नई दिल्ली। महिला पहलवानों के मुद्दे पर गुरुवार को मुजफ्फरपुर के सोरम में हुई खाप पंचायत की बैठक में चौधरियों ने एक महापंचायत करने का निर्णय किया है। यह महापंचायत हरियाणा के कुरुक्षेत्र में होगी। उन्होंने यह भी कहा कि महापंचायत में खाप नेता जो भी फैसला करेंगे, वह सबको मंजूर होगा। टिकैत बालियान खाप के मुखिया हैं। महापंचायत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चौधरी मौजूद थे। इस पंचायत में किसान संगठनों के नेता भी शामिल थे।
राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि खाप पंचायत और लड़कियां हार नहीं मानेंगी। महापंचायत में जो भी निर्णय होगा हम उसका पालन करेंगे। सरकार 5 दिन के अल्टीमेटम को हल्के में न ले।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर चर्चा के लिए सोरम में खाप महापंचायत बुलाई गई थी। लेकिन इस पंचायत में कोई बड़ा फैसला लेने के पहले खाप पंचायतों ने कुरुक्षेत्र में एक महापंचायत बुलाई है।
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत के अनुरोध पर भारत के शीर्ष पहलवानों साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट ने अपने ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप पदकों को गंगा में विसर्जित करने की अपनी योजना को टाल दिया था।
वे 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। लेकिन रविवार को दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर उनके विरोध स्थल को खाली करा दिया था। जिसके बाद मामला और गंभीर हो गया।
तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसदीय दल की बैठक से वाकआउट किया
तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने गुरुवार को संसदीय समिति की बैठक से वाकआउट किया। क्योंकि समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद विवेक ठाकुर ने विभिन्न खेल महासंघों द्वारा महिला खिलाडिय़ों को मुहैया कराए जाने वाले सुरक्षा उपायों पर चर्चा करने की उनकी मांग को “बैठक के एजेंडे से बाहर” का बताया। टीएमसी सांसदों ने अध्यक्ष के इस रवैए के विरोध में स्थायी समिति की बैठक से बाहर निकल आए।
टीएमसी सांसद सुष्मिता देव और असित कुमार मल ने शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल पर स्थायी समिति की बैठक में महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाने के बाद वाकआउट किया और पूछा कि क्या विभिन्न खेल संघों में आंतरिक शिकायत समितियां हैं? और यदि हैं तो क्या वे सक्रिय हैं।
यह हमारे खेल इतिहास के सबसे काले पलों में से एक है: ओलंपियन शिवा केशवन
छह बार के शीतकालीन ओलंपियन शिवा केशवन ने कहा कि “मैं आईओए या एथलीटों के आयोग की ओर से बोलने के लिए अधिकृत नहीं हूं। लेकिन, एक एथलीट के रूप में, एथलीटों के अधिकारों के बारे में बोलने वाले और एथलीटों के आयोग के प्रतिनिधि के रूप में, मुझे कहना होगा कि यह हमारे खेल इतिहास के सबसे काले पलों में से एक है।”
(जनचौक की रिपोर्ट।)