मामलों पर मुख्यमंत्री से जानकारी मांगते हैं तो नजरअंदाज कर दिया जाता है। हाल ही में दो दिन की विशेष विधानसभा सत्र के दौरान सदन में दो बिल पास किए गए थे। इनमें से एक बिल राज्यपाल से राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति नियुक्त करने का अधिकार छीनने के लिए भी था। राज्यपाल ने इस सत्र को असंवैधानिक बताया था।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि उन्होंने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को 10-15 आधिकारिक पत्र लिखें लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। राज्यपाल ने कहा था कि मौजूदा पंजाब सरकार संविधान के खिलाफ काम कर रही है। भगवंत मान का जवाब था कि वह समूह पंजाबियों के लिए जवाबदेह हैं, न की राजभवन के लिए। इस पर राज्यपाल ने कहा, आपको संविधान के मुताबिक काम करना पड़ेगा। आप प्राचीन काल के कोई बादशाह थोड़े हो, जो संविधान को मनमर्जी से मानेगा। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि अगर आगे भी भगवंत मान उनकी बात नहीं मानेंगे और जानकारी नहीं देंगे तो जो उन्हें करना होगा, वह जरूर करेंगे। पुरोहित ने कहा कि वह भगवंत मान सरकार के कामकाज की पूरी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजेंगे।

राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित इस कथन का मतलब शीशे की मानिंद साफ है कि वह चाहते हैं कि राष्ट्रपति सीधे तौर पर कोई ऐसा कदम उठाएं; जो भगवंत मान सरकार के लिए बहुत भारी मुसीबत का सबब बन जाए। गौरतलब है कि राज्यपाल के पास संविधान की दी हुई शक्ति भी है कि वह चुनी हुई सरकार को भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं। फिलहाल तो राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित आईपीसी की धारा 124 के तहत मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ मामला दर्ज करा कर उन्हें अपने तौर पर बड़ा झटका देना चाहते हैं। ऐसा होता है तो पंजाब में पहली बार होगा। शायद देश में भी।

(अमरीक वरिष्ठ पत्रकार हैं और पंजाब में रहते हैं।)

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