भारत जोड़ो न्याय यात्रा: इलाहाबाद और अमेठी में राहुल गांधी की सभाओं में उमड़ी युवाओं की भारी भीड़

नई दिल्ली। भारत जोड़ो न्याय यात्रा इस समय उत्तर प्रदेश में है। वाराणसी, प्रयागराज के बाद राहुल गांधी सोमवार को अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र अमेठी में थे। भाजपा ने अमेठी में राहुल गांधी की यात्रा और सभा को असफल करने की हर कोशिश की, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अमेठी बेजा गया। लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के तमाम अवरोधों के बावजूद राहुल गांधी की अमेठी की सभा में बारी भीड़ देखने को मिली। अमेठी ही नहीं वाराणसी और प्रयागराज में भी न्याय यात्रा में युवाओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।

दरअसल, राहुल गांधी जबसे शिक्षा और रोजगार का मुद्दा उठा रहे हैं, युवाओं का रूझान कांग्रेस और राहुल गांधी की तरफ बढ़ता दिख रहा है।

राहुल गांधी ने रविवार को इलाहाबाद शहर से अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा फिर से शुरू की। इलाहाबाद में यात्रा  का बहुत ही उत्साहपूर्ण स्वागत किया गया। दरअसल, इलाहाबाद में पूर्वांचल के हर जिले के छात्र पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। लेकिन मोदी सरकार ने उनके साथ छल किया। हर साल लाखों नौकरियों का वादा करके पहले से सृजित पदों पर भी भर्तियां रोक दी गई।

हंडिया के 22 वर्षीय हर्षवर्धन सिंह और फूलपुर की 30 वर्षीय शैलजा रानी एक ही बात कह रहे थे कि देश को मंदिरों से ज्यादा नौकरियों की जरूरत है।

रविवार को राहुल गांधी गांधी-नेहरू परिवार के पैतृक निवास आनंद भवन से यात्रा को शुरू किया। इस य़ात्रा में करीब 1.5 लाख की संख्या में लोग शामिल थे।  आनंद भवन के बाहर एक पुलिस इंस्पेक्टर ने  बताया, ”मैंने हाल के वर्षों में किसी भी कांग्रेस कार्यक्रम में इतनी बड़ी भीड़ नहीं देखी है।”

ऑफ द रिकॉर्ड बोलते हुए, उन्होंने खुद को एक राजनीतिक राय दी: “यह दर्शाता है कि लोग कांग्रेस को वापस चाहते हैं, लेकिन यह कांग्रेस पर निर्भर है कि वह इस यात्रा के बाद प्रतिक्रिया दे या फिर अपनी नींद में लौट जाए।”

राहुल के 60 वाहनों के काफिले को आनंद भवन के बाहर सड़क के पहले 30 मीटर को पार करने में लगभग 40 मिनट लगे, जबकि भीड़ उनकी खुली जीप को घेरे हुए थी। हर कोई उनसे हाथ मिलाना चाहता था।

एक महिला ने सुरक्षाकर्मियों द्वारा खुद को दूर करने के प्रयासों का विरोध किया और किसी तरह जीप के बोनट पर चढ़ गई और काफिले को आगे बढ़ने देने पर सहमत होने से पहले राहुल से कई बार हाथ मिलाया।

हालांकि भीड़ में पूरे इलाहाबाद जिले से बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे, लेकिन इसमें ज्यादातर आम मतदाता शामिल थे।

नौकरी की तलाश में स्नातक हर्षवर्द्धन ने कहा  कि “मैं जिले के हंडिया क्षेत्र से हूं। मैं अपने गांव के 15 बेरोजगार युवाओं के साथ राहुल की यात्रा का समर्थन करने आया हूं क्योंकि वह युवाओं के मुद्दे उठा रहे हैं।”

“हमने राहुल को टेलीविजन पर बेरोजगार युवाओं के समर्थन और मुद्रास्फीति के खिलाफ बोलते हुए सुना। ये मुद्दे हमें बहुत प्रभावित करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “मुझे नहीं पता कि इस देश के लोगों को क्या हो गया है कि वे राम मंदिर के अभिषेक पर नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन कर रहे हैं। हम भारत के जीवन में भगवान राम के महत्व से इनकार नहीं करते हैं, लेकिन एक इंसान राम को नहीं ला सकता – वह स्वयं आता है। राम को लाने का श्रेय कोई नहीं ले सकता।

शैलजा ने कहा कि “30 साल की उम्र के सैकड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें कई साल पहले स्नातक होने के बाद अभी तक नौकरी नहीं मिली है। हम खाली पेट भगवान की पूजा नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि राहुल अपनी बातों पर खरे उतरेंगे और जब भी उनकी पार्टी सत्ता में आएगी तो युवाओं के लिए पर्याप्त सरकारी नौकरियां पैदा करेंगे।

इलाहाबाद जिले के हरिसेनगंज गांव में रात भर रुकने के बाद यात्रा सोमवार को राहुल के पूर्व संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंची।  

अमेठी में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि “नरेंद्र मोदी के हिंदुस्तान में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों की कोई जगह नहीं है। देश के बजट के हर ₹100 में दो तिहाई आबादी का हिस्सा सिर्फ ₹6 है। इस वर्ग के साथ हो रहा भयंकर अन्याय देश को अंदर से खोखला बना रहा है। इसलिए देश को मज़बूत बनाने की दिशा में कांग्रेस दो क्रांतिकारी कदम उठाने जा रही है! पहला कदम है जातिगत जनगणना, जो देश का X-Ray होगा। दूसरा कदम धन-संसाधन की मैपिंग है, जिससे पता चल जाएगा कि किसके पास क्या है और कितना है। दो तिहाई वंचित आबादी को देश की तरक्की का भागीदार बनाए बिना भारत की समृद्धि असंभव है। कांग्रेस ‘भारत बनाने वालों’ के साथ न्याय कर एक सशक्त और समृद्ध भारत की नींव रखेगी।”

(जनचौक की रिपोर्ट)

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