कर्नाटक: ईद-उल-अजहा से पहले प्रियांक खड़गे की चेतावनी असर कर रही है

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कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खड़गे एक बार फिर से सुर्ख़ियों में हैं। इस बार ईद-उल-अजहा जिसे कुर्बानी का त्योहार और आम बोलचाल की भाषा में बकरीद के नाम से जाना जाता है, 28-29 जून को पड़ रहा है। इसको लेकर राज्य में शांति व्यवस्था को बनाये रखने के लिए मंत्री ने पहलकदमी ली है। हिंदी के एक कथित राष्ट्रीय मीडिया में खबर है कि कुछ दिन पहले मंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से बजरंग दल और गौ-रक्षकों को कड़ी चेतावनी देते हुए पुलिस अधिकारियों से कहा था कि जो लोग भगवा गमछा पहनते हैं, वे कानून को अपने हाथ में लेकर कहते हैं कि वे फला ‘दल’ के हैं, ऐसे लोगों को पीटकर सलाखों के अंदर डाल दें।

खड़गे ने एक अन्य बयान में कहा है कि पशुधन की आवाजाही के लिए परिवहन पर बेहद स्पष्ट कानून है। ऐसा करने वालों के पास इसके लिए वैध दस्तावेज होने चाहिए। कुछ महीने पहले रामनगर में एक पशु व्यापारी की हिंदुत्व चरमपंथी पुनीत केरेहल्ली द्वारा कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी। सीएम सिद्धारमैया ने उनके परिवार को 25 लाख का मुआवजा दिया। क्योंकि सांप्रदायिक झड़पों के कारण उनकी हत्या कर दी गई थी। 

हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार के बाद से कर्नाटक राज्य में हिन्दुत्ववादी शक्तियों को एक के बाद एक कर अशक्त करने की मुहिम कांग्रेस सरकार के द्वारा ली गई है। संभवतः कई दशकों बाद केंद्र या राज्य में कांग्रेस पार्टी ने ऐसा रुख दिखाया हो। हाल के वर्षों में कर्नाटक में हिन्दुत्ववादी शक्तियां बेहद सक्रिय थीं, और पूर्ववर्ती बोम्मई सरकार के साथ-साथ गौ-रक्षकों, हिंदू वाहिनी सेना की तूती बोल रही थी।

बकरीद के त्योहार में शांति-व्यवस्था को भंग करने की कोशिशों के मद्देनजर मंत्री प्रियांक खड़गे ने स्पष्ट चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि “किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम कानून का पालन करेंगे। अगर बीजेपी को कानून का पालन करने में दिक्कत है तो उन्हें परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। बीजेपी को देश के कानून का पालन करने में दिक्कत क्यों है?”

कर्नाटक के एक अन्य मंत्री ईश्वर खंद्रे ने कहा, “भाजपा के लोग बेरोजगार हो गए हैं, उनके पास करने के लिए कोई काम नहीं है और यही कारण है कि वे विलाप कर रहे हैं।’ हम सुशासन देना चाहते हैं और हम इसे कर के रहेंगे।’ हम लोगों से केवल कानून का पालन करने के लिए कह रहे हैं।

इससे पूर्व कर्नाटक की राज्य भाजपा ईकाई ने प्रियांक खड़गे के गौ-रक्षकों द्वारा कर्नाटक में कानून हाथ में लेने पर चेतावनी जारी करते हुए पुलिस प्रशासन को असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। कर्नाटक भाजपा ईकाई ने ट्वीट कर बकरीद में कर्नाटक में गौ हत्या की छूट से जोड़कर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कटघरे में खड़ा कर कर्नाटक में भ्रम फैलाने के लिए माहौल बनाने का प्रयास किया। 

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 48 स्पष्ट रूप से जानवरों के वध पर प्रतिबंध लगाता है, खासकर सार्वजनिक स्थानों पर।

कर्नाटक भाजपा ने कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे पर आरोप लगते हुए एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें मंत्री राज्य के पुलिस प्रशासन को गौ-रक्षकों द्वारा कानून हाथ में लेने की सूरत में कड़ी कार्रवाई की हिदायत दे रहे हैं।

