हेमंत सोरेन को ईडी ने भेजा एक और समन, 24 अगस्त को उपस्थित होने का फरमान

रांची। जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए 8 अगस्त को झाखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा एक समन भेजा गया था, जिसमें सोरेन को 14 अगस्त को ईडी के रांची जोनल ऑफिस में उपस्थित होने को कहा था। जिसके जवाब में हेमंत सोरेन ने ईडी को एक पत्र लिखकर समन को गैर कानूनी बताने के साथ-साथ उसे वापस लेने को कहा गया। हेमंत सोरेन के पत्र के जवाब में ईडी द्वारा पुनः 19 अगस्त को एक समन भेजकर सीएम को 24 अगस्त को ईडी कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है। जिसको लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।

झारखंड प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जमीन लूट में फंसने का डर अब मुख्यमंत्री को सता रहा है, जिस कारण ईडी के बुलावे पर भी मुख्यमंत्री नहीं जा रहे हैं। साथ ही महंगे वकीलों को हायर करने लगे हैं। अगर सीएम ने कुछ गलत नहीं किया है तो ईडी के बुलावे पर जाकर अपनी बात रखें।

वहीं गोड्डा के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट में सोरेन का बिना नाम लिए लिखा है कि “24 अगस्त को राजा साहब को प्रवर्तन निदेशालय ने फिर चाय पर बुलाया है।”

बता दें कि 8 अगस्त को भी ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजकर 14 अगस्त को उपस्थित होने को कहा था। लेकिन वो ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर कहा था कि समन वापस ले, मैं कानूनी सलाह ले रहा हूं। मुख्यमंत्री ने लिखा था कि आपका इस मामले में किया गया समन गैर कानूनी है। वे कानूनी सलाह लेकर ही आगे बढ़ेंगे।

सोरेन ने अपने पत्र में लिखा था “आपके द्वारा 14 अगस्त की तारीख का चयन अधोहस्ताक्षरी (हेमंत सोरेन) के लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है। आप और आपके राजनीतिक आका इस बात से पूरी तरह परिचित हैं कि झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते, अधोहस्ताक्षरी 15 अगस्त 2023 को भारत गणराज्य के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाले हैं।”

“स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियां एक सप्ताह पहले से शुरू हो जाती हैं और 14 अगस्त इसके लिए एक महत्वपूर्ण दिन है जब कई बैठकें पूर्व निर्धारित होती हैं। 14 अगस्त 2023 को आपके सामने उपस्थित होने के लिए अधोहस्ताक्षरी को बुलाने वाला फैसला जानबूझकर दिया गया है”। मुख्यमंत्री ने कहा कि “इस फैसले से न केवल अधोहस्ताक्षरकर्ता बल्कि झारखंड राज्य की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार और झारखंड राज्य के लोगों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश रची गई है।”

इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जमीन घोटाला मामले में झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दूसरा समन भेजा है। ईडी ने सोरेन को 24 अगस्त को ईडी के रांची जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा है। सूत्रों से आज मिली जानकारी के अनुसार ईडी के अधिकारी मुख्यमंत्री सोरेन से उनके और उनके परिवार की संपत्तियों के बारे में भी पूछताछ करेंगे।

बता दें कि जमीन घोटाले के मामले में अब तक 14 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। जिसमें मुख्‍यमंत्री के करीबी प्रेम प्रकाश, रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल, न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल और सीओ भानुप्रताप भी शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि जमीन घोटाले के मामले में रांची के चेशायर होम रोड में सरकारी और सेना की जमीन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खरीदने और बेचने का आरोप है। रांची में जमीन घोटाले मामले में रांची प्रमंडल के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर जांच हो रही है। जिसमें सेना के कब्जे वाली जमीन के सिलसिले में जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। रिपोर्ट के अनुसार, फर्जी नाम और पते के आधार पर सेना की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है।

बता दें कि ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को आरसी– 25/23 (ईसीआईआर) में समन किया है। इससे पूर्व 17 नवंबर 2022 को ईडी ने अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान ईडी ने उनसे पत्थर खनन से जुड़े कई सवाल किये थे। साथ ही हेमंत सोरेन से संपत्ति की पूरी जानकारी मांगी थी। उस वक्त सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को एक खुली चिट्ठी लिखकर चुनौती दी थी।

