ग्राउंड रिपोर्ट: सोनभद्र में दलित युवक की बेरहमी से पिटाई और थूक चटवाने की शर्मसार घटना

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश का सोनभद्र एक ऐसा जनपद है जो विकास के लिए नहीं बल्कि आदिवासी-दलित समाज के सुरक्षा, अधिकार, अस्मिता और मानवाधिकार के हनन के लिए गाहे-बगाहे देश की मीडिया की सुर्ख़ियों में रहता है। देश में दलित समाज के लोगों के उत्पीड़न के मामले थमता नहीं दिख रहे हैं। मध्य प्रदेश में आदिवासी युवक पर प्रवेश शुक्ला नामक व्यक्ति के द्वारा पेशाब किये जाने की अमानवीय घटना के अभी हफ्ते भर भी नहीं गुजरे कि, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में एक दबंग-मनबढ़़ लाइनमैन ने अपने मामा के घर आये दलित युवक की पिटाई कर दी। बेरहमी से मारपीट करने के बाद पीड़ित से कान पकड़कर उठक-बैठक कराई। इससे भी आरोपी का मन नहीं भरा तो पीड़ित को चप्पल पर थूककर चटवाया।

स्थानीय पुलिस भले ही अपराधियों में डर की बातें कर अपना दिल हल्का कर लेती हो, लेकिन दबंगों की गुंडई का खौफ इतना है कि अपने साथ हुई ज्यादती से पीड़ित इतना डर गया था कि उसने पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ एफआईआर लिखवाने तक से इनकार कर दिया। परिजनों के समझाने के बाद वह रिपोर्ट लिखवाने को तैयार हुआ। घटना के दो दिन बाद शनिवार को किसी ने वीडियो को पुलिस विभाग के अफसरों को टैग कर ट्वीट कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन सकते में आ गया और देशभर में सोनभद्र प्रशासन व यूपी सरकार की छीछालेदर होने लगी।

यह घटना सोनभद्र जनपद स्थित शाहगंज थानाक्षेत्र के बालडीह गांव में छह जुलाई, दिन गुरुवार की है। यह गांव घोरावल विधानसभा में पड़ता है। बालडीह गांव से महज 20-22 किमी दूर उम्भा बताया गया है। यह वही उम्भा है, जो 17 जुलाई 2019 को पूरे देश की सुर्खियों में छा गया था, जब आदिवासियों की नब्बे बीघे जमीन पर कब्जे को लेकर हुए विवाद में दबंगों ने गोली मारकर 11 आदिवासियों का क़त्ल कर दिया था।

बहरहाल, पिटाई फिर थूककर चप्पल चटवाने जैसी मानवता को शर्मशार करने वाली घटना को लेकर कानून और सरकार की किरकिरी हो रही है। पुलिस ने लाइनमैन तेजबली पटेल के बाद शनिवार को अजय पटेल, रवि यादव कोटवा और विश्राम विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, रविवार को पावर कॉरपोरेशन ने गिरफ्तार संविदा कर्मी को बर्खास्त भी कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से 120 किलोमीटर दूर सोनभद्र जनपद की राबर्ट्सगंज तहसील स्थित है। राबर्ट्सगंज से 20 किमी की दूरी पर शाहगंज बाजार है, और बाजार से पश्चिम में एक किमी दूरी पर शाहगंज पुलिस थाना स्थित है। ‘जनचौक’ की टीम रविवार को शाहगंज पुलिस थाने से 13 किमी दूर स्थित बालडीह गांव पहुंची, जहां घटना घटित हुई है। दलित युवक के साथ अमानवीय व्यवहार को लेकर दुःखी-आक्रोशित परिजन व गांव की महिलाएं, पुरुष और युवाओं ने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी।

पीड़ित के दरवाजे पर जुटी दलित समाज की महिलाएं।

गांव में आरोपियों के प्रति आक्रोश और गुस्सा है। ग्रामीणों का कहना है कि बालडीह के माथे से अमानवीय घटना का दाग तभी मिट सकता है जब सरकार पीड़ित दलित युवक को सम्मान से जीने के लिए सरकारी नौकरी और 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगी।

क्या है पूरा मामला?

राबर्ट्सगंज थाना क्षेत्र के बहुआर गांव निवासी राजेंद्र (30) अपने मामा के घर शाहगंज थानाक्षेत्र के बालडीह आये थे। गुरुवार को दोपहर दो बजे गांव के बियार बस्ती में बिजली खराबी की समस्या देखने गए थे।

इसके बाद का घटनाक्रम मौके पर उपस्थित रहे बालडीह गांव के सत्तर वर्षीय भगवतुदीन ‘जनचौक’ से बताते हैं, “दोपहर के तीन बज रहे होंगे। हलकी धूप और उमस थी। मैं बाल्टी लेकर पानी लेने लिए बिजली पोल के पास लगे हैंडपंप पर आ रहा था। हैंडपंप की सामने वाली गली से राजेंद्र गुजर रहा था। इतने में मोटर साइकिल से लाइनमैन तेजबली एक युवक के साथ आ गया। वह आते ही आनन-फानन में गाड़ी खड़ा कर अपने साथ आये युवक से मोबाइल पर वीडियो बनाने के लिए कहकर राजेंद्र के गले पर झपट्टा मारकर जमीन पर पटक दिया। फिर उसे लात-घुसे से बेरहमी से पीटने लगा। जैसे लग रहा था कि उसके सिर पर खून सवार है।”

