झारखंड: डुमरी विधान सभा उपचुनाव में INDIA बनाम NDA की जंग

रांची। देश के 6 राज्यों की 7 विधान सभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के तहत आगामी 5 सितंबर को मतदान होना है। इस उपचुनाव में झारखंड के डुमरी विधान सभा की एक सीट भी है, जो जेएमएम विधायक व मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद खाली हुई है। जेएमएम ने इस सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है।

यह सीट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रतिष्ठा से इसलिए जुड़ी है क्योंकि जगरनाथ महतो के निधन के बाद हेमंत सोरेन ने महतो की पत्नी बेबी देवी को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया और बेबी देवी ने 3 जुलाई को मंत्री पद की शपथ ली। अब अगर बेबी देवी को क्षेत्र के मतदाता खारिज करते हैं तो हेमंत सोरेन की किरकिरी हो जाएगी, हालांकि इसकी संभावना कम दिख रही है। बावजूद इसके नतीजा किस करवट बैठेगा कहना मुश्किल है क्योंकि भाजपा का एनडीए गठबंधन भी इस सीट के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दिया है।

एनडीए गठबंधन ने अपना उम्मीदवार आजसू पार्टी की यशोदा देवी को बनाया है। यशोदा देवी 2019 में भी डुमरी से आजसू पार्टी के टिकट पर विधान सभा चुनाव लड़ी थीं और दूसरे स्थान पर रही थीं। यशोदा देवी अलग झारखंड राज्य के आंदोलनकारी दिवंगत दामोदर महतो की पत्नी हैं। दामोदर महतो एकीकृत बिहार में जदयू के नेता थे। यशोदा डुमरी की प्रमुख भी रही हैं। वर्तमान में वे पंचायत समिति सदस्य हैं।

वहीं बेबी देवी की पहचान एक कुशल गृहिणी की रही है। वह पहले कभी-कभार जगरनाथ महतो के साथ पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल होती थीं। पति के निधन होने के बाद पिछले ढाई महीने से अपने डुमरी विधान सभा क्षेत्र में झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से अपने पुत्र अखिलेश महतो के साथ भाग ले रही हैं।

हेमंत सोरेन ही नहीं INDIA के लिए महत्वपूर्ण है उपचुनाव

2019 के चुनाव में झारखंड विधान सभा की कुल 81 सीटों में झामुमो 30, कांग्रेस 16, भाजपा 25, झारखंड विकास मोर्चा 03, आजसू  02, एनसीपी 01, भाकपा (माले) 01 और निर्दलीय 02 सीटें जीती हैं। बाद में झारखंड विकास मोर्चा के संस्थापक और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भाजपा में शामिल हो गए और जेवीएम का भाजपा में विलय की घोषणा कर दी। इसके दो विधायक पहले ही कांग्रेस में जा मिले थे।

डुमरी विधान सभा की यह सीट पिछले चार बार से झामुमो के जगरनाथ के कब्जे में रही है। 2019 में जगरनाथ महतो 71,128 वोट लाकर लगातार चौथी बार विधायक बने थे। जबकि भाजपा उम्मीदवार प्रदीप साहू को कुल 36,013 वोट मिले थे, वहीं आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी 36,840 वोट लाकर दूसरे नंबर पर थीं। 

इस बार एनडीए गठबंधन ने यशोदा देवी को चुनाव मैदान उतारा है। भाजपा ने आजसू को समर्थन दिया है। पिछले चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो आजसू और भाजपा के वोट को मिला देने से कुल मत 72,853 वोट हो जाते हैं, जो जगरनाथ महतो को मिले वोट से ज्यादा हैं। इसलिए यह उपचुनाव सीधे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रतिष्ठा से जुड़ गया है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा का उम्मीदवार नहीं होने से कई बीजेपी नेता पार्टी के निर्णय से नाराज हैं। उनकी नाराज़गी एनडीए की सेहत के लिए घातक बतायी जा रही है।

जबकि जगरनाथ महतो के असामयिक निधन से मतदाताओं की सहानुभूति बेबी देवी की ओर दिख रही है। ऐसे में मुख्य मुकाबला INDIA और NDA प्रत्याशी के बीच माना जा रहा है।

ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के उम्मीदवार अब्दुल मोबिन रिजवी भी खुद को कमजोर नहीं समझ रहे हैं। क्योंकि वे 2019 के चुनाव में कुल 24,132 मत पाकर चौथे नंबर पर थे। वैसे इस बार क्षेत्र के मुस्लिम मतदाता उन्हें एनडीए की बी टीम बता रहे हैं। उनका रुझान साफ तौर पर INDIA उम्मीदवार की ओर दिख रहा है।

इस उपचुनाव में साफ दिख रहा है कि INDIA का गठन भले ही 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर हुआ है लेकिन इसका असर इस उपचुनाव में दिखने लगा है।

देश के 6 राज्यों की 7 विधान सभा सीटों पर उप चुनाव

चुनाव आयोग ने पिछले 8 अगस्त को 6 राज्यों की 7 विधान सभा सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा की है। आयोग द्वारा घोषित उपचुनाव की तारीखों के अनुसार इस सभी सीटों पर 5 सितंबर को मतदान होगा और 8 सितंबर को मतगणना की जाएगी। इन छह राज्यों में त्रिपुरा (2 सीट), केरल (1 सीट) झारखंड (1 सीट), पश्चिम बंगाल (1 सीट), उत्तर प्रदेश (1 सीट) और उत्तराखंड (1 सीट) शामिल हैं।

केरल की सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता ओमन चांडी के निधन के बाद खाली हुई है। चांडी केरल की पुथुपल्ली सीट से विधायक थे। उन्होंने 50 वर्षों से अधिक समय तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था।

उत्तराखंड की बागेश्वर सीट मौजूदा विधायक चंदन राम दास के निधन के बाद खाली हुई थी।

त्रिपुरा में दो विधान सभा सीटों पर उपचुनाव में बॉक्सनगर के विधायक समसुल हक के निधन से सीट खाली हुई थी। वहीं दूसरी ओर घनपुर से विधायक प्रतिमा भौमिक के इस्तीफा के बाद इस सीट पर भी उपचुनाव हो रहा है।

पश्चिम बंगाल में धुपगुड़ी विधान सभा सीट मौजूदा विधान सभा सदस्य बिष्णु पदा रे के निधन से खाली हुई थी।

जबकि उत्तर प्रदेश में घोसी सीट सपा के दारा सिंह चौहान के इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने के बाद खाली हो गई थी।

झारखंड की डुमरी विधान सभा सीट जेएमएम विधायक व मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद खाली हुई थी।

(झारखंड से विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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