दिल्ली में बाढ़ के पीछे हरियाणा की भाजपा सरकार की साजिश: आप आदमी पार्टी

1978 में यमुना में आई बाढ़ के रिकॉर्ड को भी इस बार की बाढ़ ने तोड़ दिया है। जबकि पिछले 4 दिनों से दिल्ली में बरसात रुकी हुई है। कल फिर बरसात की आशंका है। लेकिन 3 दिनों से अचानक से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा था, जिसने कल सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। आखिर यह पानी आ कहां से रहा है? 

इस बारे में आम आदमी  पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती ने आज एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि “पिछले 3 दिनों से हथिनीकुंड के सिर्फ उन्हीं गेट को खोला गया, जिनका रुख दिल्ली की तरफ था। भारती के अनुसार 10 जुलाई तक दिल्ली में भारी बारिश थी, तब माननीय मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों के साथ बैठक की, अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है। दिल्ली पुल खतरे के निशान से 2 मीटर कम था। जिसमें तय पाया गया कि यमुना में जलस्तर सामान्य ही रहेगा। लेकिन दिल्ली में जब बारिश खत्म हो गई, उसके बावजूद जलस्तर बढ़ता लगा तब कुछ शंका हुई कि पानी लगातार क्यों बढ़ रहा है। हथिनीकुंड बैराज जहां से पानी छोड़ा जा रहा है, वहां से तीन कैनाल है। ईस्ट यमुना यूपी, वेस्ट यमुना हरियाणा और तीसरा कैनाल दिल्ली की ओर जा रहा है। 

आपको या जानकार बेहद ताज्जुब और दुःख होगा कि किस प्रकार से चीजें हुई हैं। 10 जुलाई को इन्होंने वेस्ट और ईस्ट कैनाल में पानी छोड़ने के बजाय सिर्फ दिल्ली की तरफ 3.59 क्यूसेक पानी छोड़ा था। इसी प्रकार 11 जुलाई को इन्होंने दिल्ली के लिए 3.69 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा। 12 जुलाई को भी 2.024 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है।” 

आम आदमी पार्टी का आरोप बेहद संगीन है। यदि हरियाणा की खट्टर सरकार ने सिर्फ दिल्ली की तरफ सारा पानी छोड़ा है तो यह राजनैतिक विद्वेषपूर्ण कार्रवाई समझी जानी चाहिए, जिसे शत्रु देश भी आमतौर पर स्वीकार नहीं करते।

इतना ही नहीं विधायक सोमनाथ भारती ने हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की लॉगशीट के सबूत पेश करते हुए ट्वीट किया है,  “यह दिनांक 10.07.2023, 11.07.2023, 12.07.2023 और 13.07.2023 की हथिनीकुंड बैराज की लॉगशीट है। EJC का मतलब पूर्वी जमुना नहर है जो हरियाणा तक पानी ले जाती है और WJC का मतलब पश्चिमी जमुना नहर है जो पानी को यूपी तक ले जाती है। आप 13.07.2023 की शाम को छोड़कर सभी चार तारीखों पर ईजेसी के तहत और इन सभी तारीखों पर डब्ल्यूजेसी के तहत शून्य पानी छोड़े जाने को देख सकते हैं, जब उन्होंने कुछ पानी छोड़ना शुरू किया था, जो कि इसकी क्षमता से बेहद कम था। दिल्ली के खिलाफ @बीजेपी4इंडिया की सोची-समझी साजिश को देखने के लिए इससे अधिक और क्या सबूत चाहिए।

मेरा यह कहना नहीं है उन्हें बाढ़ का सारा पानी यूपी या हरियाणा की ओर प्रवाहित कर देना चाहिए था, लेकिन इसे तीनों राज्यों में समझदारी से साझा कर देना चाहिए था, ताकि किसी एक राज्य पर सारा प्रभाव न पड़े। मैं अभी भी @PMOIndia से आग्रह करना चाहता हूं कि दिल्ली पर इस बाढ़ के प्रभाव को बड़े स्तर पर कम करने के लिए संबंधित अधिकारियों को यूपी और हरियाणा चैनलों को पूरी तरह से खोलने का निर्देश दें।”

आम आदमी पार्टी (आप) के हैंडल से एक वीडियो और जारी किया गया है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि आज की तारीख में भी हथिनीकुंड बैराज से सारा पानी सिर्फ दिल्ली की तरफ छोड़ा जा रहा है, जबकि यूपी की तरफ जाने वाली नहर का गेट पिछले कुछ दिनों से बंद है।