भगवतुदीन आगे बताते हैं, “वह इतनी निर्दयता से मारे जा रहा था कि राजेंद्र कुछ बोल भी नहीं पा रहा था। मिनट-दो मिनट पर उसके मुंह से दुःख-तकलीफ भरी गहरी आह निकलती। यह सुनकर मेरा ह्रदय कांप गया। मुझे डर था कि कहीं वह (राजेंद्र) मर ना जाए। इतने पर भी वह नहीं रुका। राजेंद्र के सीने पर चढ़ बैठा और गंदी-गन्दी गाली देने के साथ तकरीबन 20 मिनट तक मारता-पीटता रहा, जब तक कि वह लगभग बेहोश और जमीन पर निढाल नहीं हो गया। मैंने बचाने का प्रयास किया, लेकिन लाइनमैन तेजबली सिंह पटेल अपनी गुंडई के आगे मेरी एक न सुनी।”

घटनास्थल को दिखते चश्मदीद बुजुर्ग भगवतुदीन।

‘गांव के सभी लोग हैं दुःखी’

बुजुर्ग भगवतुदीन आगे कहते हैं “गांव में मारने के बाद तेजबली ने राजेंद्र को घसीट कर अपनी बाइक पर बैठाकर 13 किमी दूर शाहगंज (स्थानीय बाजार, यहीं बिजली का फीडर भी है) ले गया। वहां ले जाकर राजेंद्र के रुपये-पैसे भी छीन लिए। इसके बाद राजेंद्र को उठक-बैठक के साथ चप्पल पर थूककर चटवाया। इस घटना से पूरा गांव शर्मशार हो गया है। हिताई-नातेदारी में आये लड़के के साथ हम लोगों के गांव में इस तरह से मारपीट और गाली-गलौच से सभी लोग दुःखी हैं। हम लोग सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी से कार्रवाई की मांग करते हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना देखने को न मिले। सरकार पीड़ित को सरकारी नौकरी दे।”

पीड़ित के घर सन्नाटा

इधर, बेलाडीह गांव के आखिरी छोर पर तकरीबन 40 से 50 की संख्या में दलित परिवार बसा है। घटना के बाद से दलित बस्ती में सन्नाटा पसरा हुआ है। घटना के बाद सहमे दलित समाज के लोग बस्ती में नहीं है। महिलाएं इकठ्ठा होकर पीड़ित राजेंद्र मामा के कच्चे घर के बाहर बैठी समय काट रही हैं। महिलाओं ने बताया कि सभी लोग थाने गए हैं।

दलित समाज की सुमित्रा देवी ने बातचीत में बताया कि “राजेंद्र को गांव के दूसरी छोर पर अकेला पाकर गुंडों ने बेरहमी से पीटा। राजेंद्र अपने मामा के यहां आये हुए थे। अपने मामा का लाइन जोड़े। फिर इसके बाद बिक्कू (बीडीसी) ने बुलाकर अपनी लाइन जोड़ने के लिए कहा। इसी सिलसिले में राजेंद्र गांव के दूसरी तरफ चले गए। तभी किसी ने फोन कर लाइनमैन तेजबली को बताया कि राजेंद्र लाइन जोड़ने जा रहा है।”

पीड़ित के दरवाजे के सामने सड़क पर बैठी सुमित्रा।

‘भ्रष्ट और लालची है तेजबली’

सुमित्रा देवी ने आगे बताया “लाइनमैन तेजबली भ्रष्ट और पैसे का लालची आदमी है। वह गांव वालों से रिश्वत लेकर काम करता है। बिजली विभाग के नियमों के खिलाफ जाकर मनमाने तरीके से उगाही करता है। पैसे लेकर बिजली का कनेक्शन देता है। फिर 10-15 दिन बाद बिजली बिल की मांग कर कनेक्शन काट देता है। उसने सिर्फ लाइट का कनेक्शन करने के लिए मुझसे 3,000 रुपये लिए। बिजली तो जल रही है, लेकिन उसने आज तक बिजली कनेक्शन की पर्ची नहीं दी है और कहीं से लेकर पुराना व क्षतिग्रस्त बिजली का मीटर लगाया है। मेरे समाज के युवक से मारपीट और थूककर चटवाने के मामले में तेजबली को कठोर सजा मिलनी चाहिए।”

अंधेरे में गांव के 500 लोग

बालडीह गांव के शारदा प्रसाद के अठारह वर्षीय बेटे आशुतोष कुमार के घर बिजली नहीं जलती है, उनके परिवार के लोग लगभग नौ महीने से अंधेरे में गुजर-बसर करने को विवश हैं। वह शिकायती लहज़े में कहते हैं “लाइनमैन तेजबली और अन्य बिजलीकर्मी आते हैं, बिजली बिल के नाम पर बिजली काट देते हैं। तेजबली 500 सौ रुपये मांगता है। देने पर अधिकतम एक हफ्ते बिजली जलती है। कुछ ही दिनों बाद दोबारा रुपये मांगता है और न देने पर कनेक्शन काट देता है।”