अपने ट्वीट में कर्नाटक भाजपा ने कहा है, “भारतीय संविधान का अनुच्छेद 48 स्पष्ट रूप से जानवरों के वध पर प्रतिबंध लगाता है, विशेषकर सार्वजनिक स्थानों पर इसके लिए स्पष्ट पाबंदी है। किंतु प्रियांक खड़गे न केवल अवैध गौ-हत्या को बढ़ावा देकर अपनी ताकत का दुरुपयोग कर रहे हैं, बल्कि पुलिस अधिकारियों पर इसका विरोध करने वालों को गिरफ्तार करने का दबाव भी डाल रहे हैं। ऐसे में स्वयंभू संविधान विशेषज्ञ सिद्धारमैया को यह बताना चाहिए कि क्या यह बाबा साहब के बनाये भारतीय संविधान का उल्लंघन है या नहीं। यदि नहीं, तो दोनों को भारतीय संविधान के बारे में शिक्षित होने की जरूरत है।”

प्रियांक खड़गे ने कर्नाटक भाजपा के इस ट्वीट को साझा करते हुए जवाब में लिखा है, “प्रिय @बीजेपी4कर्नाटक समय आ गया है, जब आपको अपनी उस एजेंसी को बर्खास्त कर देना चाहिए, जो आपकी पार्टी का ट्विटर हैंडल संभाल रही है। साफ़ है, कि उसे कन्नड़ नहीं समझ आती, संविधान को समझना तो बहुत दूर की बात है। क्या भाजपा यह सुझा रही है कि गौ-रक्षा कानूनन सही है और किसी भी प्रकार की निगरानी करने वालों को कानून तोड़ने के लिए उकसाया जाना चाहिए? कोशिश करके देख लो मेरे दोस्तों, कर्नाटक सरकार तुम्हें संविधान की ताकत दिखाएगी।”

भारतीय मुसलमानों के लिए ईद-उल-जुहा और ईद-उल-अजहा दो प्रमुख त्योहार होते हैं। सोशल मीडिया पर यदि निगाह डालें तो बड़ी संख्या में आपको बकरे की कुर्बानी पर चिंता करने वाले ट्वीट मिल जायेंगे। कुछ वर्षों पहले तक ऐसा नहीं था। लेकिन अब भारत के मुसलमानों को जितनी उत्सुकता से इन त्योहारों का इंतजार रहता है, ऐसा लगता है कि आईटी सेल को भी बकरीद का बेसब्री से इंतजार रहता है। 

उत्तर-प्रदेश के मुरादाबाद जिले में बजरंग दल ने शहर में बकरीद के अवसर पर गौ-हत्या के खिलाफ प्रदर्शन निकाला है। मुस्लिम समुदाय ईद-उल-अजहा त्योहार में बकरे की कुर्बानी देते हैं, और एक हिस्सा जरुरतमंदों में बांटने की परंपरा रही है। शहरों में यह सब संभव नहीं रहा, लेकिन छोटे शहरों और कस्बों में आज भी कुर्बानी देने का रिवाज है। लेकिन बकरीद के मौके पर गौ-वंश की रक्षा के लिए प्रदर्शन करने का क्या औचित्य है, यह यूपी प्रशासन ही समझ सकता है। 

लेकिन यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में तमाम हिंदू-मुस्लिम त्योहार शांति और सद्भाव से मनाने के लिए तमाम राज्यों के प्रशासन को कानून के प्रति जागरूक, संवेदनशील और धर्मनिरपेक्ष बनाये बिना उन्मादी ताकतों के खतरनाक मंसूबों को ध्वस्त कर पाना बेहद कठिन होने जा रहा है। कर्नाटक में कांग्रेस इसके लिए आगे बढ़कर पहल कर रही है, और देश के लिए नजीर पेश कर रही है। 

(रविंद्र पटवाल जनचौक की संपादकीय टीम के सदस्य हैं।)

5Comments

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  1. 1
    Kaushal shukla

    कॉग्रेस सरकार देश की सबसे , भ्रष्ट सरकार है तुमारी औकात है मुसलमानो को चेतवानी देने की दोगलो

  2. 3
    Amit Kumar

    Tum chor, gaddar congressi log ek bomb book padh kar aaye ho, jise osama bin laden ne bhi padha tha, tum logo ki soch, khoon mai hi dusre comunity ko preshan karna likha hai. Do your JOB Gaddaron, Deshdrohiyon, Namak haramon, jis desh ka khoage use hi barbad karoge

  3. 5
    Yuva Rudra

    अच्छा पशु क्रूरता इस समय भाड़ में गई….अब नेक्स्ट दिवाली में पटाखों, होली में रंगों और यहां तक कि रक्षा बंधन में राखी पर सब याद आएगा 🤣🤣🤣🤣 सही है 👍

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