राहुल गांधी ने फिर बोला अडानी पर हमला, कहा- मोदी जी के चहेते उद्योगपति ने जनता की जेब से काटे 32 हजार करोड़

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर उद्योगपति गौतम अडानी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने अडानी पर 32 हजार करोड़ रुपये की चोरी का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा कि अडानी ने उच्च बिजली बिलों के माध्यम से देश के लोगों को सीधे तौर पर लूटा है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में लंदन के अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ को दिखाते हुए कहा कि अडानी समूह गलत कीमत दिखाकर ज्यादा पैसा वसूल रहा है।

राहुल गांधी ने कहा कि पहले हमने 20 हजार करोड़ रुपये की बात की थी और सवाल पूछा था, कि ये पैसा किसका है, कहां से आया? अब पता लगता है कि 20 हजार करोड़ का फिगर गलत था, उसमें 12 हजार करोड़ और जुड़ गया है। तो अब टोटल फिगर 32 हजार करोड़ का हो गया है।

राहुल ने कहा कि अडानी इंडोनेशिया में कोयला खरीदते हैं और जब तक वो कोयला हिंदुस्तान पहुंचता है, उसका रेट बदलकर डबल हो जाता है। ऐसे तकरीबन 12 हजार करोड़ रुपये अडानी ने हिंदुस्तान की जनता की पॉकेट से निकाला है। कैसे ? कोल प्राइस को गलत दिखाकर, ऑवर इनवॉइस करके, यहां पर बिजली के दाम को हेरफेर कर बढ़ाया जा रहा है।

राहुल गांधी ने आगे कहा “कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी ने बिजली की सब्सिडी दी है, मध्य प्रदेश में हम देने जा रहे हैं, अब पता लगता है कि इसका कारण अडानी हैं। तो हिंदुस्तान के नागरिकों को ये समझना होगा कि ये जो आपका बिजली का बिल बढ़ता जा रहा है। इसमें से 12 हजार करोड़ रुपये आपकी जेब में से सीधा अडानी ने लिए हैं और ये दुनिया का एक सबसे जरूरी फाइनेंशियल न्यूज़ पेपर, फाइनेंशियल टाइम्स, लंदन कह रहा है।”

उन्होंने कहा कि अब इसमें इंट्रेस्टिंग बात ये है कि ये स्टोरी आती है, मगर हिंदुस्तान का मीडिया एक सवाल नहीं पूछता। बिजली का मामला है, गरीबों का मामला है, सीधा चोरी का मामला है, मगर हिंदुस्तान में किसी भी अखबार को, किसी भी मीडिया चैनल को इसमें इंटरेस्ट नहीं है।

राहुल ने कहा कि दुनिया के प्रमुख वित्तीय समाचार पत्रों में से एक ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ में एक कहानी है, जहां वे स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि “अडानी और कोयले की कीमत में रहस्यमय वृद्धि।” अडानी इंडोनेशिया में कोयला खरीदते हैं और जब तक कोयला भारत आता है, तब तक इसकी कीमतें दोगुनी हो जाती हैं और उन्होंने लगभग भारत के सबसे गरीब लोगों की जेब से 12,000 करोड़ रुपये लिये हैं। बिजली के दाम बढ़ते जा रहे हैं और अडानी ओवर इंवॉसिंग करते हैं, पैसा गरीबों की जेब से लेते हैं। वह सबसे गरीब लोगों से पैसे लेते हैं।

राहुल ने कहा कि “मेरे लिए दिलचस्प सवाल- फाइनेंशियल टाइम्स में एक बड़ी कहानी है। ये कहानी किसी भी सरकार को गिरा देगी। यह एक ऐसे व्यक्ति द्वारा की गई सीधी चोरी है, जिसे भारत के प्रधानमंत्री द्वारा बार-बार संरक्षित किया गया है। और आश्चर्य की बात यह है कि एक भी भारतीय अखबार इस कहानी को उठाने में दिलचस्पी नहीं रखता, एक भी मीडिया चैनल इस कहानी को लेने में दिलचस्पी नहीं रखता।”