ईडी ने जमीन घोटाले की जांच दक्षिणी छोटानागपुर के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर शुरू की थी। सेना के कब्जे वाली जमीन मामले की जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख था कि फर्जी नाम-पते के आधार पर सेना की जमीन की खरीद-बिक्री हुई है। रांची नगर निगम ने मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी थी। ईडी ने उसी प्राथमिकी को ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।

जमीन घोटाले मामले की जब जांच शुरू हुई तो सबसे पहला छापा नवंबर 2022 में व्यापारी विष्णु अग्रवाल और अमित अग्रवाल के ठिकानों पर पड़ा था। दूसरी बार 13 अप्रैल को ईडी ने रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, कर्मचारी भानु प्रताप समेत जमीन के कारोबार से जुड़े लोगों के 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी ने छापेमारी में कई अहम सबूत मिलने का दावा किया था। वहीं छापेमारी के दौरान सरकारी दस्तावेज घर में रखने के आरोप में ईडी ने कर्मचारी भानु प्रताप सहित सात जमीन कारोबारियों को गिरफ्तार किया था।

सभी अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गयी तो ईडी को जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने में शामिल अन्य लोगों की जानकारी मिली। जिसके बाद ईडी ने रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, कारोबारी अमित अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल, दिलीप घोष, प्रदीप बागची समेत कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया। इस मामले में ईडी ने 24 अप्रैल को मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थापित पीपीएस उदय शंकर के ठिकानों पर भी छापा मारा था। ईडी को जानकारी मिली थी कि जमीन कारोबारियों को प्रशासनिक मदद पहुंचाने की कोशिश इसी जगह से होती थी।

बता दें कि 8 अगस्त को ईडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गए समन में 14 अगस्त 2023 को ईडी के रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय बुलाया गया था। लेकिन सीएम ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे, बल्कि सीएम सचिवालय से डाक लेकर एक कर्मी ईडी कार्यालय पहुंचा था। यहां अधिकारियों को सीलबंद लिफाफा सौंपा गया था। समन जारी होने के बाद मुख्यमंत्री की ओर से समय मांगे जाने की संभावना जतायी जा रही थी। जबकि समय मांगने की जगह उन्होंने पत्र भेज कर कानूनी तरीका अपनाने की सूचना ईडी को दी थी। अब संभावना जताई जा रही है कि ईडी द्वारा जारी किये गये समन के आलोक में उनसे आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जा सहित जमीन से जुड़े मामलों में पूछताछ की जा सकती है।

इधर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनका परिवार नाम बदलकर अदिवासियों की जमीन को लूट रहा है। रांची के दहरु मुंडा नाम के एक आदिवासी की जमीन 2002 में हेमंत सोरेन ने हेमंत कुमार सोरेन के नाम से खरीदी थी। यह सिर्फ रांची में नहीं बल्कि पूरे झारखंड में हो रहा है। संथाल परगना में जमीन खरीद के मामले में मुख्यमंत्री के पिता शिबू सोरेन ने शिव कुमार सोरेन बनकर जमीन खरीदी थी।

बाबूलाल मरांडी आगे कहते हैं कि ये कैसा आदिवासी परिवार है जो आदिवासियों की जमीन ही लूट रहा है। कैसा आदिवासी मुख्यमंत्री है जो आदिवासियों की जमीन पर कब्जा कर रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे कई उदाहरण है जिसके जरिए सोरेन परिवार ने कई बड़ी संपत्ति खड़ी की है। ऐसी सरकार को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए और इन्हें जेल भेज देना चाहिए। इसके साथ ही बाबूलाल मरांडी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा कि, ‘जब आदिवासियों का मसीहा बनने का ढोंग करने वाला “सोरेन राज परिवार” ही आदिवासियों की ज़मीन लूटेगा, हड़पेगा तो झारखंड और झारखंडियों को बर्बादी से भगवान ही बचा सकता है।

(विशद कुमार वरिष्ठ पत्रकार हैं और झारखंड में रहते हैं।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments