Friday, September 29, 2023

डर और आशंका के बीच मिजोरम से पलायन को मजबूर मैतेई समुदाय के लोग  

मणिपुर में कुकी समुदाय की दो महिलाओं का भीड़ द्वारा नग्न परेड कराने का असर पूरे देश पर पड़ा है। पूरा देश अभी तक सदमें में है। लेकिन इसका असर मिजोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोगों पर भी पड़ रहा है। वहां रहने और काम करने वाले मैतेई समुदाय के लोगों ने मिजोरम से पलायन करना शुरू कर दिया है। 

मिजोरम में रहने वाले मिजो लोगों के साथ मणिपुर के कुकी और जोमी जनजाति के लोगों के गहरे जातीय संबंध हैं। मणिपुर में जिन महिलाओं के साथ ज्यादती की गई, वह कुकी और जोमी जनजाति की ही थीं। इसलिए अब मिजोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय को ये डर सता रहा है कि कहीं कुकी और जोमी जनजाति के लोग उन पर हमला ना कर दें। क्योंकि दो कुकी महिलाओं का नग्न वीडियो सामने आने के बाद से कुकी समुदाय काफी गुस्से में हैं। इसलिए अपनी सुरक्षा की लिहाज से मैतेई मिजोरम छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। 

मिजोरम के मैतेई लोग पूर्व चरमपंथियों के एक संगठन द्वारा “अपनी सुरक्षा के लिए” मिजोरम छोड़ने के आदेश के बाद ऐसा कर रहे हैं। शुक्रवार को, पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज़ एसोसिएशन (पीएएमआरए) ने एक बयान जारी कर कहा कि “मणिपुर में उपद्रवियों द्वारा किए गए बर्बर और जघन्य कृत्यों” के बाद बढ़ते तनाव को देखते हुए मिजोरम अब मैतेई लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है। पीएएमआरए का बयान उस वीडियो के संदर्भ में था जिसमें मणिपुर में भीड़ को दो नग्न महिलाओं की परेड कराते दिखाया गया था।

मणिपुर सरकार के अनुमान के अनुसार, मिजोरम में लगभग 2,000 मैतेई हैं, जिनमें मिजोरम विश्वविद्यालय के शिक्षक भी शामिल हैं, और उनमें से आधे मणिपुर से हैं। मिजोरम के गृह आयुक्त एच. लालेंगमाविया ने शनिवार को पीएएमआरए के नेताओं के साथ बैठक की और बयान पर स्पष्टीकरण मांगा।

मिजोरम सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, “पीएएमआरए प्रतिनिधियों ने कहा कि उनका बयान मिजोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोगों से मणिपुर में चल रहे संघर्ष के संबंध में जन भावनाओं को देखते हुए सावधानी बरतने का अनुरोध करने वाली एक सलाह थी और यह मैतेई लोगों के लिए कोई आदेश या मिजोरम छोड़ने की नोटिस नहीं थी।”

प्रवक्ता ने कहा, पीएएमआरए प्रतिनिधियों ने खेद जताया कि उनके बयान को गलत समझा गया और उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं करने का आश्वासन दिया जिससे राज्य में शांति प्रभावित हो। अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार (21 जुलाई तक) तक मणिपुर के 12,584 चिन-कुकी-ज़ो लोगों ने मिजोरम में शरण ली है।

मिजोरम सरकार ने शनिवार 22 जुलाई को राज्य में रहने वाले मैतई समुदाय के लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा है। उधर, मणिपुर सरकार ने भी एक बयान जारी कहा है कि हम मिजोरम में रह रहे मैतेई समुदाय के लोगों के संपर्क में हैं और अगर उन्हें जरूरत है तो राज्य सरकार उन्हें लाने के लिए चार्टर्ड विमान भेज सकती है।

(‘द हिन्दू’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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