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चिन्मयानंद मामले में एसआईटी का कारनामा,पीड़िता को किया गिरफ्तार

पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पीड़ित छात्रा को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पीड़ित छात्रा पर चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने का आरोप है। इससे पहले पीड़ित छात्रा की शिकायत पर चिन्मयानंद को जेल भेज दिया गया था। शाहजहांपुर में लड़की को उसके ही घर से आज सुबह गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में छात्रा के तीन दोस्त भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इस पूरे मामले की बुनियाद गोपनीय दर गोपनीय वीडिओ पर टिकी हुई है और एक दूसरे को फंसाने में सभी फंस गए हैं।
पीड़िता का आरोप है कि स्वामी चिन्मयानंद ने पीड़िता को अपने चंगुल में लेने के लिए उसका नहाते समय चोरी से वीडिओ बनवाया ताकि शिकार कभी भी हाथ से दूर न जा सके। पीड़िता ने स्वामी को सबक सिखाने के लिए ‘रिवर्स-स्टिंग’ ऑपरेशन कर दिया। इसके बाद लड़की के साथ कार में बैठे युवकों का ‘रिवर्स स्टिंग’ किया गया। दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग, गिरोहबंदी, जबरन धन वसूली से जुड़े इस वीभत्स मामले में पीड़िता और जिन तीन युवकों की गिरफ्तारी हुई है, वह नहीं हो पाती। लड़की के साथ कार में बैठे युवकों के ‘रिवर्स स्टिंग’ से यह बात सामने आ गयी कि पूरा मामला लड़की के यौन-उत्पीड़न के साथ-साथ अकूत दौलत के ‘स्वामी’, चिन्मयानंद से करोड़ों रुपये वसूली की असफल कोशिश से जुड़ा है।
इस मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) प्रमुख नवीन अरोड़ा का कहना है कि उनके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि छात्रा ने पांच करोड़ की रंगदारी मांगी थी। एसआईटी चीफ ने बताया कि साक्ष्य एकत्र किए गए और दस्तावेजी बयान लिये गए। कुछ ऐसे साक्ष्य थे, जो फॉरेंसिक लैब भेजे गये, मसलन पेन ड्राइव एवं मोबाइल फोन। नवीन अरोड़ा ने बताया कि 24 सितंबर, मंगलवार की रात को एफएसएल से रिपोर्ट मिली। मंगलवार रात को भी छात्रा से पूछताछ की गयी थी। सुबह हम साक्ष्यों के साथ उसके आवास पर गए। एसआईटी प्रमुख ने बताया कि हमने लड़की से गहन पूछताछ की। सारे वीडियो दिखाये, आवाज सुनाई। उन्होंने बताया कि इस बात का स्पष्ट साक्ष्य है कि 5 करोड़ रूपये की मांग की गयी थी। गिरफ्तार अन्य आरोपियों ने बताया कि लड़की के कहने पर ही उन्होंने चिन्मयानंद को व्हाटस एप मैसेज किया था।नवीन अरोड़ा ने बताया कि एसआईटी ने सारे डिजिटल साक्ष्य लिये और उनके आधार पर लड़की से पूछताछ की। सबकी लोकेशन चेक करायी गई। उन्होंने बताया कि जब पर्याप्त साक्ष्य हो गये तो तय हुआ कि लड़की को अब गिरफ्तार किया जा सकता है।
पीड़िता को गिरफ्तार करने के बाद उसको अदालत में पेश किया। इससे पहले उसकी चिकित्सकीय जांच करायी गयी। अदालत ने लड़की को 7 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दरअसल दुष्कर्म के आरोप में जेल भेजे गए चिन्मयानंद से पांच करोड़ की फिरौती मांगने के पीछे संजय और सचिन का दिमाग काम कर रहा था और मोहरा छात्रा को बनाया गया। लेकिन छात्रा के लापता होने की सूचना ने पूरा खेल बिगाड़ दिया। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से छात्रा को खोज निकाला और इसके बाद एसआईटी की जांच में जो कहानी सामने आई उसमें दोनों ही दोषी निकले।
पांच करोड़ की फिरौती मांगे जाने की स्वीकारोक्ति वाला वीडियो बनाने वाला ड्राइवर संजय के चचेरे भाई विक्रम की मौसी के बेटे सचिन सेंगर का परिचित था। वह गाजियाबाद में गाड़ी चलाता था। सचिन ने ही ड्राइवर से कहकर पांच करोड़ की फिरौती वाला वीडियो इसलिए बनवाया ताकि रुपये मिलने पर यदि संजय या छात्रा में से कोई बेईमानी करे तो इस वीडियो के सहारे फिरौती की रकम का हिस्सा लिया जा सके। संजय ने जहां चिन्मयानंद से पांच करोड़ की फिरौती मांगे जाने में छात्रा को आगे कर स्वामी के तेल मालिश करते हुए वीडियो बनवाए, वहीं सचिन ने भी वीडियो बनवा लिया। जब मामला उच्चतम न्यायालय पहुंच गया और दोनों पक्ष दोषी नजर आने लगे तो चिन्मयानंद के एक सिपहसालार ने जानकारी कर ड्राइवर से वह वीडियो हासिल कर लिया। वीडियो चिन्मयानंद समर्थक के हाथ लगते ही पूरी असलियत सामने आ गई।
सत्ता पार्टी तक जांच की आंच
चिन्मयानंद-छात्रा प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी ने दोनों पक्षों के बयान लेने के बाद सत्ता पार्टी के एक नेता को बुधवार की रात तलब कर उनसे पूछताछ की। यह नेता अपने साथियों के साथ छात्रा और उसके दोस्त संजय से मिलने राजस्थान गए थे। एसआईटी पर्दे के पीछे के लोगों को भी पहचानने की कोशिश कर रही है। 24 अगस्त को छात्रा फेसबुक पर चिन्मयानंद के खिलाफ गंभीर आरोप वाला वीडियो वायरल करने के बाद गायब हो गई थी। इसी के साथ चिन्मयानंद से फिरौती मांगे जाने का मामला सामने आया तो सत्ता दल के एक नेता अपने दो अन्य साथियों के साथ मामले को सुलझाने में लग गए। यह नेता अपने दो साथियों के साथ चिन्मयानंद से फिरौती मांगने में संदेह के दायरे में आए संजय से मिलने राजस्थान उस जगह पहुंच गए, जहां छात्रा और संजय ठहरे हुए थे। एसआईटी ने अपनी विवेचना में इस बिंदु को भी शामिल कर लिया। इसीलिए अपहरण और फिरौती मामले से संबंधित लोगों के बयान दर्ज करने के बाद सबसे आखिर में एसआईटी ने उस नेता से भी पूछताछ की, ताकि जांच में कुछ और चीजें स्पष्ट हो सकें।

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