राहुल गांधी ने अडानी पर कार्रवाई न होने पर कहा कि “हम कर्नाटक में बिजली सब्सिडी दे रहे हैं, और मध्य प्रदेश में भी देने जा रहे हैं और जब हम बिजली सब्सिडी दे रहे हैं, अडानी कोयले का बिल बना रहे हैं और भारत के लोगों से सीधे चोरी कर रहे हैं, और मुझे समझ में नहीं आता कि प्रधानमंत्री ऐसा क्यों करते हैं इस बात पर कोई टिप्पणी तक नहीं। भारत के प्रधानमंत्री के संरक्षण के बिना ऐसा नहीं हो सकता, यह असंभव है। तो सवाल ये है कि अडानी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?”

प्रश्‍न पूछे जाने पर कि अडानी मामले में सेबी जांच कर रही है, आप लोग लगातार जेपीसी की मांग कर रहे हैं तो आपको लगता है कि सेबी की जांच से कोई नतीजा निकलेगा? का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सेबी ने सरकार को कहा कि हमें डॉक्‍यूमेंट्स नहीं मिल रहे हैं। लेकिन फाइनेंशियल टाइम्स दिखाते हुए कहता है कि इन लोगों को डॉक्‍यूमेंट्स मिल रहे हैं। फाइनेंशियल टाइम्‍स को सारे डॉक्‍यूमेंट्स मिल गए और हमारे यहां पर सेबी कह रही है कि हमें डॉक्‍यूमेंट्स नहीं मिल रहे हैं, तो साफ मामला है.. हाईएस्ट लेवल ऑफ गवर्नमेंट से प्रोटेक्शन है, प्रधानमंत्री का प्रोटेक्शन है। 32,000 करोड़ रुपये क्लीयरली प्रूवन है।

फाइनेंशियल टाइम्स ने जो खबर छापी है उनके पास प्रूफ है, ये ऐसे नहीं बोल रहे हैं, सारा डॉक्‍यूमेंटेशन है इनके पास, मगर कोई एक्‍शन नहीं और इस बार तो हिन्‍दुस्‍तान की जनता की जेब से चोरी किया जा रहा है। जब आप पंखा चलाते हो, गरीब लोग पंखा चलाते हैं, ट्यूबलाइट जलाते हैं, तो याद रखिए, जैसे ही आप बटन दबाते हो.. ये जैसे मैंने अभी ये स्विच दबाया वैसे ही अडानी की जेब में पैसा जाता है और करवा कौन रहा है, अडानी जी की रक्षा कौन कर रहा है – हिन्‍दुस्‍तान का प्रधानमंत्री।

युवाओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान का युवा अब याद रखिए, जैसे ही आप स्विच दबाते हो, चाहे वो बल्ब हो, पंखा हो, बिजली का पम्प हो। इसका सीधा असर आपके पॉकेट पर पड़ रहा है और पैसा सीधा अडानी की जेब में जा रहा है और अडानी की रक्षा नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। 32,000 करोड़ रुपये तो हमने दिखा दिया है, पता नहीं और कितना है।

एक अन्‍य प्रश्‍न पर कि संसद में या आगे कैसे इस मुद्दे को आप लोग उठाएंगे? राहुल गांधी ने कहा कि हम उठा रहे हैं और ये मसला सिर्फ हम नहीं उठा रहे हैं, ये मसला अब फाइनेंशियल टाइम्‍स ने उठाया है, अलग-अलग देशों में इंक्वायरी हो रही है, लोग सवाल पूछ रहे हैं, मगर हिन्‍दुस्‍तान में कुछ नहीं हो रहा। हिन्‍दुस्‍तान में बिल्कुल ब्लैंक चेक दिया हुआ है अडानी को। जो भी वो चाहते हैं- इलेक्ट्रिसिटी-पावर, पोर्टस, एयर पोर्टस, एग्रीकल्‍चर, जो भी वो करना चाहते हैं, कर सकते हैं, कोई इन्वेस्टीगेशन नहीं होगा।

इस सवाल पर कि आपने कहा है कि कोयला आयात की अधिक बिलिंग के कारण आम उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली की कीमत बढ़ रही है? राहुल गांधी ने कहा- नहीं! ये मैंने नहीं कहा है, ये ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ नाम के अखबार ने कहा है, मैं बस वही कह रहा हूं जो उन्होंने कहा है।

