कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में डीवाईएफआई की रैली, लोकसभा चुनाव की कमान के लिए युवा तैयार 

नई दिल्ली। रविवार को सीपीएम की यूथ विंग डीवाईएफआई ने कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में अभूतपूर्व रैली की। इस रैली से पार्टी ने दो संदेश देने की कोशिश की। पहला यह कि उसकी युवा शाखा अब सूबे में बड़ी राजनीतिक भूमिका के लिए तैयार है। दूसरा पार्टी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में हर स्तर पर चुनौती देने के लिए तैयार है।

रैली को संबोधित करते हुए सीपीएम के राज्य सचिव और पूर्व डीवाईएफआई नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि “हम उनको पेड़ बनने में सहायता देने के लिए बीज बो रहे हैं….हम माली की भूमिका निभाएंगे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए खेतों में खाद और पानी से उनकी मदद करेंगे।” आपको बता दें कि ब्रिगेड परेड ग्राउंड में यह रैली संगठन द्वारा निकाली गयी ‘इंसाफ यात्रा’ के पूरा होने के बाद आयोजित की गयी थी। डीवाईएफआई ने यह यात्रा 3 नवंबर को कूच बिहार से शुरू की थी और 50 दिन बाद 2200 किमी की दूरी तय करने के बाद कोलकाता के जादवपुर में जाकर समाप्त हुई।

सलीम के इस पूरे भाषण को सुनकर किसी के लिए भी यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं था कि पार्टी 39 वर्षीय डीवाईएफआई की राज्य सचिव मीनाक्षी मुखर्जी के नेतृत्व में युवा नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देने का मन बना चुकी है। अनायास नहीं सीपीएम के वरिष्ठ नेता बिमान बोस अक्सर मीनाक्षी को कप्तान कह कर बुलाते हैं। ब्रिगेड परेड ग्राउंड में मौजूद युवा कैडर भी मानसिक तौर पर सलीम के संकेतों को समझ रहे थे।

यह उस समय और पुख्ता हो गया जब डीवाईएफआई लीडर मीनाक्षी मुखर्जी को बोलने के लिए मंच पर बुलाया गया तो पूरा मैदान ‘मीनाक्षी जिंदाबाद’ के नारों से गूंज गया। और यह सिलसिला तकरीबन 20 मिनट तक जारी रहा। उन्होंने अपने भाषण में बीजेपी और तृणमूल पर जमकर हमला बोला।

पार्टी के एक बुजुर्ग नेता ने कहा कि सीपीएम के भीतर बहुत दिनों से इस रणनीति पर काम चल रहा है जिसके तहत युवा पीढ़ी को निर्णायक भूमिका लेने के लिए आगे बढ़ने के लिए कहा जा रहा है। खासकर लगातार मिल रहे चुनावी धक्के के बाद पार्टी इस नतीजे पर पहुंची। सलीम के संकेतों के बाद सेंट्रल कमेटी के सदस्य आभाष रायचौधरी ने मीनाक्षी और उनकी टीम की भूमिका को लेकर कुछ भी अंदाजा लगाने के लिए नहीं छोड़ा। 

सीपीएम के इस वरिष्ठ नेता ने कहा कि “नई पीढ़ी के आगे रहने के साथ बंगाल में वाम और लोकतांत्रिक आंदोलन के फिर से जिंदा होने की संभावना पैदा हो गयी है। उभार की यह संभावना बंगाल से बुरी ताकतों को बाहर फेंकने में मदद करेगी।” इस मौके पर बोस और सूर्यकांत मिश्रा श्रोताओं के साथ बैठे हुए थे।

मीनाक्षी ने अपने भाषण में बंटवारे की राजनीति और भ्रष्टाचार को दो सबसे बुरी चीजों के तौर पर चिन्हित किया। इसके साथ ही उनका कहना था कि लोगों और खास कर युवाओं को इंसाफ दिलाने के लिए इन दोनों के खिलाफ लड़ाई बहुत जरूरी है।

