झारखंड सरकार ने ईडी को भेजा पत्र, पूछा- किस अपराध में भेजे जा रहे हैं समन?

रांची। ईडी द्वारा भेजे जा रहे समन और छापेमारी पर झारखंड सरकार ने ईडी को पत्र भेज कर यह पूछा है कि किस अपराध (शिड्यूल ऑफेंस) में उन्हें समन भेजा जा रहा है? अधिकारियों को भेजे गये समन की समीक्षा और कानूनी राय के बाद सरकार की प्रधान सचिव वंदना डाडेल ने ईडी को यह पत्र भेजा है।

पत्र में कहा गया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने गृह विभाग द्वारा सरकार को यह सूचित किया है कि ईडी ने पीएमएलए की धारा-50(2) के तहत प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के समन भेजा है। तीन जनवरी को साहिबगंज के उपायुक्त, जेल के वार्डन के ठिकानों पर छापेमारी भी की गयी है। इसके बाद उन्हें समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया भी गया है।

ईडी द्वारा साहिबगंज के तत्कालीन एसपी नौशाद आलम सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को समन भेजा गया है। हैरानी की बात यह है कि ईडी द्वारा सरकारी परिसरों में छापेमारी की गयी और अधिकारियों को समन किया गया। लेकिन इसकी सूचना राज्य सरकार को नहीं दी गयी।

पत्र में यह भी लिखा है कि ईडी द्वारा भेजे गये कुछ समन से यह पता चलता है कि समन किये गये अधिकारियों को विजय हांसदा व अन्य के मामले में बयान देने की जरूरत है। इस मामले में कानूनी राय मांगी गयी। सरकार को दी गयी कानूनी राय में यह कहा गया है कि शिड्यूल ऑफेंस के सिर्फ वैसे मामलों की जांच पीएमएलए के तहत की जा सकती है, जिसमें अवैध धनोपार्जन हुआ हो।

निदेशालय द्वारा भेजे गये समन की समीक्षा से यह स्पष्ट नहीं होता है कि जिन्हें समन किया गया है, उन्होंने कौन सा अपराध किया है, जिसमें धनोपार्जन हुआ है? समन से यह भी स्पष्ट नहीं होता है कि जिन्हें समन किया गया है, उन्हें गवाह या किसी और रूप में बुलाया गया है।

इस स्थिति को देखते हुए पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने गत 12 दिसंबर, 2023 को पत्र भेज कर कुछ बिंदुओं को स्पष्ट करने को कहा था। निदेशालय से यह जानकारी मांगी गयी थी कि किस शिड्यूल व प्रेडिकेट ऑफेंस में समन भेजा जा रहा है। किस थाने में दर्ज प्राथमिकी में वर्णित अपराध में अवैध धनोपार्जन हुआ है, जिसमें पीएमएलए के तहत जांच शुरू की गयी? ईडी को लिखे गये पत्र में इन बिंदुओं को स्पष्ट करने को कहा गया है, ताकि सरकार के स्तर पर उचित कार्रवाई की जा सके।

ईडी की ओर से भेजे गये समन के आलोक में साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव पूछताछ के लिए 11 जनवरी को हाजिर नहीं हुए। उन्होंने ईडी को पत्र लिख कर यह सूचित किया है सरकार द्वारा लिये गये फैसले के आलोक में वह बिना अनुमति के पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हो सकते हैं।

ईडी ने 3 जनवरी को उपायुक्त के आवास पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान 7.25 लाख रुपये नकद और 26 गोलियां जब्त की गयी थीं। छापेमारी के बाद ईडी ने समन भेज कर उपायुक्त को 11 जनवरी को रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया था।

ईडी को लिखे पत्र में ईडी द्वारा भेजे समन के उल्लेख में विजय हांसदा प्रकरण में वैभव कुमार को भेजे गये समन, विजय हांसदा प्रकरण में साहिबगंज के एसपी नौशाद आलम को भेजे गये समन, विजय हांसदा प्रकरण में हटिया डीएसपी राजा मित्रा को भेजे गये समन, राम निवास यादव, साहिबगंज उपायुक्त को भेजे गये समन, अवधेश कुमार यादव और जेल वार्डन को भेजा गया समन का जिक्र है।

