चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट में कल फिर सुनवाई, रिटर्निंग ऑफिसर ने कुबूला- बैलट पेपर पर लगाया था क्रॉस

सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सख्‍त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के बैलेट पेपर तलब किए हैं और अब सुप्रीम कोर्ट खुद बैलेट पेपर देखेगा। इस मामले में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हार्स ट्रेडिंग गंभीर मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने माना है कि उन्‍होंने बैलेट पेपर पर निशाना लगाया। अब मसीह बुधवार को अदालत में पेश होंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट इस मामले में मंगलवार दोपहर दो बजे सुनवाई करेगा।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की ओर से दायर की गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। दोनों दलों ने  मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था और चुनाव अधिकारी का वायरल हुआ वीडियो सबूत के तौर पर शीर्ष अदालत में पेश किया था, जिसके बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ चुनाव अधिकारी पर भड़क गए थे। कोर्ट में आज उन्होंने कुबूल किया कि उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस मार्क किया था।

कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से बैलेट पेपर मांगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पर्याप्त सुरक्षा के साथ बैलेट पेपर लाने को कहा है। साथ ही काउंटिंग का पूरा वीडियो तलब किया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मसीह दोषी पाए गए तो कानूनी कार्रवाई करेंगे।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मसीह से पूछा कि आपने कुछ बैलेट पेपर पर एक्‍स मार्क लगाया या नहीं, जवाब में उन्‍होंने कहा कि हां आठ पेपर पर लगाया। इस पर सीजेआई ने कहा कि आपको सिर्फ साइन करना चाहिए था, आपने किस अधिकार से निशान लगाए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम डिप्टी कमिश्‍नर को नए सिरे से चुनाव कराने के लिए रिटर्निंग अफसर नियुक्त करने को कहेंगे। वो किसी राजनीतिक पार्टी से संबंधित नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह हाईकोर्ट को इस मामले की निगरानी करने के लिए कहेंगे। 

इस मामले में चीफ जस्टिस  डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की।

सुप्रीम कोर्ट में आज पेश हुए रिटर्निंग ऑफिस अनिल मसीह से  पीठ ने पूछा कि क्या उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस मार्क किया था या नहीं। इस बात को रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह ने कुबूल किया कि उन्होंने ऐसा किया था क्योंकि  आम आदमी पार्टी के मेयर प्रत्याशी ने आकर बैलेट पेपर लेकर फाड़ा और भागे थे। इसपर पीठ ने पूछा लेकिन आफ क्रॉस क्यों लगाया था, तो अनिल मसीह ने कहा कि वे पेपर पर निशान देने की कोशिश कर रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी माना कि  उन्होंने मार्क लगाया है। ऐसे में इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हम डिप्टी कमिश्नर को कहेंगे नए रिटर्निंग ऑफिसर को नियुक्त करें.।हम पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जरनल को कहेंगे कि इसको मॉनिटर करे।

कोर्ट ने कहा कि हम रजिस्ट्रार जरनल हाई कोर्ट को कहेंगे कि वो इस चुनाव से जुड़े वो सभी रिकॉर्ड ले कर हमारे पास आएं। हम कल मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करेंगे।कोर्ट ने कहा कि जो बैलेट पेपर रजिस्टर जरनल के पास है वो एक जुडिशियल ऑफिसर सुबह 10.30 बजे हमारे पास ले कर आएंगे।

इससे पहले आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. आम आदमी पार्टी के पार्षद नेहा मुसावट, गुरचरण काला और पूनम देवी अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। जिसके बाद अब मेयर चुनाव का पूरा नंबर गेम बदल गया है। अब मेयर चुनाव के लिए बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले मेयर मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया है।दरअसल शीर्ष अदालत ने पहले ही चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। 

चंडीगढ़ नगर निगम में 30 जनवरी को चुनाव हुए थे, उस समय बीजेपी के पास 14 पार्षद थे।संख्याबल के लिहाज से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी थी।उसके बाद आम आदमी पार्टी के 13, जबकि कांग्रेस के पास 7 विधायक थे।इसके अलावा एक पार्षद शिरोमणि अकाली दल का है। वहीं चंडीगढ़ का सांसद भी अपना वोट डालता है। आप-कांग्रेस ने मिलकर मेयर का चुनाव लड़ा था। इस हिसाब से देखें तो मेयर आप का बनना चाहिए था, लेकिन आप-कांग्रेस के 8 वोटों को रद्द कर दिया गया था और 16 वोट पाने वाली बीजेपी का मेयर बन गया था।

इसके बाद आप और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। मेयर चुनाव के प्रिजाइडिंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह बैलेट पेपर पर पेन चलाते हुए दिखे। इसी वीडियो को आप और कांग्रेस ने सबूत के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था।

30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था।इसमें कथित धांधली को लेकर कांग्रेस और आप  की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूरी चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और बैलट पेपर सील करने का निर्देश दिया था ।चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह को फटकार लगाई थी और कहा था, ‘सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है उन्होंने (प्रिजाइडिंग ऑफिसर) ने मतपत्रों को खराब किया। उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है, हम आश्चर्यचकित हैं’।

चंडीगढ़ में मेयर चुनाव पहले 18 जनवरी के लिए शेड्यूल थे, लेकिन अनिल मसीह कथित रूप से बीमार पड़ गए थे।इसकी वजह से चुनाव को स्थगित करना पड़ा था। बाद में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर 30 जनवरी को चुनाव की तारीख तय हुई। चुनाव में सीसीटीवी से निगरानी भी की गई लेकिन चुनाव में कथित रूप से धांधली हो गई। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव को रद्द करने के साथ ही मेयर का चुनाव फिर से कराने की मांग की थी। 

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं।)

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