नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के सीकर जिले के दौरे पर थे। उन्होंने वहां पांच नए बने मेडिकल कॉलेजों और अन्य योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी शामिल होना था। परंपरा और प्रोटोकॉल के हिसाब से राज्य का मुख्यमंत्री भी हर केंद्रीय योजनाओं में पीएम और कैबिनेट मंत्रियों के साथ मौजूद रहता है। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने आज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गहलोत को जनता को संबोधित करने के कार्यक्रम से वंचित कर दिया। इसकी सूचना मिलने के बाद सीएम ने कार्यक्रम में आने से मना करते हुए ट्वीट किया।
गहलोत ने ट्विटर पर लिखा कि, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, आज आप राजस्थान के दौरे पर हैं। आपके कार्यालय, पीएमओ ने कार्यक्रम से मेरा पूर्व निर्धारित 3 मिनट का संबोधन हटा दिया है, मैं भाषण के माध्यम से आपका स्वागत नहीं कर पाऊंगा, इसलिए मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में हार्दिक स्वागत करता हूं।”
चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है भारतीय राजनीति के अलग-अलग रंग देखने के लिए मिल रहे हैं, कहीं पर किसी को बोलने का मौका नहीं मिल रहा तो कहीं पर किसी को आमंत्रण देकर मंच पर स्थान नहीं दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजस्थान के सीकर यात्रा से बमुश्किल कुछ घंटे पहले, जहां वह गुरुवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पीएम-किसान योजना की 14वीं किस्त जारी करने वाले हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पर उनकी “सीकर” कार्यक्रम से पूर्व निर्धारित 3 मिनट का संबोधन” को हटाने का आरोप लगाया।
गहलोत ने ट्वीट से बताया कि “आज हो रहे 12 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन और शिलान्यास राजस्थान सरकार और केंद्र के बीच साझेदारी का परिणाम है। इन मेडिकल कॉलेजों की परियोजना लागत 3,689 करोड़ रुपये है, जिसमें 2,213 करोड़ रुपये केंद्र और 1,476 करोड़ रुपये राज्य सरकार का हिस्सा है। मैं राज्य सरकार की ओर से भी सभी को बधाई देता हूं।”
इसके तुरंत बाद पीएमओ ने जवाब दिया और कहा कि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राजस्थान के सीएम का “हार्दिक स्वागत” है।
सीएम गहलोत के ट्वीट का जवाब देते हुए पीएमओ ने लिखा, “श्री @ashokgehlot51 जी, प्रोटोकॉल के अनुसार, आपको विधिवत आमंत्रित किया गया है और आपका भाषण भी निर्धारित किया गया है। लेकिन, आपके कार्यालय ने कहा कि आप शामिल नहीं हो पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली यात्राओं के दौरान भी आपको हमेशा आमंत्रित किया गया है और आपने अपनी उपस्थिति से उन कार्यक्रमों की शोभा बढ़ाई है। आज के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आपका हार्दिक स्वागत है। विकास कार्यों की पट्टिका पर आपका भी नाम दर्ज है। जब तक आपको अपनी हालिया चोट के कारण कोई शारीरिक परेशानी न हो, आपकी उपस्थिति को बहुत महत्वपूर्ण माना जाएगा।”
मुख्यमंत्री गहलोत की केंद्र सरकार से मांग
गहलोत ने कहा “इस ट्वीट के माध्यम से, मैं उन मांगों को सामने रख रहा हूं जो मैंने इस कार्यक्रम में अपने भाषण के माध्यम से करना चाहता था। मुझे उम्मीद है कि 6 महीने में अपनी 7वीं यात्रा के दौरान आप इन्हें पूरा करेंगे।”
अपनी पांच मांगें गिनाते हुए गहलोत ने कहा, ”राजस्थान खासकर शेखावाटी के युवाओं की मांग पर अग्निवीर योजना वापस लेकर सेना में स्थायी भर्ती पहले की तरह जारी रखी जाए।”
राजस्थान के सीएम ने कहा “राज्य सरकार ने अपने अधीन सभी सहकारी बैंकों के 21 लाख किसानों के 15,000 करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिया हैं। हमने राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज माफ करने के लिए केंद्र सरकार को एकमुश्त समाधान प्रस्ताव भेजा है, जिसमें हम किसानों का हिस्सा देंगे। यह मांग भी पूरी होनी चाहिए।”
गहलोत ने कहा, ”राजस्थान विधानसभा ने जातिगत जनगणना के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है. केंद्र सरकार को बिना किसी देरी के इस पर फैसला लेना चाहिए।”
गहलोत ने मांंग कि “एनएमसी के दिशानिर्देशों के कारण, हमारे तीन जिलों में खोले जा रहे मेडिकल कॉलेजों को केंद्र सरकार से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिल रही है। इनका निर्माण पूरी तरह से राज्य वित्त पोषण से किया जा रहा है। केंद्र सरकार को इन तीन आदिवासी बहुल जिलों में मेडिकल कॉलेजों को 60% फंड भी देना चाहिए।”
उन्होंने कहा, ”पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा और महत्व दिया जाना चाहिए।”
गहलोत ने कहा, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इन मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाएं और आज राज्य के वादियों को आश्वस्त करें।”
पीएम-किसान योजना की 14वीं किस्त जारी करने के अलावा, पीएम मोदी 1.25 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वह सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड) भी लॉन्च करेंगे। वह पांच मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन और सात मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला भी रखेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम सुबह 11:15 से शुरू होना था, और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्वीट के बाद पीएमओ ने संज्ञान लेते हुए ये तो कह दिया कि आपका स्वागत है क्योंकि मामला प्रोटोकॉल पर आकर अटक गया। लेकिन उद्घाटन और भाषण के दौरान सीएम अशोक गहलोत कहीं नहीं दिखे, जबकि भाजपा पार्टी के सभी केंद्रीय मंत्री और सांसद मंच पर मौजूद थे। हालांकि सीकर कार्यक्रम खत्म होने के बाद सीएम गहलोत का ट्वीट आता है जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘जन सम्मान, जय राजस्थान’ के भाव के साथ सीकर में आयोजित पीएम- किसान सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नॉन इंटरेक्टिव मोड पर शामिल हुआ। हमें आशा है कि माननीय प्रधानमंत्री राजस्थान वासियों के हित में मेरे द्वारा की गई मांगों पर गंभीरता से विचार करेंगे।
ऐसा लगता है कि चुनावी रण में प्रधानमंत्री प्रोटोकॉल को महज एक औपचारिकता मानते हैं, और शायद यही वजह है कि पीएमओ के ट्वीट के बाद भी राजस्थान के सीएम राज्य के ऐतिहासिक दिन पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर उद्घाटन समारोह में शिरकत कर पाये। हालांकि, एक राज्य के सीएम होने के तौर पर अशोक गहलोत ने वहां ना रहने का अफसोस ना मना कर, प्रधानमंत्री से बस उन मांगों को पूरा करने के लिए विचार करने कि आग्रह की है जो कि राजस्थान कि जनता और युवाओं के लिए काफी अहम साबित होने वाली है।
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