सरकार के श्वेत पत्र से पहले कांग्रेस ने जारी किया ‘ब्लैक पेपर’, गिनवाईं मोदी सरकार की विफलताएं

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नई दिल्ली। कांग्रेस ने पिछले 10 वर्षों में अपने प्रदर्शन पर नरेंद्र मोदी सरकार के ‘श्वेत पत्र’ का जवाब देने के लिए गुरुवार को एक ‘ब्लैक पेपर’ जारी किया जिसका शीर्षक था “दस साल अन्याय काल।” पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्लैक पेपर जारी किया। ब्लैक पेपर में केंद्र सरकार के कई दावों, खास तौर से रोजगार सृजन पर निशाना साधा गया।

उन्होंने कहा कि “कांग्रेस का ‘ब्लैक पेपर’ बेरोजगारी, महंगाई और किसानों के संकट पर मोदी सरकार की ‘विफलताओं’ को उजागर करता है।

खड़गे ने कहा कि सरकार कभी नहीं बताएगी कि कितने लोगों को नौकरी मिली। वे मनरेगा धनराशि जारी कर रहे हैं लेकिन राज्यों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है उनको अनदेखा किया जा रहा है।“

कांग्रेस के विचारकों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी पर केंद्र के हमले का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ”आप आज शासन कर रहे हैं, आपने आज महंगाई को कंट्रोल करने के लिए क्या किया है? “

खड़गे ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि “सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। सरकार ने किसानों को एमएसपी ज्यादा करने और किसान की आमदनी दोगुनी करने का जो वादा किया था वो सब कहां है। पीएम मोदी संसद में ना तो महंगाई के बारे में बोलते हैं, ना बेरोजगारी के बारे में बोलते हैं और ना किसानों के बारे में बोलते हैं।“

इस समय बजट सत्र चल रहा है और सरकार इस सत्र में श्वेत पत्र ला रही है, जिसमें 2014 में सत्ता में आने के बाद से सरकार की उपलब्धियों को सूचीबद्ध किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकार एक बजट पेश करेगी। संसद के दोनों सदनों में ‘श्वेत पत्र’ यह देखने के लिए है कि हम 2014 तक कहां थे और अब कहां हैं। लेकिन उससे पहले कांग्रेस ने ब्लैक पेपर जारी कर सरकार की नाकामियों को उजागर कर दिया।

श्वेत पत्र से ठीक उलट ब्लैक पेपर एक राजनीतिक दस्तावेज होता है जिसमें किसी भी सरकार की विफलताओं गिनाने, उसकी आड़ में सियासी लाभ लेने या सरकारी आंकड़ों या दावों का काट विपक्ष की ओर से पेश किया जाता है।

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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