अन्य सवाल पर कि चूंकि कुछ राज्य सरकारें आम लोगों को बिजली पर सब्सिडी दे रही हैं, अब क्या ये राज्य किसी तरह की जांच शुरू करेंगे क्योंकि उनमें से कुछ पर कांग्रेस पार्टी का शासन है, क्या आप इसकी सिफारिश करेंगे? राहुल गांधी ने कहा- यह एक दिलचस्प विचार है। हम इसकी जांच करेंगे।

एक अन्य प्रश्न पर कि आप लगातार पीएम से सवाल पूछते हैं कि अडानी की जांच क्यों नहीं करवाई जाती, शरद पवार से आप ने ये सवाल पूछा कि अडानी में ऐसा क्‍या है, जहां पूरा इंडिया अडानी के इशू पर एकजुट है, शरद पवार बार-बार अडानी जी से मिलते हैं इस पर आपकी क्या राय है? राहुल गांधी ने कहा कि नहीं मैंने उनसे ये सवाल नहीं पूछा है। शरद पवार भारत के प्रधानमंत्री नहीं हैं और ना ही शरद पवार अडानी की रक्षा कर रहे हैं। मोदी कर रहे हैं और इसलिए, मैं यह सवाल मोदी से पूछता हूं, न कि शरद पवार से। यदि शरद पवार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में बैठे होते, और यदि वह अडानी की रक्षा कर रहे होते, तो मैं शरद पवार से भी यह प्रश्न पूछ रहा होता।

एक अन्‍य प्रश्‍न पर कि लगातार आप संसद से लेकर सड़क तक इस मामले को उठा रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, कांग्रेस पार्टी के पास अब क्‍या रास्‍ता बचता है कि इस मामले को ऐसा उठाएं कि असर हो? राहुल गांधी ने कहा कि असर हो रहा है, क्‍योंकि जो प्रधानमंत्री की क्रेडिबिलिटी है, उस पर सवाल उठ रहा है और हिन्‍दुस्‍तान के लोग सब जानते हैं कि जो अडानी की मदद की जा रही है, जो उनको प्रोटेक्‍शन दिया जा रहा है, वो सिर्फ एक व्‍यक्ति दे सकता है, दूसरा व्‍यक्ति नहीं दे सकता, ये गांव-गांव में लोगों को मालूम है और गांव-गांव में लोगों को मालूम है कि अडानी ने भ्रष्‍टाचार किया है, चोरी की है, यहां पर ओवर इंवॉइसिंग की है, 20,000 करोड़ रुपये का मामला उठा है, पूरा देश जानता है।

तो मैं प्रधानमंत्री की मदद करने की कोशिश कर रहा हूं, मैं उनसे कह रहा हूं- आप सफाई दे दीजिए, लेकिन प्रधानमंत्री अपनी क्रेडिबिलिटी की रक्षा नहीं करना चाहते, क्‍योंकि शायद कोई और कारण है।

मैंने सवाल पूछा था। पता नहीं ये किसका पैसा है- 20,000 करोड़ रुपये, 12,000 करोड़ रुपये। शायद ये अडानी का पैसा नहीं है, शायद ये किसी और का है, ये भी हो सकता है।

एक अन्‍य प्रश्‍न पर कि आप कई सालों से मांग कर रहे हैं, जेपीसी तो गठित हुआ नहीं। 2024 का चुनाव बिल्कुल नजदीक है, अगर आपको सरकार बनाने का मौका मिलता है, अडानी तब भी देश में व्यापार करेंगे, क्या कांग्रेस पार्टी जांच कराएगी, अडानी की? राहुल गांधी ने कहा कि बिल्कुल करवाएंगे, क्यों नहीं करवाएंगे? देखिए, ये अडानी की बात नहीं है, ये 32,000 करोड़ रुपये हिन्‍दुस्‍तान की जनता से चोरी किया गया है, मुद्दा वो है और कोई भी 32,000 करोड़ रुपये चोरी करेगा उसकी इंक्वायरी होगी, क्यों नहीं होगी।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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