झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर ईडी का बड़ा एक्शन, कई करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी

रांची। 3 दिसंबर को सुबह से ही झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू, आईएएस एवं साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव, रांची में ग्रिड आर्किटेक्ट के मालिक बिनोद कुमार, साहिबगंज में खोदनिया ब्रदर्स, देवघर में पूर्व विधायक पप्पू यादव, हजारीबाग डीएसपी राजेंद्र दुबे, अभय सरावगी के कोलकाता स्थित ठिकानों सहित कोलकाता में सिपाही अवधेश खुमार के यहां ईडी की छापेमारी चल रही है।

इसके पहले ईडी ने 29 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सातवां नोटिस भेज कर 31 दिसंबर तक का वक्त देकर कहा था कि आप ही पूछताछ के लिए उपयुक्त जगह तय करें। इसके लिए ईडी ने कहा था कि पूछताछ की कार्रवाई सात दिनों के अंदर पूरी करनी है। ईडी ने यह भी कहा था कि पत्र में लिखी बातें नहीं मानने की स्थिति में वह कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।

इस बावत ईडी द्वारा भेजी गयी नोटिस को मुख्यमंत्री ने ईडी पर राजनीति से प्रेरित होकर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया है। वहीं बार-बार भेजे जा रहे समन को गैरकानूनी बताया है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक नया आरोप ईडी पर लगाया है। उन्होंने कहा है कि ईडी उनका मीडिया ट्रायल करा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि 12 दिसंबर को भेजे गये पत्र में मुख्यमंत्री द्वारा दी गयी संपत्ति से संबंधित जानकारी के सिलसिले में ईडी ने कोई नयी सूचना नहीं मांगी है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की ओर से 12 दिसंबर को भेजे गये पत्र में यह कहा गया था कि उनकी और पारिवारिक संपत्ति वैध स्रोतों से खरीदी गयी हैं। सब कुछ आयकर में घोषित है। आयकर विभाग ने उनके द्वारा दाखिल किये गये ब्योरे पर किसी तरह की आपत्ति नहीं की है। इन सारे तथ्यों के बावजूद ईडी को अगर कोई अतिरिक्त जानकारी चाहिए, तो वह देने को तैयार हैं।

मुख्यमंत्री की ओर से 2 दिसंबर को दोपहर करीब 1:30 बजे कर्मचारी के माध्यम से ईडी को जवाबी पत्र भेजा गया। जानकारों के मुताबिक पत्र में पूछताछ की जगह नहीं बतायी गयी है। इसमें यह भी नहीं लिखा गया है कि वे अपना बयान दर्ज करायेंगे या नहीं।

इससे यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने पहले की तरह फिर पूछताछ के लिए हाजिर होने से अप्रत्यक्ष रूप से इनकार कर दिया है। इससे पहले 12 दिसंबर 2023 को भी भेजे गये पत्र में मुख्यमंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से पूछताछ के लिए हाजिर होने से इनकार कर दिया था।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 11 दिसंबर को ईडी का छठा समन भेजकर 12 दिसंबर को रांची स्थित ईडी के रीजनल ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया गया था।

इसके पहले उन्हें पहला समन 8 अगस्त को भेजकर 14 अगस्त को हाजिर होने का निर्देश दिया गया था। हाजिर न होने पर दूसरा समन 19 अगस्त को भेजा गया और 24 अगस्त को हाजिर होने का निर्देश दिया गया था। तीसरा समन 1 सितंबर को भेजकर 9 सितंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया गया था, लेकिन हेमंत तीसरे समन में भी हाजिर नहीं हुए।

इसके बाद ईडी ने चौथा समन 17 सितंबर को भेजा और 23 सितंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया, मगर चौथे समन में भी सीएम हेमंत सोरेन हाजिर नहीं हुए। उसके बाद पांचवा समन 26 सितंबर को भेजा गया तथा 4 अक्टूबर को हाजिर होने का निर्देश दिया गया, मगर इस समन पर भी वे हाजिर नहीं हुए थे।

आज ईडी द्वारा हो रही छापेमारी में ईडी की टीम बिरसा मुंडा कारा भी पहुंची है। इन तमाम छापेमारियों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक गलियारे में कयास लगाया जा रहा है कि यह सबकुछ ईडी द्वारा हेमंत सोरेन को दबोचने की तैयारी के तहत है, यानी हेमंत को जेल जाना तय है।

इस कयास में यह भी चर्चा है कि हेमंत जेल जाने से पहले सत्ता का कमान अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सौंप सकते हैं। जबकि हेमंत सोरेन ने इस चर्चे को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि इस तरह का प्रोपेगेंडा भाजपा की दिमागी उपज है।

वहीं पिछले 24 घंटे के भीतर झारखंड की राजनीति में उथल-पुथल के बाद लगभग सियासी हड़कंप मचा हुआ है। कहना ना होगा कि हेमंत सरकार पर एक बार फिर से संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हेमंत सोरेन पर जमीन घोटाला और अवैध खनन के आरोपों की तलवार लटक रही है। ऐसे में उन्होंने आज 3 जनवरी को विधायक दल की बैठक बुलाई है। चर्चा है कि इस बैठक में कल्पना सोरेन का नाम आगे किया जा सकता है।

(विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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