आशुतोष बताते हैं, “यही अवैध वसूली तेजबली की कमाई का जरिया है। इसमें वह बिजली के अन्य अधिकरियों को मिलाया हुआ है। गांव में पचास से अधिक लोग होंगे, जिनका तेजबली ने छह महीने से अधिक समय से वसूली के लिए कनेक्शन काट रखा है। लाइनमैन की ज्यादती से महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग, छात्र-छात्राएं परेशान हैं। गांव की 500 से ज्यादा की आबादी बड़ी मुश्किल से रात गुजारते आ रही है। रात में बिजली नहीं होने से मेरी पढ़ाई-लिखाई चौपट हो रही है।”

गांव में लगा बिजली विभाग के सौभाग्य योजना का बोर्ड।

छह जुलाई को तेजबली ने हद पार कर दी

आशुतोष आगे कहते हैं कि “तेजबली अपराधी और गुंडा प्रवृत्ति का आदमी है। वह बालडीह के दो-तीन लोगों से मारपीट कर चुका है। करीब तीन महीने पहले अपना कनेक्शन जोड़ रहे नेपाली मुस्लिम नाम के युवक को भी बड़ी बेरहमी से पीटा था। गांव के सभी लोग उसकी ज्यादती से तंग हैं। पिटाई के बाद नेपाली ने थाने में शिकायत नहीं की। तेजबली की थाने में शिकायत नहीं होने से वह मनबढ़ हो गया था। अभी छह जुलाई को उसने हद पार कर दी।”

लूटपाट और जान से मरने की धमकी

तेजबली व उसका साथी अजय पटेल और रवि यादव की गुंडई यहीं नहीं थमी। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार तीनों ने पीड़ित राजेंद्र से लूटपाट भी की। आरोपियों ने राजेंद्र से मारपीट करते हुए जान से ही मार देनी की धमकी देते हुए उससे 2200 रुपये भी छीन लिये। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है। साथ ही पीड़ित युवक व उसके परिवार की सुरक्षा के लिए घर पर पुलिस की तैनाती की गई है।   

पीड़ित को मिले सरकारी नौकरी व 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता

स्थानीय प्रधानपति कमलेश अपने गांव में हुई मानवता को शर्मशार करने वाली घटना को लेकर आरोपियों के खिलाफ आक्रोश और गहरी नाराजगी व्यक्त करते हैं। वह बताते हैं “राजेंद्र वहां खड़ा था। उसने लाइन को जोड़ा नहीं था। घटना के वक्त गांव के बीडीसी भी मौजूद थे। दलित समाज के लोगों के आये-दिन उत्पीड़न की घटनाएं होती हैं, मैं आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई चाहूंगा।”

बालडीह प्रधान पति कमलेश यादव।

कमलेश आगे कहते हैं “अगर पीड़ित ने लाइन जोड़ने का प्रयास भी किया था तो मारपीट, थूककर चटवाने और जान से मारने की धमकी देने वाले आप होते कौन हैं? आप पुलिस में शिकायत दिए होते। पुलिस-प्रशासन अपना काम करती है। मेरे गांव में खुलेआम गुंडई मैं नहीं बर्दाश्त करूंगा। पीड़ित युवक का मान-सम्मान चला गया। वह कल को आत्महत्या कर लेगा तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? मेरी सरकार से मांग है कि राजेंद्र को एक सरकारी नौकरी और कम से कम 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए। जिससे वह अपने जीवन को सामान्य तरीके से जी सके और आगे बढ़ सके।”

पीड़ित के गांव में पुलिस तैनात

शाहगंज थाना प्रभारी केएन मौर्य ने “जनचौक” को बताया कि “इस मामले में तेजबली पटेल के साथ अजय पटेल और रवि यादव भी गया था। सभी ने आरोपी के साथ मारपीट करते हुए वीडियो बनाया और उसे इंटरनेट पर प्रसारित किया। इसके अलावा बालडीह गांव का निवासी विश्राम विश्वकर्मा फोन कर इन तीनों को बुलाया था। घटना को अंजाम देने में इन सभी ने सहयोग किया। पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए दलित उत्पीड़न, पिटाई, लूटपाट समेत अन्य धाराओं में मुक़दमा पंजीकृत कर सभी आरोपियों को गिरफ़्तार कर कड़ी क़ानूनी कार्रवाई में जुटी है।”

राबर्ट्सगंज कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि “पीड़ित युवक बउआर का रहने वाला है। पीड़ित के घर से कुछ दूर सुरक्षा के मद्देनजर फ़ोर्स तैनात कर दी गयी है। वहां आने-जाने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।”

(सोनभद्र से पवन कुमार मौर्य की ग्राउंड रिपोर्ट।)

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