मीनाक्षी ने अपने भाषण में कहा कि कभी-कभी हम कालेजों की मांग, फैक्टरियों को खोलने या फिर सांप्रदायिक सद्भाव के लिए पैदल चलते रहे हैं…..लेकिन यह पैदल मार्च न्याय को सुनिश्चित करने के लिए था….हम लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हैं और न्याय के लिए यह लड़ाई एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। इसके साथ ही उन्होंने लेफ्ट के समर्थकों और चाहने वालों से इसको गिरफ्त में लेने के लिए अपने दायरे को बढ़ाने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने सांप्रदायिक बीजेपी और भ्रष्ट टीएमसी की हार को सुनिश्चित करने की भी अपील की।

रायचौधरी से लेकर सलीम और मीनाक्षी तक जिसने भी रविवार की इस रैली में बोला सभी ने युवाओं से एक रिश्ता स्थापित करने की कोशिश की। और इसके साथ ही उन्होंने उन्हें रोजगार मुहैया कराने की जरूरत पर बल दिया।

मीनाक्षी ने कहा कि “लड़ाई काम के लिए है। नकली लड़ाई (बीजेपी और टीएमसी के बीच की) से आगे बढ़िये और असली मुद्दों के लिए लड़िये।”

सलीम जो इस रैली में बोलने वाले आखिरी शख्स थे, युवाओं को उनके तात्कालिक कार्यभार को याद दिलाने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव के लिए कमर कस लेना है।

सलीम ने कहा कि हम 50 दिन पैदल चले हैं लेकिन अभी भी बहुत कुछ कवर किया जाना बाकी है। उन्होंने युवाओं को यह नसीहत भी दी कि रविवार के इस बेशुमार भीड़ से अभिभूत नहीं होना है।

सलीम ने कहा कि इंसाफ यात्रा केवल ब्रिगेड रैली से समाप्त नहीं होगी। बल्कि अभी यह यहां से शुरू हुई है। हमें अभी बंगाल के सुदूर इलाकों तक पहुंचना है।

डीवाईएफआई के मंच को पार्टी कैडर के लिए लोकसभा चुनाव से पहले संदेश भेजने के तौर पर इस्तेमाल करते हुए सलीम ने बीजेपी और टीएमसी पर जमकर हमला बोला। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पीएम मोदी के साथ पर्दे के पीछे की सेटिंग को एक बार फिर लोगों को याद दिलायी।

जेल में बंद नेताओं पार्थ चटर्जी और ज्योतिप्रिया मल्लिक की याद दिलाते हुए उन्होंने टीएमसी पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लेफ्ट के सूबे में सत्ता से हटने के बाद बंगाल का हर क्षेत्र में गिरावट आयी है। सलीम ने इस बात का आरोप लगाया है कि ममता का एकमात्र एजेंडा भतीजे अभिषेक बनर्जी की रक्षा करना है। और उन युवाओं की तरफ कोई ध्यान नहीं देना जो जीवनयापन के लिए राज्य को छोड़ने के लिए मजबूर हैं।

सलीम ने कहा कि बीजेपी के सत्ता में आने के बाद टीएमसी का बोलबाला बढ़ गया। अगर एक चोर को गार्ड बना दिया जाए तो फिर चोर को कौन पकड़ेगा। उन्होंने लोगों से लेफ्ट की तरफ लौटने के लिए कहा।  इसके साथ ही उन्होंने लोगों से इस बात के लिए सावधान रहने की अपील की कि दिल्ली अडानी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों को देश को सौंपने में व्यस्त है।

ब्रिगेड में स्टेज के पास एक बहुत बड़ा तिरंगा झंडा फहरा रहा था। मीनाक्षी ने बंगाल में लेफ्ट के भविष्य की संभावनाओं को लेकर क्रिकेट के मुहावरे का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि मैं जानती हूं कि यह टी-20 मैच नहीं है। लेकिन जब कुछ खिलाड़ी मैदान में उतरते हैं तो एक मैच बदलाव ला सकता है। 

( ज्यादातर इनपुट टेलिग्राफ से लिए गए हैं।) 

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