हथिनी कुंड बैराज, हरियाणा के यमुना नगर में स्थित है, जहां से पानी छोड़ने से दिल्ली में हर साल यमुना का जलस्तर कुछ दिनों के लिए बढ़ता रहा है। लेकिन खतरे के निशान तक छूकर हर बार जलस्तर घट जाता था। कभी-कभार यदि खतरे के निशान से उपर भी यमुना बही तो इसके आसपास के क्षेत्रों को खाली करा लिया जाता था, और कुछ दिन बाद फिर चीजें यथावत चलने लगती थीं।

लेकिन चूंकि लगातार 11-12-13 जुलाई को हथिनीकुंड बैराज से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, इसलिये यमुना खतरे के निशान से 3.5 मीटर ऊंचे बहते हुए कल से आईएसबीटी, यमुना बाजार, आईटीओ सहित सेंट स्टीफेंस हॉस्पिटल समेत वीआइपी इलाकों तक में घुस चुका है। ऐसा हाल दिल्ली में पिछले 4-5 दशकों से देखा नहीं गया था। 1 क्यूसेक पानी का बहाव का अर्थ है प्रति सेकंड एक घन फुट पानी का बहाव, अर्थात 28.317 लीटर पानी प्रति सेकंड। इस प्रकार यदि 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है तो आप समझ सकते हैं कि कितना पानी जारी किया जा रहा है।

1978 की बाढ़ में भी दिल्ली में यमुना का जलस्तर नए रिकॉर्ड के साथ 207.49 के स्तर पर पहुंच गया था, जबकि दिल्ली के लिए खतरे का निशान समुद्र तल से 205 मीटर तय किया गया है। लेकिन आज सुबह भी यमुना 208.48 मीटर के स्तर पर बह रही थी। खबर है कि कल शाम 6 बजे के करीब हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने को स्थगित कर दिया गया था। लेकिन इससे पहले लगातार 100 घंटे से सभी गेट खोल दिए गये थे, क्योंकि मंगलवार तक बैराज में 3.21 लाख क्यूसेक पानी का स्तर पहुंच गया था, जो रविवार तक 1 लाख क्यूसेक के स्तर पर था। 

हालांकि इतने बड़े पैमाने पर बैराज से पानी छोड़े जाने से दिल्ली सहित हरियाणा के कई जिले और हजारों एकड़ की फसल पानी में डूब चुकी है, लेकिन दिल्ली महानगर की आबादी के लिए यह पूरी तरह से अप्रत्याशित घटना थी। 

इस मुद्दे को लेकर दिल्ली में राजनैतिक सरगर्मी काफी तेज हो गई है। दिल्ली भाजपा इसके लिए आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविन्द केजरीवाल को जिम्मेदार मान रही है, और सांसद मनोज तिवारी केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के अनुसार दिल्ली की जनता आज जहां एक ओर बाढ़ से त्रस्त है, वहीं पीने के पानी और सीवर व्यवस्था के चरमरा जाने से बेहाल है। उनका कहना है कि पिछले एक हफ्ते से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश से तय था कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ेगा। इसी के मद्देनजर भाजपा पिछले एक सप्ताह से दिल्ली सरकार को चेता रही थी कि दिल्ली को बाढ़ जैसी स्थिति के लिए तैयार किया जाये, लेकिन सीएम केजरीवाल ने इस पर जरा भी ध्यान नहीं दिया, जिसका परिणाम आज दिल्ली की जनता भुगत रही है।

दिल्ली में यमुना के आसपास के कैचमेंट एरिया को बड़े पैमाने पर कंक्रीट और एशियन गेम्स सहित स्वामीनारायण मंदिर के लिए घेर लिया गया है। यमुना में गाद इतना भर गया है और उसके मार्ग को इतना सीमित कर दिया गया है कि भारी बारिश में यमुना के जलस्तर में अचानक वृद्धि संभव है। लेकिन राजनैतिक स्वार्थ सिद्धि और प्रतिद्वंदी दल से बदला लेने के लिए यदि कोई पार्टी देश और उसकी जनता से भी बदला लेने लगे, तो समझ लेना चाहिए कि देश किस दिशा में बढ़ चुका है। चूंकि यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक है, इसलिए कल यदि इसकी जांच की मांग तेज होती है तो इसे सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ के द्वारा अपनी निगरानी में ही दिल्ली के हितधारक नागरिकों की टीम के माध्यम से ही किया जाना चाहिए।

( रविंद्र पटवाल जनचौक की संपादकीय टीम के सदस्य हैं।)  

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