कैश-फॉर-क्वेरी मामला: संसद की आचार समिति के सामने पेशी के लिए महुआ मोइत्रा ने 5 नवंबर तक का मांगा वक्त

नई दिल्ली। कैश-फॉर-क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की आचार समिति से कहा है कि वो 4 नवंबर के बाद ही समिति के सामने पेश हो सकती हैं। उन्होंने समिति के समन का जवाब देते हुए ऐसा कहा। समिति ने टीएमसी सांसद को गुरुवार 26 अक्टूबर को एक समन भेज कर 31 अक्टूबर को समिति के सामने पेश होने के लिए कहा था। समन के एक दिन बाद यानी शुक्रवार को समन के जवाब में उन्होंने कहा कि वह 4 नवंबर तक अपने पूर्व-निर्धारित निर्वाचन क्षेत्र के कार्यक्रम में व्यस्त हैं और कार्यक्रम समाप्त होने के बाद ही समिति के सामने पेश हो सकती हैं। अपने गृह राज्य पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा समारोह के कारण, वह पहले से ही कार्यक्रमों और बैठकों के लिए प्रतिबद्ध हैं।

महुआ मोइत्रा पर सदन में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने का आरोप है। इस विवाद के बीच, महुआ मोइत्रा ने दावा किया है कि लोकसभा आचार समिति ने समन, नोटिस, शिकायतें और हलफनामे उन्हें आधिकारिक पत्र ईमेल किए जाने से पहले ही मीडिया को जारी कर दिए गए थे।

उन्होंने एक्स पर पोस्ट करके बताया कि “चेयरमैन, एथिक्स कमेटी ने मेरे 31 अक्टूबर समन की घोषणा लाइव टीवी पर 19:20 बजे, आधिकारिक पत्र मुझे ईमेल किए जाने से काफी पहले की थी। सभी शिकायतें और स्वत: संज्ञान संबंधी हलफनामे भी मीडिया को जारी कर दिए गए थे।

मोइत्रा ने बताया कि उन्होंने समिति को ‘तत्परता’ जताते हुए लिखा था कि “दुबे और देहाद्राई द्वारा मेरे खिलाफ लगाए गए झूठे, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक आरोपों के खिलाफ खुद का बचाव करने के लिए निष्पक्ष सुनवाई और पर्याप्त अवसर दिया जाए।”

मोईत्रा ने कहा कि “मैं पहले से ही 30 अक्टूबर से 4 नवंबर 2023 तक अपने निर्वाचन क्षेत्र में कई पूर्व-निर्धारित विजयादशमी सम्मेलनों/बैठकों (सरकारी और राजनीतिक दोनों) में भाग लेने के लिए प्रतिबद्ध हूं और 31 अक्टूबर 2023 को दिल्ली में नहीं रह सकती हूं।” इसलिए, मैं अनुरोध करती हूं 5 नवंबर 2023 के बाद समिति की पसंद की किसी भी तारीख और समय पर समिति के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का समय दिया जाए।

एक हालिया उदाहरण के रूप में, सांसद रमेश बिधूड़ी, जिन्हें 10 अक्टूबर को विशेषाधिकार समिति ने बुलाया था, उन्होंने अनुरोध किया था कि “उनकी राजस्थान में राजनीतिक बैठकें पहले से तय थीं और उन्हें समय चाहिए। तब उन्हें इसी शाखा की ओर से समान शिष्टाचार दिया गया था।”

मोइत्रा ने कहा कि उनका “व्यक्तिगत ईमानदारी का स्वच्छ रिकॉर्ड” है। उन्होंने कहा कि वह “विपक्ष की एक मुखर सदस्य हैं और विभिन्न कॉरपोरेट घोटालों के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए जिम्मेदार हैं।”

इसके अलावा समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर को संबोधित एक पत्र में उन्होंने कहा कि समिति की ओर से ‘कथित आरोपी शिकायतकर्ता’ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राई को उनसे पहले बुलाना और उनके बयान को सुनना ‘न्याय के प्राकृतिक आदेश के खिलाफ’ था।

लोकसभा आचार समिति, जिसने मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों की जांच शुरू की, ने गुरुवार 26 अक्टूबर को, दो घंटे से अधिक समय तक दुबे और देहाद्राई का पक्ष सुना था। समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद विनोद सोनकर ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि मोइत्रा को 31 अक्टूबर को पैनल के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।

विनोद सोनकर ने कहा कि समिति ने मोइत्रा, उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी और देहाद्राई के बीच सभी संचार और बातचीत को साझा करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और गृह मंत्रालय को लिखने का भी फैसला किया है। समिति ने यह निर्णय गुरुवार 26 अक्टूबर की दोपहर देहाद्राई और दुबे की ओर से पेश किए गए मौखिक साक्ष्य को सुनने के बाद लिया।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments