मोदी सरकार की तानाशाही के विरोध में विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन

नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में सत्तारूढ़ दल के सदस्य नहीं बल्कि सभापति ही विपक्षी सांसदों को शांत करने में लगे हैं। गुरुवार को जिस तरह से संसद के दोनों सदनों से विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया वह अभूतपूर्व था। लोकसभा से एक ऐसे सांसद को निलंबित किया गया, जो गुरुवार को सदन में अनुपस्थित थे। यानि नई संसद में आने के बाद का यह नया नियम है। जो सांसद सदन में नहीं है उसे भी सदन में हंगामा करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया।

शुक्रवार को संसद परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष इंडिया गठबंधन के नेताओं ने 14 सांसदों के निलंबन के विरोध में प्रदर्शन किया। गुरुवार को राज्यसभा से टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन, लोकसभा से विपक्षी दलों के 13 सांसद, जिसमें 9 सांसद कांग्रेस के थे। डीएमके सांसद कनिमोझी को भी लोकसभा से निलंबित किया गया था। डेरेक ओ ब्रायन विरोध प्रदर्शन में एक टी शर्ट पहन कर आए थे जिसमें लिखा था कि वह मौन प्रदर्शन करने आए हैं।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे विपक्ष के सांसदों का समर्थन किया।

निलंबित सांसदों ने कहा कि संसद में आवाज़ उठाना गुनाह हो गया है। विपक्ष के सांसदों ने सदन की सुरक्षा में सेंध को लेकर सवाल पूछे। पीएम मोदी और गृह मंत्री को इस गंभीर मुद्दे पर जवाब देना चाहिए था। इसके उलट तानाशाही रवैया अपनाते हुए सांसदों को ही सस्पेंड कर दिया।

निलंबित सांसदों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर लिखा था कि उन्हें बोलने के कारण निलंबित किया गया है, जबकि “दोषी भाजपा सांसद” खुलेआम घूम रहे थे। कांग्रेस ने घुसपैठियों को विजिटर पास मुहैया कराने वाले बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। प्रदर्शन कर रहे सांसदों ने यह भी मांग की कि उनका निलंबन रद्द किया जाए।

लोकसभा से निलंबित किए गए सांसदों में से एक हिबी ईडन ने कहा कि “निलंबन और निष्कासन इस सरकार के लिए कोई नई बात नहीं है, पिछले हफ्ते महुआ मोइत्रा को निष्कासित कर दिया गया था। इस हफ्ते, घुसपैठियों के लिए पास जारी करने वाले मैसूर के भाजपा सांसद स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं, और मुझे और मेरे सहयोगियों को आवाज उठाने के लिए निलंबित कर दिया गया है। इंडिया गठबंधन की बहुत वास्तविक मांग है कि गृह मंत्री और प्रधानमंत्री को संसद में बोलना चाहिए।”

विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा और राज्यसभा दोनों को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।

कांग्रेस सांसद टी एन प्रतापन, हिबी एडेन, जोथिमनी, राम्या हरिदास, डीन कुरियाकोस, वीके श्रीकंदन, बेनी बेहानन, मोहम्मद जावेद और मनिकम टैगोर; सीपीआई-एम सांसद पीआर नटराजन और एस वेंकटेशन, डीएमके की कनिमोझी और सीपीआई के के सुब्बारायण को कार्यवाही में बाधा डालने के लिए गुरुवार को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया।

निलंबित सांसदों में डीएमके के एसआर पार्थिबन का भी नाम था। हालांकि, बाद में लोकसभा ने उनका निलंबन वापस ले लिया क्योंकि वह सदन में मौजूद नहीं थे और उनका नाम गलती से शामिल हो गया था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने 14 सांसदों के निलंबन को लेकर शुक्रवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विपक्ष को चुप कराने के लिए किया गया।

चिदंबरम ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि, “भाजपा की राजनीति बहुत नीचे तक गिर गई है। यदि विपक्ष चाहता है कि माननीय प्रधानमंत्री या माननीय गृह मंत्री 13 दिसंबर को सुरक्षा के भयानक उल्लंघन पर संसद में बयान दें, तो क्या ऐसी मांग करने वाले सदस्यों को निलंबित कर दिया जाएगा।”

पूर्व गृह मंत्री ने कहा, “सांसदों का निलंबन सुरक्षा का उल्लंघन करने वालों के लिए कोई बाधा नहीं है। इसका उद्देश्य विपक्ष को चुप कराना है।”

कांग्रेस ने गुरुवार को विपक्षी सांसदों के निलंबन को “लोकतंत्र की हत्या” बताया और भाजपा सरकार पर संसद को “रबर स्टैंप” बनाने का आरोप लगाया।

लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार संसद में सुरक्षा चूक और उसमें भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की भूमिका से लोगों का ध्यान हटाने के लिए विपक्षी सांसदों को निलंबित किया।

कांग्रेस संचार प्रमुख जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि “हमारे देश के गृहमंत्री टीवी चैनल पर जाकर संसद में हुई घटना पर बात करते हैं, लेकिन वे सदन में बोलने को तैयार नहीं हैं। गृह मंत्री अमित शाह इस घटना में भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की भूमिका से ध्यान भटकाना चाहते हैं। सरकार की तरफ से पहले इसे एक छोटी घटना बताया गया था, लेकिन फिर संसद में घुसने वालों पर यूएपीए (UAPA) का केस लगाया गया है। इससे यह साफ है कि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मामला है।”

उन्होंने कहा कि “गृह मंत्री अहंकारी हैं। वो सदन की सुरक्षा के चूक के मामले में टीवी चैनल के शो में बात करते हैं। लेकिन वही बात वो सदन के अंदर बोलने को तैयार नहीं हैं। इंडिया गठबंधन के सांसदों ने यह मांग की है कि गृह मंत्री सदन में बयान दें, लेकिन सरकार ने इसे माना नहीं है। इस वजह से दो दिन से सदन की कार्यवाही नहीं चल पाई है।”

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि “संसद पर दो बार हमला हो चुका है, दोनों बार बीजेपी सत्ता में थी। भाजपा सरकार ने नई संसद बनाई और दावा किया कि यह दुनिया की सबसे सुरक्षित इमारत है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, संभावित सुरक्षा उल्लंघन के बारे में इंटेल स्रोतों से स्पष्ट जानकारी थी। संसद अब मजाक बन गयी है; उन्होंने इसे वैसा ही बना दिया है।”

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