मणिपुर: 10 कुकी-ज़ो-हमर विधायकों ने पीएम को लिखा पत्र, कट्टरपंथी मैतेई समूह द्वारा उत्पीड़न की शिकायत की

नई दिल्ली। मणिपुर में पिछले साल 3 मई से जारी हिंसा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार भी राज्य के दौरे पर नहीं गए हैं। अब राज्य के दस कुकी-जो-हमर विधायकों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर उनसे राज्य के हालात पर दखल देने की मांग की है। पत्र में उन्होंने मैतेई समुदाय द्वारा उत्पीड़न करने की शिकायत की है। इसके अलावा उन्होंने राज्य में फैली अराजकता की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए लिखा है कि हालात बद से बदतर हो गए हैं।

विधायकों ने सोमवार 29 जनवरी को मोदी को दो पन्नों के ज्ञापन में इंफाल के कांगला किले में 24 जनवरी की बैठक का उल्लेख किया जहां एक कट्टरपंथी मैतेई समूह अरामबाई तेंगगोल ने 37 मैतेई विधायकों और दो सांसदों को शपथ लेने के लिए मजबूर किया जो निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में भारत के संविधान के तहत ली गई शपथ का उल्लंघन था। आरोप है कि कांगला किले के अंदर और बाहर भारी सुरक्षा के बीच अरामबाई तेंगगोल समूह ने “तीन मैतेई विधायकों को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया और उन पर शारीरिक हमला भी किया गया”।

विधायकों और सांसदों ने मणिपुर की अखंडता की “रक्षा” करने की शपथ ली, जिसे कुकी-जो समुदाय की अपने समुदाय के लिए एक अलग प्रशासन की निरंतर मांग की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जाता है क्योंकि उन्हें हिंसा के दौरान मैतेई-बहुल घाटी में निशाना बनाया गया था।

हिंसा की शुरुआत से ही अरामबाई तेंगगोल समुदाय पर कुकी-ज़ो समुदाय ने एक कट्टरपंथी सशस्त्र समूह होने का आरोप लगाया है। जिसने इंफाल घाटी में कुकी-जो समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाया था जिसके बाद कुकी जो समुदाय के लोग अपनी सुरक्षा को देखते हुए मैतेई समुदाय के साथ नहीं रह सकते थे। इसलिए, 10 विधायकों के इस समूह और अन्य समुदाय-आधारित संगठनों ने अलग प्रशासन की मांग की।

हालांकि, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह अपने कानून निर्माता सहयोगियों के सार्वजनिक उत्पीड़न पर चुप्पी बनाए हुए हैं। ऐसी भयावह परिस्थितियों में अल्पसंख्यक आदिवासियों, मुस्लिमों, मारवाड़ियों, बिहारियों और अन्य लोगों के साथ वहां क्या होता होगा इसकी सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है, जहां अरामबाई तेंगगोल समूह मणिपुर प्रशासन से अलग एक समानांतर सरकार चला रही है।

मुख्यमंत्री किले में बैठक में शामिल नहीं हुए। मणिपुर में 60 विधायक हैं, जिनमें से 40 मैतेई हैं, जिनमें तीन मैतेई पंगल (मुस्लिम) भी शामिल हैं।

मणिपुर में 3 मई, 2023 को भड़की हिंसा के बाद पीएम मोदी ने राज्य का दौरा नहीं किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मिजोरम चुनाव के दौरान और हाल ही में मणिपुर के थौबल जिले में चल रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान यह मुद्दा उठाया था। राज्य में चल रहे संघर्ष में अब तक कम से कम 206 लोगों की मौत हो चुकी है और 67,000 से अधिक लोग अपना घर छोड़ कर जा चुके हैं। हालात अभी भी सामान्य होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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