विजय हांसदा के बारे बता दें कि झारखंड के साहिबगंज जिले में कथित रूप से 1000 करोड़ के अवैध खनन व मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जो जांच ईडी कर रही है उसका विजय हांसदा गवाह है।

विजय हांसदा जिले के मिर्जाचौकी थाना अंतर्गत भवानी चौकी का रहने वाला है। शुरुआती दौर में जब ईडी साहिबगंज कई पत्थर व्यवसायियों के ठिकाने पर छापेमारी की थी, उन्हीं में से एक विष्णु यादव उर्फ छोटू यादव के माइंस, क्रेशर को भी सील किया था। विजय हांसदा ग्राम प्रधान है, जिसमें जब्ती सूची में हस्ताक्षर भी किया था।

विजय हांसदा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अवैध खनन को लेकर पंकज मिश्रा, विष्णु यादव उर्फ छोटू एवं विष्णु का छोटा भाई पवित्र यादव पर आय से अधिक संपत्ति मामले में ऑनलाइन केस किया था। लेकिन पुलिस प्रशासन ने इसका केस लेने से इनकार कर दिया था।

बता दें विजय हांसदा ईडी का गवाह बना था, लेकिन पुलिस ने 11 नवंबर 2023 को आर्म्स एक्ट मामले में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। ईडी ने साहिबगंज मंडल कारा में बंद विजय हांसदा से दिसंबर में ही विजय हांसदा से पूरे मामले में पूछताछ कर चुकी है।

जबकि खबर है कि विजय हांसदा ईडी की गवाह बनने से मुकर चुका है। बताया जाता है कि ईडी की कार्रवाई कहीं ना कहीं राजनीति से प्रेरित है, जिसपर हेमंत सोरेन ने भी बयान दे चुके हैं।

देश की कई बड़ी हस्तियों पर ईडी की दबिश

2024 के पहले सप्ताह से ही झारखंड सहित देश की कई बड़ी हस्तियों पर ईडी की फिर से दबिश की शुरूआत हो गई है। साल के प्रारंभ में 2 जनवरी 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा गया। वहीं 3 जनवरी को रांची और राजस्थान के 10 ठिकानों पर सुबह-सुबह ईडी ने छापा मारा। इन छापेमारी में अधिकतर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों के ठिकाने पर मारे गए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीन बार समन भेजने के बाद भी वे पूछताछ के लिए नहीं आए हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सात बार ईडी का समन भेजने के बाद भी वे पूछताछ के लिए नहीं आए हैं।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खनन लीज मामले में ईडी पूछताछ के लिए बुला रही है। इसके लिए ईडी द्वारा सात समन भेजा जा चुका है। लेकिन हेमंत सोरेन पूछताछ के लिए नहीं गए, वहीं ईडी की इस कारवाई को राजनीति से प्रेरित बताया।

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री को शराब घोटाला मामले में ईडी ने पूछताछ के लिए समन भेजा, जिसे उन्होंने गैर कानूनी बताया है। साथ ही अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उन्हें गिरफ्तार कराने के लिए यह केंद्र सरकार की साजिश है। इसी मामले में दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले से ही जेल में है।

साल 2023 में नौकरी के बदले जमीन मामले में ईडी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के ठिकानों पर भी ईडी पहले छापेमारी कर चुकी है। लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना बताया जाता है। यह मामला उस वक्त का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे।

दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी। बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था।

ईडी की कार्रवाई से तमिलनाडु सरकार भी नहीं बच सकी है। जुलाई 2023 में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी के घर और अन्य संपत्तियों की तलाशी ली थी।

बताया जाता है कि पोनमुडी ने अपने पिछले कार्यकाल में मंत्री रहते हुए अपने बेटे और बेनामी को अवैध रूप से लाल रेत खनन के ठेके आवंटित किए थे, इसी को लेकर हुई शिकायतों को आधार बनाकर ईडी द्वारा कारवाई की गई है।

देश के कई राज्यों में ईडी की छापेमारी आए दिन हो रही है। महाराष्ट्र, राजस्थान, यूपी, बंगाल समेत कई राज्यों में कई मंत्रियों के नाम घोटाले में सामने आते हैं जिसके खिलाफ ईडी जांच कर रही है। इसी क्रम में झारखंड और दिल्ली के मामले सामने आ रहे हैं।

(विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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